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विकासनगर: साहिया-क्वानू मोटर मार्ग पर स्थित है चहेता महादेव मंदिर, जानिए मान्यता - Sahiya Kwanoo Road

विकासनगर में साहिया-क्वानू मार्ग पर चाईता मोड़ के पास पहाड़ी पर महादेव का एक मंदिर स्थित है. इस मंदिर को चहेता महादेव के नाम से जाना जाता है. शनिवार को मंदिर में जागड़ा पर्व मनाया गया. इस दौरान विशाल भंडारे का आयोजन किया गया.

Mahadev Temple
चहेता महादेव मंदिर
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Published : Jun 5, 2022, 3:00 PM IST

विकासनगर: साहिया क्वानू मार्ग पर चाईता मोड़ के पास पहाड़ी पर महादेव का एक मंदिर स्थित है, जिसे चहेता महादेव के नाम से जाना जाता है. 4 जून को हर साल यहां पर विशाल भंडारे का आयोजन कराया जाता है. इस मंदिर का निर्माण खत बमटाड के चिबऊ, नराया और कोटी आदि ग्रामीणों ने आपसी सहयोग के कराया था. तब से हर महाशिवरात्रि के मौके पर यहां भक्तों का तांता लगता है.

नराया गांव के प्रधान श्रीचंद तोमर ने बताया कि 4 जून को हर साल यहां जागड़ा पर्व मनाया जाता है. शनिवार को भी प्रातः काल विधि विधान से शिव मंदिर में पूजा अर्चना की गई. देव दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर में मौजूद रहे. सभी ने मंदिर में माथा टेककर सुख-समृद्धि की कामना की. माना जाता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से चहेता महादेव मंदिर में सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी मुराद हमेशा पूरी होती है.

साहिया-क्वानू मोटर मार्ग पर स्थित है चहेता महादेव मंदिर.

मंदिर की मान्यता: नराया गांव के प्रधान श्रीचंद तोमर ने बताया कि इस मंदिर को लेकर एक मान्यता है कि सैकड़ों वर्ष पूर्व एक चरवाहा जंगल में अपने मवेशियों को चरा रहा था. तभी चरवाहा ने एक पत्थरनुमा शिला को देखा तो उसे खोदकर ले जाने का तीन दिनों तक प्रयास किया. लेकिन वह पत्थर की शिला को नहीं ले जा पाया और उसमें से ततैया निकलने लगी. ततैया ने चरवाहे पर हमला कर दिया.
पढ़ें- 'आश्रम-3' वेब सीरीज विवाद: हरिद्वार में साधु-संतों ने खोला मोर्चा, कहा- नहीं होने देंगे साधुओं की छवि धूमिल

चरवाहे ने यह बात ग्रामीणों को बताई और देवमाली, पंडितों से इसके बारे में जानकारी दी गई. तो पता है कि यह कोई पत्थर की शिला नहीं बल्कि स्वयंभू शिवलिंग हैं. इसके पश्चात आसपास के ग्रामीणों ने पूजा-अर्चना शुरू की. मंदिर के पास एक प्राकृतिक पानी का छोटा सा कुंड भी है, जिससे शिवरात्रि में जलाभिषेक भी किया जाता है.

विकासनगर: साहिया क्वानू मार्ग पर चाईता मोड़ के पास पहाड़ी पर महादेव का एक मंदिर स्थित है, जिसे चहेता महादेव के नाम से जाना जाता है. 4 जून को हर साल यहां पर विशाल भंडारे का आयोजन कराया जाता है. इस मंदिर का निर्माण खत बमटाड के चिबऊ, नराया और कोटी आदि ग्रामीणों ने आपसी सहयोग के कराया था. तब से हर महाशिवरात्रि के मौके पर यहां भक्तों का तांता लगता है.

नराया गांव के प्रधान श्रीचंद तोमर ने बताया कि 4 जून को हर साल यहां जागड़ा पर्व मनाया जाता है. शनिवार को भी प्रातः काल विधि विधान से शिव मंदिर में पूजा अर्चना की गई. देव दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर में मौजूद रहे. सभी ने मंदिर में माथा टेककर सुख-समृद्धि की कामना की. माना जाता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से चहेता महादेव मंदिर में सच्चे मन से मन्नत मांगता है, उसकी मुराद हमेशा पूरी होती है.

साहिया-क्वानू मोटर मार्ग पर स्थित है चहेता महादेव मंदिर.

मंदिर की मान्यता: नराया गांव के प्रधान श्रीचंद तोमर ने बताया कि इस मंदिर को लेकर एक मान्यता है कि सैकड़ों वर्ष पूर्व एक चरवाहा जंगल में अपने मवेशियों को चरा रहा था. तभी चरवाहा ने एक पत्थरनुमा शिला को देखा तो उसे खोदकर ले जाने का तीन दिनों तक प्रयास किया. लेकिन वह पत्थर की शिला को नहीं ले जा पाया और उसमें से ततैया निकलने लगी. ततैया ने चरवाहे पर हमला कर दिया.
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चरवाहे ने यह बात ग्रामीणों को बताई और देवमाली, पंडितों से इसके बारे में जानकारी दी गई. तो पता है कि यह कोई पत्थर की शिला नहीं बल्कि स्वयंभू शिवलिंग हैं. इसके पश्चात आसपास के ग्रामीणों ने पूजा-अर्चना शुरू की. मंदिर के पास एक प्राकृतिक पानी का छोटा सा कुंड भी है, जिससे शिवरात्रि में जलाभिषेक भी किया जाता है.

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