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राजाजी नेशनल पार्क में कर्मचारियों की कमी, अधिकारी नहीं ले रहे सुध

राजाजी नेशनल पार्क में वन्यजीव प्रतिपालक के 3 पद हैं, लेकिन इतने संवेदनशील पार्क में महज एक वन्यजीव प्रतिपालक को ही फिलहाल तैनाती दी गई है.

Uttarakhand Rajaji National Park
उत्तराखंड राजाजी नेशनल पार्क
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Published : Nov 25, 2020, 9:58 PM IST

देहरादून: राजाजी नेशनल पार्क में हर साल देश-विदेश से लाखों सैलानी आते हैं. सैलानी जहां वन्यजीवों के साथ ही प्रकृति का भी नजदीकी से दीदार करते हैं. वहीं राजाजी नेशनल पार्क में अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी यहां के वन्यजीवों पर खतरा बनी हुई है. हालत यह है कि पार्क में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए मानकों से भी कम अधिकारी कर्मचारी मौजूद हैं. इससे भी बड़ी बात यह है कि महकमे के अधिकारी इस को लेकर थोड़ा भी संजीदा नहीं हैं.

गौर हो कि वन विभाग में पिछले दिनों कुछ तबादले किए गए, जिसमें राष्ट्रीय पार्कों से कई अधिकारियों को इधर से उधर किया गया. हालत यह थी कि कुछ जगहों पर अधिकारियों की भरमार कर दी गई तो कुछ पार्कों को अधिकारियों की मौजूदगी से महरूम कर दिया. मामले की शिकायत विभाग के मंत्री और शासन तक पहुंची तब जाकर इन तबादलों पर रोक लगाई गई. लेकिन इस तबादला आदेश ने विभाग में अधिकारियों के वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर संवेदनशीलता की कमी को उजागर कर दिया है.

पढ़ें-ETV भारत IMPACT: विवादित अधिकारी कोमल सिंह से राजाजी पार्क का चार्ज लिया वापस

राजाजी नेशनल पार्क में वन्यजीव प्रतिपालक के 3 पद हैं, लेकिन इतने संवेदनशील पार्क में महज 1 वन्यजीव प्रतिपालक को ही फिलहाल तैनाती दी गई है. इसके अलावा फॉरेस्टर्स और फॉरेस्ट गार्ड की भी पर्याप्त तैनाती राजाजी में नहीं होने की बात कही जा रही है. यह हाल तब है जब राजाजी नेशनल पार्क में लगातार वन्यजीवों के शिकार की सूचनाएं मिलती रही है और कई मामलों में तो जांच भी चल रही है. हालांकि राजाजी में अधिकारियों की कमी को लेकर अब प्रमुख वन संरक्षक रंजना काला ने बताया कि शासन को अधिकारियों की तैनाती के लिए प्रस्ताव भेजा गया है और आदेश आते ही राजाजी में तैनाती की जा सकेगी.

देहरादून: राजाजी नेशनल पार्क में हर साल देश-विदेश से लाखों सैलानी आते हैं. सैलानी जहां वन्यजीवों के साथ ही प्रकृति का भी नजदीकी से दीदार करते हैं. वहीं राजाजी नेशनल पार्क में अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी यहां के वन्यजीवों पर खतरा बनी हुई है. हालत यह है कि पार्क में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए मानकों से भी कम अधिकारी कर्मचारी मौजूद हैं. इससे भी बड़ी बात यह है कि महकमे के अधिकारी इस को लेकर थोड़ा भी संजीदा नहीं हैं.

गौर हो कि वन विभाग में पिछले दिनों कुछ तबादले किए गए, जिसमें राष्ट्रीय पार्कों से कई अधिकारियों को इधर से उधर किया गया. हालत यह थी कि कुछ जगहों पर अधिकारियों की भरमार कर दी गई तो कुछ पार्कों को अधिकारियों की मौजूदगी से महरूम कर दिया. मामले की शिकायत विभाग के मंत्री और शासन तक पहुंची तब जाकर इन तबादलों पर रोक लगाई गई. लेकिन इस तबादला आदेश ने विभाग में अधिकारियों के वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर संवेदनशीलता की कमी को उजागर कर दिया है.

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राजाजी नेशनल पार्क में वन्यजीव प्रतिपालक के 3 पद हैं, लेकिन इतने संवेदनशील पार्क में महज 1 वन्यजीव प्रतिपालक को ही फिलहाल तैनाती दी गई है. इसके अलावा फॉरेस्टर्स और फॉरेस्ट गार्ड की भी पर्याप्त तैनाती राजाजी में नहीं होने की बात कही जा रही है. यह हाल तब है जब राजाजी नेशनल पार्क में लगातार वन्यजीवों के शिकार की सूचनाएं मिलती रही है और कई मामलों में तो जांच भी चल रही है. हालांकि राजाजी में अधिकारियों की कमी को लेकर अब प्रमुख वन संरक्षक रंजना काला ने बताया कि शासन को अधिकारियों की तैनाती के लिए प्रस्ताव भेजा गया है और आदेश आते ही राजाजी में तैनाती की जा सकेगी.

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