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रिश्वतखोर सहायक अकाउंटेंट 12 साल बाद दोषी करार, मिली चार साल की जेल - क्राइम न्यूज

चार हजार की रिश्वत लेने वाले सहायक अकाउंटेंट को चार साल की जेल. 12 साल मिली सजा.

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Published : May 30, 2019, 11:25 PM IST

देहरादून: रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार हुए सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह को आर.के खुल्बे के न्यायालय ने दोषी करार दिया. गुरुवार को अकाउंटेंट दयाल सिंह को 4 साल की सजा और 5 हजार का जुर्माना लगाया. अर्थ दंड न देने पर 2 महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा का फैसला सुनाया.

दरअसल, विजिलेंस की टीम ने सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह को 3 हजार की रिश्वत लेने के आरोप में जुलाई 2007 में गिरफ्तार किया था. दयाल सिंह की शिकायत देहरादून के वन विकास निगम में ठेकेदारी करने वाले एक व्यक्ति ने विजिलेंस टीम को की थी.

पढ़ें- पत्नी को ससुराल लेने की गए युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, परिवारवालों ने कही ये बात

ठेकेदार ने बताया था कि देहरादून पोंटा मार्ग के किनारे यूकेलिप्टस पेड़ों के कटान और हरबर्टपुर डीपो में ढुलान के काम के भुगतान को लेकर 33 हजार रुपये का चेक जारी होना था. वरिष्ठ अकाउंटेंट ने ठेकेदार को चेक सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह रावत से लेने को कहा. दयाल सिंह रावत ने 11 जून 2007 की शाम कार्यालय बंजारावाला बुलाकर दयाल सिंह रावत से चेक के एवज में 3 हजार की रिश्वत सेवा-पानी के तौर पर मांगी.

ठेकेदार ने आपबीती विजिलेंस टीम को बताई और 11 जुलाई 2007 को सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह रावत निवासी भरतपुर रामनगर नैनीताल और हाल निवासी थाना रायपुर मोहकम्मपुर को 3 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. विवेचना के बाद आरोपी सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया और आज उसे कोर्ट ने दोषी करार दिया.

देहरादून: रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार हुए सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह को आर.के खुल्बे के न्यायालय ने दोषी करार दिया. गुरुवार को अकाउंटेंट दयाल सिंह को 4 साल की सजा और 5 हजार का जुर्माना लगाया. अर्थ दंड न देने पर 2 महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा का फैसला सुनाया.

दरअसल, विजिलेंस की टीम ने सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह को 3 हजार की रिश्वत लेने के आरोप में जुलाई 2007 में गिरफ्तार किया था. दयाल सिंह की शिकायत देहरादून के वन विकास निगम में ठेकेदारी करने वाले एक व्यक्ति ने विजिलेंस टीम को की थी.

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ठेकेदार ने बताया था कि देहरादून पोंटा मार्ग के किनारे यूकेलिप्टस पेड़ों के कटान और हरबर्टपुर डीपो में ढुलान के काम के भुगतान को लेकर 33 हजार रुपये का चेक जारी होना था. वरिष्ठ अकाउंटेंट ने ठेकेदार को चेक सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह रावत से लेने को कहा. दयाल सिंह रावत ने 11 जून 2007 की शाम कार्यालय बंजारावाला बुलाकर दयाल सिंह रावत से चेक के एवज में 3 हजार की रिश्वत सेवा-पानी के तौर पर मांगी.

ठेकेदार ने आपबीती विजिलेंस टीम को बताई और 11 जुलाई 2007 को सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह रावत निवासी भरतपुर रामनगर नैनीताल और हाल निवासी थाना रायपुर मोहकम्मपुर को 3 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. विवेचना के बाद आरोपी सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया और आज उसे कोर्ट ने दोषी करार दिया.

Intro:विजिलेंस की टीम ने सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह को 3 हज़ार की रिश्वत लेने के आरोप में जुलाई 2007 में ग्रिफ्तार किया था।और आज आर के खुल्बे के न्यायालय में आरोप साबित होने पर आरोपी सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह को दोषी पाते हुए 4 साल को सज़ा ओर 5 हज़ार का जुर्माना लगाया गया।और दंड न देने पर 2 महीने के अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाने का फैसला किया।


Body:मामला जुलाई 2007 में देहरादून के वन विकास निगम में ठेकेदारी का काम करने वाले व्यक्ति ने विजिलेंस टीम को शिकायत की थी कि टेंडर के आधार पर पेड़ों के कटान और ढुलान का काम किया जाता है। शिकायतकर्ता ने बताया की देहरादून पोंटा मार्ग के किनारे यूकेलिप्टस पेड़ों के कटान और हरबर्टपुर डीपो में ढुलान का काम करता था।जिसका भुगतान 33 हज़ार रुपए चेक के द्वारा होनी थी।वरिष्ठ अकाउंटेंट ने बताया कि शिकायतकर्ता का चेक तैयार है।और सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह रावत के पास है।दयाल सिंह रावत ने 11 जून 2007 को शाम डीलएम कार्यालय बंजारावाला बुलाकर दयाल सिंह रावत ने चेक देने के एवज में 3 हज़ार की रिश्वत सेवा पानी के तौर पर मांगी।


Conclusion:शिकायतकर्ता ने सारी आपबीती विजिलेंस टीम को बताई और 11 जुलाई 2007 को सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह रावत निवासी भरतपुर रामनगर नैनीताल और हाल निवासी थाना रायपुर के मोहकम्मपुर को 3 हज़ार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।और विवेचना के बाद आरोपी सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज न्यायालय में पेश किया गया था। जिसे आज न्यायालय में आरोपी सहायक अकाउंटेंट ज्ञान सिंह रावत द्वारा चेक देने की एवज में रिश्वत की मांग और रिश्वत राशि का आरोपी से बरामद होना साबित करने में न्यायालय में साबित होने पर 4 साल का कारावास के साथ 5 हजार का जुर्माना लगाया गया।
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