देहरादून: राजधानी देहरादून में डालनवाला कोतवाली क्षेत्र के पॉश इलाके जज कॉलोनी में शनिवार को उस समय सनसनी फैल गई थी, जब वहां लोगों को पता चला कि यूपी के मुरादाबाद जिले में तैनात डिप्टी एसपी मलखान सिंह के घर उनकी पत्नी की हत्या हो गई है और इल्जाम उनके बेटे आदित्य पर लगा है. इस घटना के हर कोई हैरान है. वहीं, इस हत्याकांड के कई सवाल अनसुलझे हैं, जैसे- आखिर कैसे मां की देखभाल करने वाला बेटे खूनी बन गया, अचानक वो कौन से हालत बने, जिसने आदित्य को इतना बड़ा कदम उठाने का मजबूर कर दिया. वहीं, पुलिस की इस पूरे घटनाक्रम की तफ्तीश में जुट गई है.
दरअसल, देहरादून में बलवीर रोड स्थित हाईप्रोफाइल जज कॉलोनी में शनिवार 18 नवंबर का दिन सामान्य दिनों की तरह नहीं था. मकान नंबर 37 में खून के धब्बे यहां हुई किसी बड़ी वारदात को बयां कर रहे थे. घर के आसपास पुलिस की मौजूदगी दिख रही थी और कॉलोनी में सन्नाटा छाया हुआ था.
बेरहमी से मां को मौत के घाट उतारा: दरअसल, देहरादून की इस हाई प्रोफाइल कॉलोनी में एक बेटे ने अपनी मां की ही हत्या कर दी थी. आदित्य नाम के इस युवक ने सब्बल से बड़ी ही बेरहमी के साथ इस घटना को अंजाम दिया, लेकिन पड़ोसी इस पूरी घटना को लेकर कुछ अलग ही स्थिति को बयां कर रहे हैं.
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आदित्य के इस कदम से हर कोई हैरान: पड़ोसियों की मानें तो आदित्य कभी ऐसी वारदात को अंजाम देगा, किसी ने ऐसा सोचा भी नहीं था. मकान नंबर 37 के मालिक मलखान सिंह यूपी पुलिस में डिप्टी एसपी पद पर हैं और उनकी तैनाती मुरादाबाद में है. आदित्य उनका बड़ा बेटा है और उसी ने इस घटना को भी अंजाम दिया.
मां को रोज ले जाता घूमाने: पड़ोसियों की मानें तो आदित्य अपनी मां को हर दिन शाम के समय घुमाने ले जाता था. घर में मां और बेटे अकेले रहते थे. लिहाजा वो काम में अपनी मां का हाथ भी बंटाता था. हालांकि, आदित्य का व्यवहार लोगों से मिलनसार का नहीं था और शायद इसलिए आसपास के लोग उसकी एक्टिविटी या उसकी दूसरी जानकारी से अनभिज्ञ थे. लोगों का कहना है कि मलखान सिंह और उनकी पत्नी बबीता रानी अक्सर लोगों से मिलते थे. उनका व्यवहार बेहद सामान्य था. बबीता अक्सर शाम को अपने बेटे साथ घूमती थी. ऐसे में कभी इस तरह की घटना भी उनके घर में हो सकती है किसी ने सोचा भी नहीं था.
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आदित्य इनता क्रूर कैसे बना? आस पड़ोस के लोगों से जानकारी करने पर पता चला कि आदित्य ने एमबीबीएस के लिए एडमिशन लिया था, लेकिन कुछ ही महीनों के बाद वह पढ़ाई छोड़कर वापस घर लौट आया था. बताया यह भी जा रहा है कि आदित्य की मानसिक स्थिति सही नहीं थी और उसकी दवाइयां भी चल रही थी, लेकिन उसके मानसिक रूप से हालात इतने खराब होंगे किसी ने सोचा भी नहीं था.
मां-बेटे में होता था झगड़ा: कहा यह भी जा रहा है कि 30 साल के आदित्य के कोई भी काम नहीं करने के कारण अक्सर उसकी मां उसे ताने देकर काम करने के लिए प्रेरित करती थी, और इसी बात को लेकर अक्सर मां बेटे में सामान्य कहासुनी भी होती थी. लेकिन बेटा इस तरह से मां की निर्मम हत्या कर देगा, ऐसा किसी ने नहीं सोचा था.
क्या कहते हैं मनोचिकित्सक: इस घटना को लेकर ईटीवी भारत ने मनोचिकित्सक डॉ अरुण से भी बात की. इस घटनाक्रम से जोड़कर पूछे गए सवाल को लेकर डॉ अरुण ने बताया कि, यदि कोई व्यक्ति डिप्रेशन में है तो कई बार वो बड़ा कदम उठा सकता है. इसमें पर्सनालिटी कंपोनेंट भी कई बार ऐसी घटना के पीछे की वजह हो सकते हैं. वहीं, ऐसी घटना करने वाले व्यक्ति की पारिवारिक पृष्ठभूमि व्यक्ति के डिप्रेशन को लेकर काफी अहम होती है. किसी भी शख्स को 15 या 16 साल की उम्र से डिप्रेशन की शिकायत हो सकती है.
ऐसे मामलों में कई बार डिप्रेशन में गए व्यक्ति को अचानक किसी बात को लेकर बार-बार टोके जाने के बाद आक्रामकता आ सकती है. कई बार मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति को ऐसी घटना के दौरान खुद भी नहीं पता होता कि वह क्या कर रहा है. एक तरह से सोचने समझने की क्षमता घटना को अंजाम देते समय खत्म हो जाती है. हालांकि, बाद में ऐसा व्यक्ति घटना को लेकर पछतावा भी करता है.