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बंगाला नाले के किनारे डाली जा रही वायरक्रेट, ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप, विभाग ने दी सफाई - ग्रामीण प्रेम सिंह पुंडीर

Shyampur Khairi Khurd Villagers Protest ऋषिकेश के श्यामपुर खैरी खुर्द में बंगाला नाले की बाढ़ से बचाने के वायरक्रेट डाली जा रही है, लेकिन ग्रामीणों ने भ्रष्टाचार की बू आने के शिकायत की है. उनका कहना है कि वायरक्रेट में पत्थर की बजाय मिट्टी और रेत भरी जा रही है. उधर, सिंचाई विभाग का कहना है कि शिकायत मिल पर टीम मौके पर पहुंची थी. जहां वायरक्रेट को खुलवा कर उसमें दोबारा से पत्थर भरवाए गए.

Villagers Protest Against Irrigation Department
श्यामपुर खैरी खुर्द के ग्रामीणों का प्रदर्शन
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 27, 2023, 3:55 PM IST

Updated : Aug 27, 2023, 4:06 PM IST

ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप

ऋषिकेशः श्यामपुर खैरी खुर्द में पांडे प्लॉट की आबादी को बंगाला नाले की बाढ़ से बचाने के लिए सिंचाई विभाग वायरक्रेट डाल रहा है, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों ने खानापूर्ति का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का आरोप है कि वायरक्रेट में मिट्टी और रेती भरी जा रही है, जिससे नाले के उफान में आने पर फिर से जानमाल के नुकसान का खतरा उन्हें सता रहा है. उन्होंने अधिकारियों पर आपदा की आड़ में बंदरबांट करने का आरोप भी लगाया है.

दरअसल, बंगाला नाले की तटीय आबादी की बाढ़ से सुरक्षा के लिए सिंचाई विभाग के वायरक्रेट डालने के काम में अनियमितताओं पर स्थानीय ग्रामीण बिफर गए. उन्होंने गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए वायरक्रेट में बड़े पत्थरों की बजाय मिट्टी और रेत भरने पर काम रुकवा दिया. कुछ देर काम रूकने के बाद संबंधित निर्माण एजेंसी ने फिर से काम शुरू कर दिया. गुस्साए ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर फिर से काम रोकने का प्रयास किया. इसकी शिकायत प्रशासन से भी की.

Villagers Protest Against Irrigation Department
ग्रामीणों का प्रदर्शन

बता दें कि बंगाला नाले के उफान से एक घर जमींदोज हो गया था. जबकि, कई घरों की सुरक्षा दीवारें ढह चुकी हैं. कुछ घरों में दरारें भी आई हैं. क्षेत्रीय विधायक और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल व डीएम बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर अधिकारियों को फौरी इंतजाम के तौर पर गुणवत्तायुक्त काम करने के निर्देश दे चुके हैं. बावजूद, बाढ़ सुरक्षा जैसे संवेदनशील कार्यों में भी गुणवत्ता को ताक पर रखने के आरोप सिंचाई विभाग पर लगे हैं.
ये भी पढ़ेंः नगर आयुक्त पर भड़कीं महिला पार्षद, कहा- मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ा, ये नगर नहीं 'नरक' निगम...

ग्रामीणों का आरोपः स्थानीय ग्रामीण टीकाराम नौटियाल का कहना है कि बंगाला नाले में बाढ़ सुरक्षा कार्यों में घोर अनियमितता बरती जा रही है. उनका आरोप है कि आपदा की आड़ में इस तरह के कामों को बंदरबांट का जरिया बना लिया गया है. इससे अच्छा है कि यह सुरक्षा कार्य किए ही न जाएं.

Villagers Protest Against Irrigation Department
वायरक्रेट की गुणवत्ता पर सवाल

ग्रामीण प्रेम सिंह पुंडीर ने कहा है कि कई लोगों के घरों के भारी क्षति हुई है. नाले से मिट्टी उठाकर भरी जा रही है. यह साफतौर पर धांधली है. न तो यहां ठेकेदार है और न ही विभागीय अधिकारी मौके पर आते हैं. निगरानी के लिए कोई नहीं है. यहां उल्टा-सीधा काम किया जा रहा है. बाढ़ में लोगों को भारी क्षति का सामना करना पड़ा है, वायरक्रेट में गुणवत्ता शून्य है.

वहीं, स्थानीय ग्रामीण गौतम नेगी का कहना है कि मिट्टी और रेत बंगाला नाले में फिर से उफान आने में निकल जाएगी. यह बह जाएगी, जिससे फिर से आबादी को खतरा हो जाएगा. ये सिर्फ भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं है. सरकार को इस तरह के अधिकारियों और ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
ये भी पढ़ेंः पुराने पुश्तों पर ही बना दी 4.5 करोड़ की एप्रोच रोड, सड़क बही तो विभाग दे रहा अजीबो गरीब बयान

सिंचाई विभाग के अधिकारी की सुनेंः सिंचाई विभाग के एसडीओ अनुभव नौटियाल ने कहा कि निर्माण में लापरवाही बरतने की शिकायत मिलते ही मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया गया. इस दौरान एक वायरक्रेट को खुलवा कर उसमें दोबारा से पत्थर भरवाए गए. संबंधित एजेंसी को निर्माण में गुणवत्ता का ख्याल रखने के निर्देश दिए गए हैं. विभागीय अधिकारी मौके पर निगरानी के लिए मौजूद रहते हैं.

सिंचाई विभाग के अधिकारियों के निरीक्षण से कुछ नहीं होता है. बाढ़ सुरक्षा कार्यों में अनियमितता की जांच पटवारी को भेजकर कराई जा रही है. लापरवाही मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति कर रिपोर्ट डीएम को भेजी जाएगी. - योगेश सिंह मेहरा, एसडीएम, ऋषिकेश

ग्रामीणों ने लगाए गंभीर आरोप

ऋषिकेशः श्यामपुर खैरी खुर्द में पांडे प्लॉट की आबादी को बंगाला नाले की बाढ़ से बचाने के लिए सिंचाई विभाग वायरक्रेट डाल रहा है, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों ने खानापूर्ति का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का आरोप है कि वायरक्रेट में मिट्टी और रेती भरी जा रही है, जिससे नाले के उफान में आने पर फिर से जानमाल के नुकसान का खतरा उन्हें सता रहा है. उन्होंने अधिकारियों पर आपदा की आड़ में बंदरबांट करने का आरोप भी लगाया है.

दरअसल, बंगाला नाले की तटीय आबादी की बाढ़ से सुरक्षा के लिए सिंचाई विभाग के वायरक्रेट डालने के काम में अनियमितताओं पर स्थानीय ग्रामीण बिफर गए. उन्होंने गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए वायरक्रेट में बड़े पत्थरों की बजाय मिट्टी और रेत भरने पर काम रुकवा दिया. कुछ देर काम रूकने के बाद संबंधित निर्माण एजेंसी ने फिर से काम शुरू कर दिया. गुस्साए ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर फिर से काम रोकने का प्रयास किया. इसकी शिकायत प्रशासन से भी की.

Villagers Protest Against Irrigation Department
ग्रामीणों का प्रदर्शन

बता दें कि बंगाला नाले के उफान से एक घर जमींदोज हो गया था. जबकि, कई घरों की सुरक्षा दीवारें ढह चुकी हैं. कुछ घरों में दरारें भी आई हैं. क्षेत्रीय विधायक और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल व डीएम बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर अधिकारियों को फौरी इंतजाम के तौर पर गुणवत्तायुक्त काम करने के निर्देश दे चुके हैं. बावजूद, बाढ़ सुरक्षा जैसे संवेदनशील कार्यों में भी गुणवत्ता को ताक पर रखने के आरोप सिंचाई विभाग पर लगे हैं.
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ग्रामीणों का आरोपः स्थानीय ग्रामीण टीकाराम नौटियाल का कहना है कि बंगाला नाले में बाढ़ सुरक्षा कार्यों में घोर अनियमितता बरती जा रही है. उनका आरोप है कि आपदा की आड़ में इस तरह के कामों को बंदरबांट का जरिया बना लिया गया है. इससे अच्छा है कि यह सुरक्षा कार्य किए ही न जाएं.

Villagers Protest Against Irrigation Department
वायरक्रेट की गुणवत्ता पर सवाल

ग्रामीण प्रेम सिंह पुंडीर ने कहा है कि कई लोगों के घरों के भारी क्षति हुई है. नाले से मिट्टी उठाकर भरी जा रही है. यह साफतौर पर धांधली है. न तो यहां ठेकेदार है और न ही विभागीय अधिकारी मौके पर आते हैं. निगरानी के लिए कोई नहीं है. यहां उल्टा-सीधा काम किया जा रहा है. बाढ़ में लोगों को भारी क्षति का सामना करना पड़ा है, वायरक्रेट में गुणवत्ता शून्य है.

वहीं, स्थानीय ग्रामीण गौतम नेगी का कहना है कि मिट्टी और रेत बंगाला नाले में फिर से उफान आने में निकल जाएगी. यह बह जाएगी, जिससे फिर से आबादी को खतरा हो जाएगा. ये सिर्फ भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं है. सरकार को इस तरह के अधिकारियों और ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
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सिंचाई विभाग के अधिकारी की सुनेंः सिंचाई विभाग के एसडीओ अनुभव नौटियाल ने कहा कि निर्माण में लापरवाही बरतने की शिकायत मिलते ही मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया गया. इस दौरान एक वायरक्रेट को खुलवा कर उसमें दोबारा से पत्थर भरवाए गए. संबंधित एजेंसी को निर्माण में गुणवत्ता का ख्याल रखने के निर्देश दिए गए हैं. विभागीय अधिकारी मौके पर निगरानी के लिए मौजूद रहते हैं.

सिंचाई विभाग के अधिकारियों के निरीक्षण से कुछ नहीं होता है. बाढ़ सुरक्षा कार्यों में अनियमितता की जांच पटवारी को भेजकर कराई जा रही है. लापरवाही मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति कर रिपोर्ट डीएम को भेजी जाएगी. - योगेश सिंह मेहरा, एसडीएम, ऋषिकेश

Last Updated : Aug 27, 2023, 4:06 PM IST
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