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फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी करने का मामला, 55 शिक्षकों के खिलाफ SIT ने कोर्ट में दाखिल की चार्ज शीट

बेसिक शिक्षा विभाग उत्तराखंड में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षकों की अब जेल जाना पड़ सकता है, क्योंकि इस मामले की जांच कर रही सीबीसीआईडी की एसआईटी ने 55 अध्यापकों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है.

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Published : Jul 29, 2022, 5:45 PM IST

Updated : Jul 29, 2022, 9:52 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सालों से नौकरी कर रहे सरकारी शिक्षकों को जल्द ही जेल की हवा खानी पड़ सकती है. इस पूरे मामले की जांच कर रही सीबीसीआईडी की एसआईटी ने अभीतक 55 अध्यापकों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. एसआईटी प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 85 शिक्षकों के खिलाफ 76 मुकदमे दर्ज करा चुकी हैं. वहीं, 127 शिक्षकों के खिलाफ जांच रिपोर्ट निदेशक विद्यालयी शिक्षा को भेजी जा चुकी है. जिन शिक्षकों के खिलाफ एसआईटी ने कार्रवाई की है, वो सभी साल 2012-2016 के बीच नियुक्त हुए हैं.

बता दें कि साल 2012 से 2016 तक नियुक्त बेसिक शिक्षा के अध्यक्ष को की भर्ती मामले में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाने का मामला सामने आया था. इस मामले में शासन के निर्देश पर सीबीसीआईडी को जांच सौंपी गई थी, जिस पर 2017 से जांच पड़ताल कर कार्रवाई जारी है.

पढ़ें- उत्तराखंड के विकास का रोड मैप सलाहकारों के जिम्मे, CM धामी का निवेश बढ़ाने पर जोर

एसआईटी के पास 9,602 शिकायतें: साल 2016 में एसपी लोकगीत सिंह के नेतृत्व में सीबीसीआईडी की एक एसआईटी गठित की गई थी. एसआईटी ने जांच शुरू करने से पहले नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें लिखा था कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने नौकरी करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कोई भी शिकायत कर सकता है. तब से लेकर अभीतक एसआईटी के पास 9,602 शिकायतें आई. एसआईटी 9,602 शिकायतों के सापेक्ष 64,641 अभिलेख व दस्तावेजों में 38,738 दस्तावेज सत्यापित कर चुकी है. जबकि अभी 25,903 अभिलेख जांच पड़ताल में सत्यापन होने शेष है.

इस केस में एसआईटी के सामने सबसे बड़ी मुश्किल आरोपियों शिक्षकों के दस्तावेजों का सत्यापन करना है. क्योंकि एसआईटी आरोपियों शिक्षकों की डिग्रियों के लिए जब देश के अलग-अलग शिक्षण संस्थाओं और यूनिवर्सिटी से रिकॉर्ड मांग रही है तो वो आनाकानी कर रहे है. वहीं संस्थान तो इसके लिए फीस भी मांग रहे हैं, जो एसआईटी ड्राफ्ट और ऑनलाइन पेमेंट के जरिए भेज रही है. बावजूद इसके कुछ शिक्षण संस्थान एसआईटी को स्पोर्ट नहीं कर रहे है.

पढ़ें- उत्तराखंड में 'हर घर तिरंगा अभियान' के तहत 20 लाख घरों में फहराया जाएगा ध्वज, नोडल अधिकारी तैनात

वहीं, कुछ ऐसे भी संस्थान है जो पत्राचार के बिना दस्तावेजों के सत्यापन का जवाब ही नहीं दे रहे है. सीबीसीआईडी एसपी लोकजीत सिंह के मुताबिक, फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी पाने वाले अध्यापकों के खिलाफ लगातार जांच-पड़ताल की कार्रवाई जारी है. बाहरी राज्यों के कई शिक्षण संस्थानों से अभिलेखों के सत्यापन को लेकर सहयोग न मिलने के कारण कुछ मामलों की जांच में देरी हो रही है.

ऐसे में अब जल्द ही सीबीसीआईडी की टीमें अलग-अलग राज्यों जैसे जम्मू कश्मीर, बिहार, हिमाचल प्रदेश, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पश्चिम बंगाल के कई शिक्षण संस्थानों में जाकर दस्तावेजों की जांच पड़ताल कर सत्यापन की कार्रवाई करेगी. अब तक 55 अध्यापकों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है.

जिलेवार शिक्षकों पर दर्ज मुकदमें

जिला मुकदमों की संख्या
हरिद्वार36
देहरादून 04
रुद्रप्रयाग 25
पौड़ी गढ़वाल 01
उधमसिंह नगर 04
अल्मोड़ा 01
पिथौरागढ़ 01

देहरादून: उत्तराखंड में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सालों से नौकरी कर रहे सरकारी शिक्षकों को जल्द ही जेल की हवा खानी पड़ सकती है. इस पूरे मामले की जांच कर रही सीबीसीआईडी की एसआईटी ने अभीतक 55 अध्यापकों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. एसआईटी प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 85 शिक्षकों के खिलाफ 76 मुकदमे दर्ज करा चुकी हैं. वहीं, 127 शिक्षकों के खिलाफ जांच रिपोर्ट निदेशक विद्यालयी शिक्षा को भेजी जा चुकी है. जिन शिक्षकों के खिलाफ एसआईटी ने कार्रवाई की है, वो सभी साल 2012-2016 के बीच नियुक्त हुए हैं.

बता दें कि साल 2012 से 2016 तक नियुक्त बेसिक शिक्षा के अध्यक्ष को की भर्ती मामले में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी पाने का मामला सामने आया था. इस मामले में शासन के निर्देश पर सीबीसीआईडी को जांच सौंपी गई थी, जिस पर 2017 से जांच पड़ताल कर कार्रवाई जारी है.

पढ़ें- उत्तराखंड के विकास का रोड मैप सलाहकारों के जिम्मे, CM धामी का निवेश बढ़ाने पर जोर

एसआईटी के पास 9,602 शिकायतें: साल 2016 में एसपी लोकगीत सिंह के नेतृत्व में सीबीसीआईडी की एक एसआईटी गठित की गई थी. एसआईटी ने जांच शुरू करने से पहले नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें लिखा था कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने नौकरी करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कोई भी शिकायत कर सकता है. तब से लेकर अभीतक एसआईटी के पास 9,602 शिकायतें आई. एसआईटी 9,602 शिकायतों के सापेक्ष 64,641 अभिलेख व दस्तावेजों में 38,738 दस्तावेज सत्यापित कर चुकी है. जबकि अभी 25,903 अभिलेख जांच पड़ताल में सत्यापन होने शेष है.

इस केस में एसआईटी के सामने सबसे बड़ी मुश्किल आरोपियों शिक्षकों के दस्तावेजों का सत्यापन करना है. क्योंकि एसआईटी आरोपियों शिक्षकों की डिग्रियों के लिए जब देश के अलग-अलग शिक्षण संस्थाओं और यूनिवर्सिटी से रिकॉर्ड मांग रही है तो वो आनाकानी कर रहे है. वहीं संस्थान तो इसके लिए फीस भी मांग रहे हैं, जो एसआईटी ड्राफ्ट और ऑनलाइन पेमेंट के जरिए भेज रही है. बावजूद इसके कुछ शिक्षण संस्थान एसआईटी को स्पोर्ट नहीं कर रहे है.

पढ़ें- उत्तराखंड में 'हर घर तिरंगा अभियान' के तहत 20 लाख घरों में फहराया जाएगा ध्वज, नोडल अधिकारी तैनात

वहीं, कुछ ऐसे भी संस्थान है जो पत्राचार के बिना दस्तावेजों के सत्यापन का जवाब ही नहीं दे रहे है. सीबीसीआईडी एसपी लोकजीत सिंह के मुताबिक, फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी पाने वाले अध्यापकों के खिलाफ लगातार जांच-पड़ताल की कार्रवाई जारी है. बाहरी राज्यों के कई शिक्षण संस्थानों से अभिलेखों के सत्यापन को लेकर सहयोग न मिलने के कारण कुछ मामलों की जांच में देरी हो रही है.

ऐसे में अब जल्द ही सीबीसीआईडी की टीमें अलग-अलग राज्यों जैसे जम्मू कश्मीर, बिहार, हिमाचल प्रदेश, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पश्चिम बंगाल के कई शिक्षण संस्थानों में जाकर दस्तावेजों की जांच पड़ताल कर सत्यापन की कार्रवाई करेगी. अब तक 55 अध्यापकों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है.

जिलेवार शिक्षकों पर दर्ज मुकदमें

जिला मुकदमों की संख्या
हरिद्वार36
देहरादून 04
रुद्रप्रयाग 25
पौड़ी गढ़वाल 01
उधमसिंह नगर 04
अल्मोड़ा 01
पिथौरागढ़ 01
Last Updated : Jul 29, 2022, 9:52 PM IST
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