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Uttarakhand Scholarship Scam: सबसे बड़े छात्रवृत्ति घोटाले में 101 अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

उत्तराखंड से सबसे बड़े छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में एसआईटी ने 101 अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है. इसके अलावा भी अभी लगभग 12 लोगों के खिलाफ जांच चल रही है. जांच पूरी होने के बाद फिर से चार्जशीट दायर की जाएगी. बता दें कि ये मामला साल 2017 में सामने आया था.

Uttarakhand Scholarship Scam
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Published : Feb 21, 2023, 1:02 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में हुए छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी ने 101 अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है. हैरानी की बात ये है कि इस छात्रवृत्ति घोटाले में न केवल उत्तराखंड बल्कि हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी और अधिकारी भी शामिल हैं.

बताया जा रहा है कि अभी 101 अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है, जबकि 10 से अधिक अधिकारियों के खिलाफ अभी भी जांच चल रही है. एसआईटी प्रभारी अमित श्रीवास्तव ने बताया कि इन तमाम लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420 और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं.

आशंका है कि उत्तराखंड में हुआ ये छात्रवृत्ति घोटाला ₹200 करोड़ से भी अधिक का हो सकता है. छात्रवृत्ति घोटाले में न केवल उत्तराखंड बल्कि अन्य राज्यों के शिक्षा संस्थान भी शामिल थे. साल 2019 में इस मामले की जांच एसआईटी को दी गई थी और लगभग 80 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए थे.
पढ़ें- Uttarakhand Assembly Back Door Recruitment: निलंबित सचिव मुकेश सिंघल के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश

शुरुआती जांच में आईपीएस मंजूनाथ टीसी ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए कई शिक्षा संस्थानों के मालिकों और अधिकारियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा था. शुरुआती जांच में 100 से अधिक अधिकारियों के नाम आए थे और 112 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इन 112 में से 101 अधिकारियों के खिलाफ एसआईटी ने कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है.

क्या है मामलाः यह मामला साल 2017 से ही सुर्खियों में रहा है, जब त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री हुआ करते थे. उस वक्त इस मामले का खुलासा हुआ था. समाज कल्याण के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते ₹100 करोड़ से अधिक का सीधा-सीधा गबन सामने आया था. एसआईटी ने इस पूरे मामले पर 161 शिक्षा संस्थानों के मालिकों के खिलाफ भी आरोपपत्र दायर किए हैं, जिसमें से देहरादून के 78 और हरिद्वार के 57 शिक्षा संस्थान शामिल हैं.

एसआईटी प्रभारी अमित श्रीवास्तव का कहना है कि इस पूरे मामले पर जांच पूरी हो गई थी और अब सभी के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी गई है. ये फाइनल चार्जशीट नहीं है, अभी लगभग 12 लोगों के खिलाफ और जांच चल रही है. इनमें से कुछ अधिकारी दूसरे राज्यों के हैं. ऐसे में दूसरे राज्यों से भी समन्वय बनाकर इनके खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति मांगी जा रही है.

देहरादूनः उत्तराखंड में हुए छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी ने 101 अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है. हैरानी की बात ये है कि इस छात्रवृत्ति घोटाले में न केवल उत्तराखंड बल्कि हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी और अधिकारी भी शामिल हैं.

बताया जा रहा है कि अभी 101 अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है, जबकि 10 से अधिक अधिकारियों के खिलाफ अभी भी जांच चल रही है. एसआईटी प्रभारी अमित श्रीवास्तव ने बताया कि इन तमाम लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420 और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं.

आशंका है कि उत्तराखंड में हुआ ये छात्रवृत्ति घोटाला ₹200 करोड़ से भी अधिक का हो सकता है. छात्रवृत्ति घोटाले में न केवल उत्तराखंड बल्कि अन्य राज्यों के शिक्षा संस्थान भी शामिल थे. साल 2019 में इस मामले की जांच एसआईटी को दी गई थी और लगभग 80 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए थे.
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शुरुआती जांच में आईपीएस मंजूनाथ टीसी ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए कई शिक्षा संस्थानों के मालिकों और अधिकारियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा था. शुरुआती जांच में 100 से अधिक अधिकारियों के नाम आए थे और 112 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इन 112 में से 101 अधिकारियों के खिलाफ एसआईटी ने कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है.

क्या है मामलाः यह मामला साल 2017 से ही सुर्खियों में रहा है, जब त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री हुआ करते थे. उस वक्त इस मामले का खुलासा हुआ था. समाज कल्याण के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते ₹100 करोड़ से अधिक का सीधा-सीधा गबन सामने आया था. एसआईटी ने इस पूरे मामले पर 161 शिक्षा संस्थानों के मालिकों के खिलाफ भी आरोपपत्र दायर किए हैं, जिसमें से देहरादून के 78 और हरिद्वार के 57 शिक्षा संस्थान शामिल हैं.

एसआईटी प्रभारी अमित श्रीवास्तव का कहना है कि इस पूरे मामले पर जांच पूरी हो गई थी और अब सभी के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी गई है. ये फाइनल चार्जशीट नहीं है, अभी लगभग 12 लोगों के खिलाफ और जांच चल रही है. इनमें से कुछ अधिकारी दूसरे राज्यों के हैं. ऐसे में दूसरे राज्यों से भी समन्वय बनाकर इनके खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति मांगी जा रही है.

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