नाहन/देहरादूनः अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायाधीश-द्वितीय) सिरमौर डॉ. अबीरा बासु की अदालत ने बुधवार को एनडीपीएस एक्ट के मामले में 4 आरोपियों को दोषी करार दिया. अफीम रखने के इन चारों दोषियों को अदालत ने 10-10 साल के कठोर कारावास व एक-एक लाख रुपए के जुर्माने की सजा (Sirmour court sentenced for possessing opium )सुनाई है. जुर्माना राशि अदा ना करने पर दोषियों को 6-6 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
दोषियों में 3 उत्तराखंड के निवासीः दरअसल, अफीम के साथ पकड़े गए 3 दोषी उत्तराखंड के देहरादून, जबकि एक अन्य दोषी जिला हिमाचल प्रदेश के शिमला के जुब्बल का रहने वाला है. अदालत में मामले की पैरवी अतिरिक्त जिला न्यायवादी प्रशांत सिंह ने की. अतिरिक्त जिला न्यायवादी प्रशांत सिंह ने बताया कि मामला 11 जुलाई 2016 का है. उन्होंने बताया कि कालाअंब पुलिस ने एक ट्रक नंबर एचपी10बी-1117 ट्रक को जांच के लिए रोका था. जब ट्रक की तलाशी ली गई तो 2.724 किलो ग्राम अफीम बरामद हुई. इसके बाद पुलिस ने ट्रक को कब्जे में लेकर चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
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16 गवाहों के बयान बने सबूत: इन आरोपियों में राजू धरती पुत्र धन बहादुर निवासी विकासनगर, जिला देहरादून, शंकर थापा पुत्र कमल थापा निवासी विकासनगर, जिला देहरादून, नवीन पुत्र नैन बहादुर निवासी विकासनगर, जिला देहरादून व बिशन सिंह पुत्र लाल सिंह निवासी ग्राम सास्कीर, तहसील जुब्बल, जिला शिमला, हिमाचल प्रदेश शामिल थे. कालाअंब पुलिस ने मामले में NDPS एक्ट के तहत गहनता से छानबीन करते हुए अदालत में चालान पेश किया. अदालत में 16 गवाहों के बयान दर्ज किए गए. उस दौरान सरकार की ओर से मामले की पैरवी तत्कालीन उप जिला न्यायवादी एकलव्य ने की थी.