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जर्जर हालत में है सीएम त्रिवेंद्र के विधानसभा क्षेत्र का सरकारी स्कूल, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा - cm trivendra

डोइवाला विधानसभा के माजरी ग्रांट ग्राम सभा के शेरगढ़ सरकारी प्राथमिक विद्यालय काफी जर्जर स्थिति में है. बावजूद इसके अपनी जान जोखिम में डालकर बच्चे इस बिल्डिंग के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं.

जर्जर हालत में सरकारी स्कूल.
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Published : May 5, 2019, 10:01 PM IST

डोइवाला: राज्य सरकार बच्चों को स्कूलों में बेहतर सुविधा देने का दावा कर रही हो. लेकिन हकीकत कुछ और ही ब्यां कर रही है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र के सरकारी स्कूल की बिल्डिंग की हालात जर्जर हो चुकी है और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

जर्जर हालत में सरकारी स्कूल.

डोइवाला विधानसभा के माजरी ग्रांट ग्राम सभा के शेरगढ़ सरकारी प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग काफी जर्जर स्थिति में है. 1950 में बनी यह सरकारी बिल्डिंग लगभग खंडहर में तब्दील हो चुकी है. बिल्डिंग के चारों तरफ भारी भरकम पेड़ दीवारों पर खड़े हैं और पेड़ों की जड़ें स्कूल के कमरों में दीवारों में फैली हुई हैं. बावजूद इसके अपनी जान जोखिम में डालकर बच्चे इस बिल्डिंग के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं.

पढ़ें: विक्षिप्त महिला के लिए लोगों ने बढ़ाए मदद के हाथ, प्रशासन से लगाई घर पहुंचाने की गुहार

स्कूल की प्रधानाचार्य दामिनी का कहना है कि संबंधित विभागों को कई बार बिल्डिंग की खस्ताहाल स्थिति से अवगत कराया जा चुका है. लेकिन विभाग इस और न कोई ध्यान नहीं दे रहा. ऐसे में स्कूल की दीवारों पर खड़े पेड़ों का गिरने का डर लगातार बना रहता है. जिसके चलते स्कूल में बच्चे हमेशा डरे और सहमे रहते हैं, की कहीं स्कूल की बिल्डिंग या पेड़ न गिर जाए.

वहीं, खंड शिक्षा अधिकारी आरएस राणा कहना है कि स्कूल की बिल्डिंग की हालत बेहद खराब है. इस मामले में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है. साथ ही नई बिल्डिंग के वित्तीय व्यवस्था के लिए भी उच्चाधिकारियों को लिख दिया गया है.

डोइवाला: राज्य सरकार बच्चों को स्कूलों में बेहतर सुविधा देने का दावा कर रही हो. लेकिन हकीकत कुछ और ही ब्यां कर रही है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र के सरकारी स्कूल की बिल्डिंग की हालात जर्जर हो चुकी है और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

जर्जर हालत में सरकारी स्कूल.

डोइवाला विधानसभा के माजरी ग्रांट ग्राम सभा के शेरगढ़ सरकारी प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग काफी जर्जर स्थिति में है. 1950 में बनी यह सरकारी बिल्डिंग लगभग खंडहर में तब्दील हो चुकी है. बिल्डिंग के चारों तरफ भारी भरकम पेड़ दीवारों पर खड़े हैं और पेड़ों की जड़ें स्कूल के कमरों में दीवारों में फैली हुई हैं. बावजूद इसके अपनी जान जोखिम में डालकर बच्चे इस बिल्डिंग के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं.

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स्कूल की प्रधानाचार्य दामिनी का कहना है कि संबंधित विभागों को कई बार बिल्डिंग की खस्ताहाल स्थिति से अवगत कराया जा चुका है. लेकिन विभाग इस और न कोई ध्यान नहीं दे रहा. ऐसे में स्कूल की दीवारों पर खड़े पेड़ों का गिरने का डर लगातार बना रहता है. जिसके चलते स्कूल में बच्चे हमेशा डरे और सहमे रहते हैं, की कहीं स्कूल की बिल्डिंग या पेड़ न गिर जाए.

वहीं, खंड शिक्षा अधिकारी आरएस राणा कहना है कि स्कूल की बिल्डिंग की हालत बेहद खराब है. इस मामले में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है. साथ ही नई बिल्डिंग के वित्तीय व्यवस्था के लिए भी उच्चाधिकारियों को लिख दिया गया है.

Intro:
uk- doiwala- pritam singh- 4 may 2019 - hadse ka intjar

जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण कर रहे नौनिहाल जर्जर हालत में हो चुकी बिल्डिंग कभी भी हो सकती है बिल्डिंग धराशाई ।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की डोईवाला विधानसभा का है यह हाल ।

सरकार सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए बड़े-बड़े दावे कर रही है । और सरकारी स्कूलों की खूबियां भी बता रही है लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है सरकारी स्कूलों की हालात इतनी जर्जर हो चुकी है कि कभी भी स्कूल की बिल्डिंग धराशाई हो जाए ।
जी हां हम बात कर रहे हैं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की डोईवाला विधानसभा के माजरी ग्रांट ग्राम सभा के शेरगढ़ के सरकारी प्राथमिक विद्यालय की 1950 में बनी यह सरकारी बिल्डिंग अब खंडहर में तब्दील हो चुकी है बिल्डिंग के चारों तरफ भारी भरकम पेड़ दीवारों पर खड़े हैं और पेड़ों की जड़ें स्कूल के कमरों में दीवारों में फैली हुई हैं और इसी बिल्डिंग के नीचे छोटे-छोटे बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर हो रहे हैं भारी तूफान और तेज बारिश में स्कूल स्टाफ और बच्चों को हमेशा भय सताता रहता है कहीं स्कूल की बिल्डिंग या पेड़ उनके ऊपर ना गिर जाए ।


Body:स्कूल की प्रधानाचार्य दामिनी का कहना है कि कई बार विभाग को बिल्डिंग की खस्ता हालत और स्कूल परिसर में खड़े पेड़ों के बारे में लिख दिया है लेकिन बिल्डिंग की हालत बेहद खराब है और पेड़ों के गिरने का हमेशा भय सताता रहता है लेकिन स्कूल की खस्ता हालत पर ना तो शिक्षा विभाग ही ध्यान दे रहा है और ना ही वन विभाग पेड़ों को कटवाने में कोई रुचि दिखा रहा है जिसके चलते स्कूल में बच्चे हमेशा डरे और सहमे रहते हैं कहीं स्कूल की बिल्डिंग या पेड़ ना गिर जाए ।


Conclusion:खंड शिक्षा अधिकारी आर एस राणा को जब स्कूल की खस्ता हालत बिल्डिंग के बारे में अवगत कराया गया तो उनका कहना है कि स्कूल की बिल्डिंग की हालत बेहद खराब है और इस मामले में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है और जल्द ही नई बिल्डिंग का निर्माण हो वित्तीय व्यवस्था के लिए भी उच्चाधिकारियों को लिख दिया गया है ।

तो कह सकते हैं कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की डोईवाला विधानसभा में सरकारी सिस्टम का यह हाल है तो दूसरी जगहों के स्कूलों का किया हाल होगा आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है शिक्षा विभाग किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है वहीं शिक्षा विभाग के दावों की पोल भी खुलती दिखाई दे रही है

बाईट दामिनी प्रधानाचार्य स्कूल
बाईट छात्र प्रियांशु
बाईट आर एस राणा खंड शिक्षा अधिकारी
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