ऋषिकेश: हाल ही में भारत की तरफ से जारी किए गये नए मानचित्र ने भारत और नेपाल के बीच कालापानी क्षेत्र को लेकर विवाद बढ़ा दिया है. इसी बीच कालापानी मसले पर भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता गोविंदाचार्य ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कालापानी मामले को हवा देने की जरूरत नहीं है. यह मसला केंद्र सरकार जल्द ही सुलझा देगी. उनका कहना है भारत-नेपाल के सांस्कृतिक संबध बहुत अच्छे हैं, जोकि समझौते के लिए एक कड़ी है.
बता दें कि भारत के नए नक्शे को लेकर अबतक केवल पाकिस्तान और चीन की तरफ से ही आपत्ति जताई जाती थी, लेकिन नए मानचित्र पर अब नेपाल ने भी आपत्ति जतानी शुरू कर दी है. नए मानचित्र में उत्तराखंड के सीमावर्ती जिले पिथौरागढ़ में नेपाल बार्डर पर पड़ने वाले कालापानी इलाके को भारत का हिस्सा दिखाया गया है. जिस पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली आपत्ति दर्ज कराई है.
पढ़ें- भारत का ही रहेगा कालापानी, नेपाल को CM त्रिवेंद्र की दो टूक
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने कहा है कि उनकी सरकार देशभक्त सरकार है, वह किसी को भी नेपाल की एक इंच जमीन पर कब्जा करने की अनुमति नहीं देगी. केपी ओली ने कालापानी पर सख्त रुख अपनाया तो वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इसका खुलकर विरोध किया था.
दरअसल, 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के नए केंद्रशासित प्रदेश के रूप में गठन के बाद भारत सरकार ने देश का नया नक्शा जारी किया था. इसी के बाद से दोनों देशों में विवाद की स्थिति बनी हुई है.