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विकासनगर के धौरा पुड़िया गांव में खुदाई के दौरान निकला शिवलिंग, भक्तों का लगा जमावड़ा

विकासनगर के लाखामंडल क्षेत्र के धौरा गांव में खुदाई के दौरान एक अद्भुत शिवलिंग मिला है, जो आसपास के लोगों के लिए कौतुहल का विषय बना हुआ है. भारी संख्या में लोग इस शिवलिंग को देखने के लिए पहुंच रहे हैं.

Shivling found during excavation in Vikasnagar
खुदाई के दौरान निकला अद्भुत शिवलिंग
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Published : Feb 27, 2022, 6:46 PM IST

Updated : Feb 27, 2022, 8:11 PM IST

विकासनगर: उत्तराखंड को देवभूमि के भी नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि उत्तराखंड के कण-कण में देवता निवास करते हैं. आज भी कई ऐतिहासिक धार्मिक स्थल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. ऐसा ही कुछ चकराता के लाखामंडल से 500 मीटर दूर धौरा पुड़िया गांव में देखने को मिला. जहां खुदाई के दौरान अद्भुत शिवलिंग निकला है, जिसे देखने के लिए आसपास के गांवों से लोगों जमावड़ा लगा हुआ है.

बता दें कि विकासनगर से लगता जौनसार बावर क्षेत्र पिछले 2 दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, चकराता तहसील क्षेत्र अंतर्गत लाखामंडल से महज 500 मीटर दूर स्थित धौरा पुड़िया गांव में खुदाई के दौरान अद्भुत शिवलिंग निकला है, जिसे देखने के लिए स्थानीय लोगों के साथ ही बाहरी लोगों का जमावड़ा लगना भी शुरू हो गया है.

खास बात यह भी है कि महाशिवरात्रि से महज 2 दिन पहले निकले शिवलिंग को लोग देवीय चमत्कार से जोड़कर देख रहे हैं. बता दें कि पांडव कालीन महत्व के देवनगरी लाखामंडल को सरकार ने राज्य ने 13 टूरिस्ट डेस्टिनेशन में शामिल किया गया है. जिसके चलते लाखामंडल मुख्य मंदिर से कुछ ही दूरी पर धौरा पुड़िया गांव में एक पुराने मंदिर के पास पर्यटन विकास विभाग द्वारा सौंदर्यीकरण के लिए कुछ निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं.

खुदाई के दौरान निकला अद्भुत शिवलिंग
इस दौरान एक पुरानी दीवार की खुदाई के दौरान पौराणिक शिवलिंग निकला है. लाखामंडल क्षेत्र के बारे में मान्यता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान कुछ समय यहां गुजारा था. जहां धर्मराज युधिष्ठिर ने सवा लाख शिवलिंग की स्थापना की थी, जिसमें सैकड़ों शिवलिंग अभी तक मिल चुके हैं. जिसके चलते इस क्षेत्र को पुरातत्व विभाग ने संरक्षित किया हुआ है. ये भी पढ़ें: शिवरात्रि पर लगेगा कैलू मानसीर देवता का मेला, दूर दराज के गांवों से जुटेंगे भक्त

आज भी किसी मकान या अन्य निर्माण कार्य के दौरान शिवलिंग और पुराणिक मूर्तियां निकलती रहती है. वहीं, धौरा पुड़िया गांव में निकला ये शिवलिंग अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण है. क्योंकि यहां पर निकला ये शिवलिंग जलाभिषेक करने पर जलाभिषेक करने वाले का प्रतिबिंब दिखाता है. स्थानीय लोगों की मानें तो खुदाई के दौरान या शिवलिंग सफेद नजर आ रहा था, लेकिन जब इसका जलाभिषेक किया गया तो इस अद्भुत चमत्कार के दर्शन हुए.

लोगों का कहना है कि ऐसा अद्भुत शिवलिंग उत्तराखंड का दूसरा शिवलिंग है, जिसका जलाभिषेक करने से अपना प्रतिबिंब दिखता है. इससे पूर्व भी लाखामंडल में निकला शिवलिंग मुख्य मंदिर परिसर में स्थापित है. जौनसार बावर जन कल्याण समिति के अध्यक्ष बचना शर्मा ने कहा पर्यटन विभाग से हम अनुरोध करते हैं, जितने भी खुदाई के दौरान शिवलिंग मूर्तियां निकले, उनको सही तरीके से संरक्षित करने का कार्य किया जाए.

विकासनगर: उत्तराखंड को देवभूमि के भी नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि उत्तराखंड के कण-कण में देवता निवास करते हैं. आज भी कई ऐतिहासिक धार्मिक स्थल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. ऐसा ही कुछ चकराता के लाखामंडल से 500 मीटर दूर धौरा पुड़िया गांव में देखने को मिला. जहां खुदाई के दौरान अद्भुत शिवलिंग निकला है, जिसे देखने के लिए आसपास के गांवों से लोगों जमावड़ा लगा हुआ है.

बता दें कि विकासनगर से लगता जौनसार बावर क्षेत्र पिछले 2 दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, चकराता तहसील क्षेत्र अंतर्गत लाखामंडल से महज 500 मीटर दूर स्थित धौरा पुड़िया गांव में खुदाई के दौरान अद्भुत शिवलिंग निकला है, जिसे देखने के लिए स्थानीय लोगों के साथ ही बाहरी लोगों का जमावड़ा लगना भी शुरू हो गया है.

खास बात यह भी है कि महाशिवरात्रि से महज 2 दिन पहले निकले शिवलिंग को लोग देवीय चमत्कार से जोड़कर देख रहे हैं. बता दें कि पांडव कालीन महत्व के देवनगरी लाखामंडल को सरकार ने राज्य ने 13 टूरिस्ट डेस्टिनेशन में शामिल किया गया है. जिसके चलते लाखामंडल मुख्य मंदिर से कुछ ही दूरी पर धौरा पुड़िया गांव में एक पुराने मंदिर के पास पर्यटन विकास विभाग द्वारा सौंदर्यीकरण के लिए कुछ निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं.

खुदाई के दौरान निकला अद्भुत शिवलिंग
इस दौरान एक पुरानी दीवार की खुदाई के दौरान पौराणिक शिवलिंग निकला है. लाखामंडल क्षेत्र के बारे में मान्यता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान कुछ समय यहां गुजारा था. जहां धर्मराज युधिष्ठिर ने सवा लाख शिवलिंग की स्थापना की थी, जिसमें सैकड़ों शिवलिंग अभी तक मिल चुके हैं. जिसके चलते इस क्षेत्र को पुरातत्व विभाग ने संरक्षित किया हुआ है. ये भी पढ़ें: शिवरात्रि पर लगेगा कैलू मानसीर देवता का मेला, दूर दराज के गांवों से जुटेंगे भक्त

आज भी किसी मकान या अन्य निर्माण कार्य के दौरान शिवलिंग और पुराणिक मूर्तियां निकलती रहती है. वहीं, धौरा पुड़िया गांव में निकला ये शिवलिंग अपने आप में बेहद महत्वपूर्ण है. क्योंकि यहां पर निकला ये शिवलिंग जलाभिषेक करने पर जलाभिषेक करने वाले का प्रतिबिंब दिखाता है. स्थानीय लोगों की मानें तो खुदाई के दौरान या शिवलिंग सफेद नजर आ रहा था, लेकिन जब इसका जलाभिषेक किया गया तो इस अद्भुत चमत्कार के दर्शन हुए.

लोगों का कहना है कि ऐसा अद्भुत शिवलिंग उत्तराखंड का दूसरा शिवलिंग है, जिसका जलाभिषेक करने से अपना प्रतिबिंब दिखता है. इससे पूर्व भी लाखामंडल में निकला शिवलिंग मुख्य मंदिर परिसर में स्थापित है. जौनसार बावर जन कल्याण समिति के अध्यक्ष बचना शर्मा ने कहा पर्यटन विभाग से हम अनुरोध करते हैं, जितने भी खुदाई के दौरान शिवलिंग मूर्तियां निकले, उनको सही तरीके से संरक्षित करने का कार्य किया जाए.

Last Updated : Feb 27, 2022, 8:11 PM IST
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