ऋषिकेशः श्यामपुर खैरी खुर्द में पांडे प्लॉट की आबादी को बंगाला नाले की बाढ़ से बचाने के लिए सिंचाई विभाग वायरक्रेट डाल रहा है, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों ने खानापूर्ति का आरोप लगाया है. ग्रामीणों का आरोप है कि वायरक्रेट में मिट्टी और रेती भरी जा रही है, जिससे नाले के उफान में आने पर फिर से जानमाल के नुकसान का खतरा उन्हें सता रहा है. उन्होंने अधिकारियों पर आपदा की आड़ में बंदरबांट करने का आरोप भी लगाया है.
दरअसल, बंगाला नाले की तटीय आबादी की बाढ़ से सुरक्षा के लिए सिंचाई विभाग के वायरक्रेट डालने के काम में अनियमितताओं पर स्थानीय ग्रामीण बिफर गए. उन्होंने गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए वायरक्रेट में बड़े पत्थरों की बजाय मिट्टी और रेत भरने पर काम रुकवा दिया. कुछ देर काम रूकने के बाद संबंधित निर्माण एजेंसी ने फिर से काम शुरू कर दिया. गुस्साए ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर फिर से काम रोकने का प्रयास किया. इसकी शिकायत प्रशासन से भी की.
बता दें कि बंगाला नाले के उफान से एक घर जमींदोज हो गया था. जबकि, कई घरों की सुरक्षा दीवारें ढह चुकी हैं. कुछ घरों में दरारें भी आई हैं. क्षेत्रीय विधायक और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल व डीएम बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर अधिकारियों को फौरी इंतजाम के तौर पर गुणवत्तायुक्त काम करने के निर्देश दे चुके हैं. बावजूद, बाढ़ सुरक्षा जैसे संवेदनशील कार्यों में भी गुणवत्ता को ताक पर रखने के आरोप सिंचाई विभाग पर लगे हैं.
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ग्रामीणों का आरोपः स्थानीय ग्रामीण टीकाराम नौटियाल का कहना है कि बंगाला नाले में बाढ़ सुरक्षा कार्यों में घोर अनियमितता बरती जा रही है. उनका आरोप है कि आपदा की आड़ में इस तरह के कामों को बंदरबांट का जरिया बना लिया गया है. इससे अच्छा है कि यह सुरक्षा कार्य किए ही न जाएं.
ग्रामीण प्रेम सिंह पुंडीर ने कहा है कि कई लोगों के घरों के भारी क्षति हुई है. नाले से मिट्टी उठाकर भरी जा रही है. यह साफतौर पर धांधली है. न तो यहां ठेकेदार है और न ही विभागीय अधिकारी मौके पर आते हैं. निगरानी के लिए कोई नहीं है. यहां उल्टा-सीधा काम किया जा रहा है. बाढ़ में लोगों को भारी क्षति का सामना करना पड़ा है, वायरक्रेट में गुणवत्ता शून्य है.
वहीं, स्थानीय ग्रामीण गौतम नेगी का कहना है कि मिट्टी और रेत बंगाला नाले में फिर से उफान आने में निकल जाएगी. यह बह जाएगी, जिससे फिर से आबादी को खतरा हो जाएगा. ये सिर्फ भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं है. सरकार को इस तरह के अधिकारियों और ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
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सिंचाई विभाग के अधिकारी की सुनेंः सिंचाई विभाग के एसडीओ अनुभव नौटियाल ने कहा कि निर्माण में लापरवाही बरतने की शिकायत मिलते ही मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया गया. इस दौरान एक वायरक्रेट को खुलवा कर उसमें दोबारा से पत्थर भरवाए गए. संबंधित एजेंसी को निर्माण में गुणवत्ता का ख्याल रखने के निर्देश दिए गए हैं. विभागीय अधिकारी मौके पर निगरानी के लिए मौजूद रहते हैं.
सिंचाई विभाग के अधिकारियों के निरीक्षण से कुछ नहीं होता है. बाढ़ सुरक्षा कार्यों में अनियमितता की जांच पटवारी को भेजकर कराई जा रही है. लापरवाही मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति कर रिपोर्ट डीएम को भेजी जाएगी. - योगेश सिंह मेहरा, एसडीएम, ऋषिकेश