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मसूरी विधानसभा क्षेत्र का यह गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से है वंचित

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Published : Mar 17, 2021, 11:00 PM IST

विधानसभा क्षेत्र के सिल्ला गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि दस वर्षों से लगातार क्षेत्र में रोड निर्माण की मांग की जा रही है, पर आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है. जिससे ग्रामीणों में लगातार आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

Mussoorie assembly
Mussoorie assembly

मसूरीः विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने विधायक व वर्तमान में कबीना मंत्री गणेश जोशी एवं जिला पंचायत सदस्य वीर सिंह चैहान से मांग की है कि सिल्ला से भटबेड तक सड़क निर्माण कराया जाए, ताकि ग्रामीणों की समस्या का समाधान हो सके. वहीं, ग्रामीणों का आरोप है कि दस वर्षों से लगातार क्षेत्र में रोड निर्माण की मांग की जा रही है, पर आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे ग्रामीणों में लगातार आक्रोश बढता जा रहा है.

ग्रामीणों ने विधायक व वर्तमान में कबिनेट मंत्री गणेश जोशी एवं जिला पंचायत सदस्य बीर सिंह चौहान को पत्र भेजकर अवगत कराया कि न्याय पंचायत सरोना के अन्तर्गत मूल गांव सिल्ला के नाम से आज तक रोड नहीं पहुंच पायी है, जो कि प्रधानमंत्री सड़क रोजगार योजना के अंतर्गत स्वीकृत हुई थी, जिसमें लगभग 18 किलो मीटर रोड स्वीकृत थी.

वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि पुनः बड़े खेद के साथ विधायक एवं जिला पंचायत सदस्य को अवगत करना पड़ रहा है कि देश को आजाद हुए 72 साल हो गये हैं, परन्तु मूल गांव सिल्ला के निवासी अभी गुलामी की जिंदगी जैसा जीवन-यापन कर रहे हैं. जबकि, राज्य की राजधानी मात्र हमारे मूल गांव सिल्ला से 20 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है. लेकिन बडा दुर्भाग्य है कि अभी तक न तो यहां पर कोई मोबाइल टावर है और न ही यहां पर रोड का निर्माण किया गया. सिल्ला गांव के निवासियों ने कई बार विधायक को रोड बनाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है और विधायक ने क्षेत्र की जनता को भरोसा दिया था कि मूल गांव सिल्ला में जरूर रोड़ पहुंचायी जायेगी. लेकिन आजतक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं, विधायक को अवतग कराया गया कि हमारे मूल गांव सिल्ला में अगर किसी की तबियत खराब होती है, तो सड़क तक आने में हमें घण्टों लग जाते हैं और रोगी को पीठ या अन्य साधनों से सड़क तक लाया जाता है. अगर कोई प्रसव वाली महिला एवं बुजुर्ग अचानक अस्पताल ले जाने पड़े, तो अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कईयों की रास्ते में ही मृत्यु हो जाती है. कई बार तो प्रसव वाली महिला उबड़-खाबड़ रास्ते होने से रास्ते में ही प्रसव हो जातें हैं.

ये भी पढ़ेंः किन्नर अखाड़े का विवादों से रहा है चोली दामन का साथ, शाही स्नान पर कई बार खोला मोर्चा

ग्रामीणों ने अनुरोध किया कि मूल गांव सिल्ला के निवासियों की विकट परिस्थियों को देखते हुए मूल गांव सिल्ला तक सड़क निर्माण हेतु अपने स्तर से स्वीकृति प्रदान की जाए. ग्रामीणों ने विधायक को पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि इससे पहले कोई बडी दुर्घटना न हो, समस्त मूल गांव सिल्ला तक रोड बनवाने में सहयोग करें.

वहीं, स्थानीय ग्रामीण मन्सा राम काला ने कहा कि उनकी दादी की तबियत खराब हुई तो तीन किमी सिल्ला से सेरा तक पीठ पर लादकर लाया गया और वहां से 20 किमी देहरादून अस्पताल ले गये, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम दास ने कहा कि इस क्षेत्र में सड़क न होना दुर्भाग्य की बात है, जबकि यह राजधारी के जिले का हिस्सा है.

मसूरीः विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने विधायक व वर्तमान में कबीना मंत्री गणेश जोशी एवं जिला पंचायत सदस्य वीर सिंह चैहान से मांग की है कि सिल्ला से भटबेड तक सड़क निर्माण कराया जाए, ताकि ग्रामीणों की समस्या का समाधान हो सके. वहीं, ग्रामीणों का आरोप है कि दस वर्षों से लगातार क्षेत्र में रोड निर्माण की मांग की जा रही है, पर आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे ग्रामीणों में लगातार आक्रोश बढता जा रहा है.

ग्रामीणों ने विधायक व वर्तमान में कबिनेट मंत्री गणेश जोशी एवं जिला पंचायत सदस्य बीर सिंह चौहान को पत्र भेजकर अवगत कराया कि न्याय पंचायत सरोना के अन्तर्गत मूल गांव सिल्ला के नाम से आज तक रोड नहीं पहुंच पायी है, जो कि प्रधानमंत्री सड़क रोजगार योजना के अंतर्गत स्वीकृत हुई थी, जिसमें लगभग 18 किलो मीटर रोड स्वीकृत थी.

वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि पुनः बड़े खेद के साथ विधायक एवं जिला पंचायत सदस्य को अवगत करना पड़ रहा है कि देश को आजाद हुए 72 साल हो गये हैं, परन्तु मूल गांव सिल्ला के निवासी अभी गुलामी की जिंदगी जैसा जीवन-यापन कर रहे हैं. जबकि, राज्य की राजधानी मात्र हमारे मूल गांव सिल्ला से 20 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है. लेकिन बडा दुर्भाग्य है कि अभी तक न तो यहां पर कोई मोबाइल टावर है और न ही यहां पर रोड का निर्माण किया गया. सिल्ला गांव के निवासियों ने कई बार विधायक को रोड बनाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है और विधायक ने क्षेत्र की जनता को भरोसा दिया था कि मूल गांव सिल्ला में जरूर रोड़ पहुंचायी जायेगी. लेकिन आजतक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं, विधायक को अवतग कराया गया कि हमारे मूल गांव सिल्ला में अगर किसी की तबियत खराब होती है, तो सड़क तक आने में हमें घण्टों लग जाते हैं और रोगी को पीठ या अन्य साधनों से सड़क तक लाया जाता है. अगर कोई प्रसव वाली महिला एवं बुजुर्ग अचानक अस्पताल ले जाने पड़े, तो अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कईयों की रास्ते में ही मृत्यु हो जाती है. कई बार तो प्रसव वाली महिला उबड़-खाबड़ रास्ते होने से रास्ते में ही प्रसव हो जातें हैं.

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ग्रामीणों ने अनुरोध किया कि मूल गांव सिल्ला के निवासियों की विकट परिस्थियों को देखते हुए मूल गांव सिल्ला तक सड़क निर्माण हेतु अपने स्तर से स्वीकृति प्रदान की जाए. ग्रामीणों ने विधायक को पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि इससे पहले कोई बडी दुर्घटना न हो, समस्त मूल गांव सिल्ला तक रोड बनवाने में सहयोग करें.

वहीं, स्थानीय ग्रामीण मन्सा राम काला ने कहा कि उनकी दादी की तबियत खराब हुई तो तीन किमी सिल्ला से सेरा तक पीठ पर लादकर लाया गया और वहां से 20 किमी देहरादून अस्पताल ले गये, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम दास ने कहा कि इस क्षेत्र में सड़क न होना दुर्भाग्य की बात है, जबकि यह राजधारी के जिले का हिस्सा है.

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