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कालापानी विवाद पर वरिष्ठ नेता गोविंदाचार्या का बयान, कहा- भारत-नेपाल का है सांस्कृतिक संबंध

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के नए केंद्रशासित प्रदेश के रूप में गठन के बाद भारत सरकार ने देश का नया नक्शा जारी किया था. नए मानचित्र में उत्तराखंड के सीमावर्ती जिले पिथौरागढ़ में नेपाल बार्डर पर पड़ने वाले कालापानी इलाके को भारत का हिस्सा दिखाया गया है. जिस पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली आपत्ति दर्ज कराई है.

पूर्व वरिष्ठ नेता गोविंदाचार्य.
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Published : Nov 21, 2019, 11:42 PM IST

ऋषिकेश: हाल ही में भारत की तरफ से जारी किए गये नए मानचित्र ने भारत और नेपाल के बीच कालापानी क्षेत्र को लेकर विवाद बढ़ा दिया है. इसी बीच कालापानी मसले पर भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता गोविंदाचार्य ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कालापानी मामले को हवा देने की जरूरत नहीं है. यह मसला केंद्र सरकार जल्द ही सुलझा देगी. उनका कहना है भारत-नेपाल के सांस्कृतिक संबध बहुत अच्छे हैं, जोकि समझौते के लिए एक कड़ी है.

गोविंदाचार्या, वरिष्ठ नेता बीजेपी.

बता दें कि भारत के नए नक्शे को लेकर अबतक केवल पाकिस्तान और चीन की तरफ से ही आपत्ति जताई जाती थी, लेकिन नए मानचित्र पर अब नेपाल ने भी आपत्ति जतानी शुरू कर दी है. नए मानचित्र में उत्तराखंड के सीमावर्ती जिले पिथौरागढ़ में नेपाल बार्डर पर पड़ने वाले कालापानी इलाके को भारत का हिस्सा दिखाया गया है. जिस पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली आपत्ति दर्ज कराई है.

पढ़ें- भारत का ही रहेगा कालापानी, नेपाल को CM त्रिवेंद्र की दो टूक

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने कहा है कि उनकी सरकार देशभक्त सरकार है, वह किसी को भी नेपाल की एक इंच जमीन पर कब्जा करने की अनुमति नहीं देगी. केपी ओली ने कालापानी पर सख्त रुख अपनाया तो वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इसका खुलकर विरोध किया था.

दरअसल, 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के नए केंद्रशासित प्रदेश के रूप में गठन के बाद भारत सरकार ने देश का नया नक्शा जारी किया था. इसी के बाद से दोनों देशों में विवाद की स्थिति बनी हुई है.

ऋषिकेश: हाल ही में भारत की तरफ से जारी किए गये नए मानचित्र ने भारत और नेपाल के बीच कालापानी क्षेत्र को लेकर विवाद बढ़ा दिया है. इसी बीच कालापानी मसले पर भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता गोविंदाचार्य ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कालापानी मामले को हवा देने की जरूरत नहीं है. यह मसला केंद्र सरकार जल्द ही सुलझा देगी. उनका कहना है भारत-नेपाल के सांस्कृतिक संबध बहुत अच्छे हैं, जोकि समझौते के लिए एक कड़ी है.

गोविंदाचार्या, वरिष्ठ नेता बीजेपी.

बता दें कि भारत के नए नक्शे को लेकर अबतक केवल पाकिस्तान और चीन की तरफ से ही आपत्ति जताई जाती थी, लेकिन नए मानचित्र पर अब नेपाल ने भी आपत्ति जतानी शुरू कर दी है. नए मानचित्र में उत्तराखंड के सीमावर्ती जिले पिथौरागढ़ में नेपाल बार्डर पर पड़ने वाले कालापानी इलाके को भारत का हिस्सा दिखाया गया है. जिस पर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली आपत्ति दर्ज कराई है.

पढ़ें- भारत का ही रहेगा कालापानी, नेपाल को CM त्रिवेंद्र की दो टूक

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने कहा है कि उनकी सरकार देशभक्त सरकार है, वह किसी को भी नेपाल की एक इंच जमीन पर कब्जा करने की अनुमति नहीं देगी. केपी ओली ने कालापानी पर सख्त रुख अपनाया तो वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इसका खुलकर विरोध किया था.

दरअसल, 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के नए केंद्रशासित प्रदेश के रूप में गठन के बाद भारत सरकार ने देश का नया नक्शा जारी किया था. इसी के बाद से दोनों देशों में विवाद की स्थिति बनी हुई है.

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Folder name-- Kala pani

ऋषिकेश--भारत - नेपाल के काला पानी मशले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता गोविंदाचार्य ने बताया कि भारत नेपाल के काला पानी मामले को हवा देने की जरूरत नहीं , यह मशला किसी न किसी तरह केंद्र सरकार जल्द ही निपटायेगी साथ ही बताया कि भारत - नेपाल के सांस्कृतिक सम्बन्ध एक बहुत अच्छे है जो समझौते के लिए एक कड़ी है । 


Body:वी/ओ--नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा है कि उनकी सरकार देशभक्त सरकार है, वह किसी को भी नेपाल की एक इंच जमीन पर कब्जा करने की अनुमति नहीं देगी। ओली ने कहा, वह भारत से कहेंगे कि वह कालापानी से अपने सुरक्षा बल हटाए,हालांकि भारत ने इस पर अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के नए केंद्रशासित प्रदेश के रूप में गठन के बाद भारत सरकार ने देश का जो नया नक्शा जारी किया था, उसी के बाद विवाद की स्थिति बनी है। नए नक्शे में कालापानी को भारतीय नक्शे में शामिल किया गया है। इसके साथ पाकिस्‍तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर को नवगठित केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का हिस्सा दिखाया गया है, तो गिलगित-बाल्टिस्तान को लद्दाख का हिस्सा दर्शाया गया है।




Conclusion:वी/ओ--नेपाल सरकार ने 6 नवम्बर को कालापानी को भारतीय नक्शे में शामिल किए जाने पर आपत्ति जताई थी,प्रधानमंत्री ओली ने कहा है कि नेपाल सरकार किसी को भी अपनी जमीन पर कब्जा नहीं करने देगी,इसलिए भारत सरकार को अपने सुरक्षा बल कालापानी से बुला लेने चाहिए, भारत सरकार ने कहा है कि उसका नक्शा सही और पूर्व स्थितियों पर आधारित है,उसने किसी पड़ोसी की जमीन पर कब्जा नहीं किया है।


बाईट-- गोविंदाचार्य (पूर्व वरिष्ठ भाजपा नेता / हिन्दू विचारक )

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