देहरादून: रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार हुए सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह को आर.के खुल्बे के न्यायालय ने दोषी करार दिया. गुरुवार को अकाउंटेंट दयाल सिंह को 4 साल की सजा और 5 हजार का जुर्माना लगाया. अर्थ दंड न देने पर 2 महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा का फैसला सुनाया.
दरअसल, विजिलेंस की टीम ने सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह को 3 हजार की रिश्वत लेने के आरोप में जुलाई 2007 में गिरफ्तार किया था. दयाल सिंह की शिकायत देहरादून के वन विकास निगम में ठेकेदारी करने वाले एक व्यक्ति ने विजिलेंस टीम को की थी.
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ठेकेदार ने बताया था कि देहरादून पोंटा मार्ग के किनारे यूकेलिप्टस पेड़ों के कटान और हरबर्टपुर डीपो में ढुलान के काम के भुगतान को लेकर 33 हजार रुपये का चेक जारी होना था. वरिष्ठ अकाउंटेंट ने ठेकेदार को चेक सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह रावत से लेने को कहा. दयाल सिंह रावत ने 11 जून 2007 की शाम कार्यालय बंजारावाला बुलाकर दयाल सिंह रावत से चेक के एवज में 3 हजार की रिश्वत सेवा-पानी के तौर पर मांगी.
ठेकेदार ने आपबीती विजिलेंस टीम को बताई और 11 जुलाई 2007 को सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह रावत निवासी भरतपुर रामनगर नैनीताल और हाल निवासी थाना रायपुर मोहकम्मपुर को 3 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया. विवेचना के बाद आरोपी सहायक अकाउंटेंट दयाल सिंह रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया और आज उसे कोर्ट ने दोषी करार दिया.