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भारतीय वन्यजीव संस्थान में 3 साल बाद हुई संगोष्ठी, कई शोध हुए सार्वजनिक

Indian Wildlife Institute Dehradun भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून में 3 साल बाद कई शोध के कार्यों पर संगोष्ठी हुई. संगोष्ठी में कई विषयों पर किए गए रिसर्च को सार्वजनिक किया गया.

Indian Wildlife Institute Dehradun
भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 21, 2023, 8:02 PM IST

देहरादूनः भारतीय वन्यजीव संस्थान में आज कई शोध के कार्यों को एक संगोष्ठी के दौरान सार्वजनिक किया गया. इस दौरान कई विशेषज्ञों ने अपने शोध के बारे में बताते हुए इस पर अब तक हुए कार्यों की भी विस्तृत जानकारी दी. इस मौके पर भारतीय वन्यजीव संस्थान समेत दूसरे विभिन्न संस्थानों के अधिकारियों समेत कई रिसर्चर भी संगोष्ठी में मौजूद रहे.

देहरादून में भारतीय वन्यजीव संस्थान ने दो दिवसीय वार्षिक शोध संगोष्ठी का आयोजन किया. संस्थान की तरफ से 1986 से हर साल इस तरह की संगोष्ठी आयोजित की जाती है, जिसमें भारतीय वन्यजीव संस्थान की तरफ से किए गए रिसर्च के काम को सार्वजनिक किया जाता है. हालांकि, कोविड की वजह से साल 2019 के बाद संस्थान के वैज्ञानिक अपनी रिसर्च को सार्वजनिक नहीं कर पाए थे. ऐसे में अब करीब 3 साल बाद भारतीय वन्य जीव संस्थान की तरफ से एक बार फिर ऐसी ही एक संगोष्ठी को आयोजित कर विभिन्न विषयों पर किए गए रिसर्च को सार्वजनिक किया गया है.

संगोष्ठी के पहले दिन आज डब्ल्यूआईआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर कमर कुरैशी ने देश में टाइगर की स्थिति को लेकर एक प्रेजेंटेशन दिया, इसके अलावा वैज्ञानिक डॉक्टर बिलाल हबीब, डॉक्टर गोपी जी.वी., डॉ सुतीरथ दत्त और डॉ विष्णु प्रिया ने भी वन्य जीव संरक्षण से जुड़े अलग-अलग विषयों पर किए गए शोध की जानकारी दी.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में गुलदारों की संख्या बढ़ी, वन्यजीव के हमले में गई जान तो मिलेंगे ₹6 लाख

भारतीय वन्यजीव संस्थान के निदेशक वीरेंद्र आर तिवारी ने बताया कि संस्थान की तरफ से पिछले लंबे समय के बाद इस तरह के शोध सार्वजनिक किए गए हैं. इसके जरिए शोध रिपोर्ट की जानकारी बाकी लोगों तक भी पहुंच पाती है और इसका लाभ उन्हें भी मिल पाता है. उधर नए रिसर्चर भी इसको देख पाते हैं और उन्हें नया सीखने को मिलता है.

देहरादूनः भारतीय वन्यजीव संस्थान में आज कई शोध के कार्यों को एक संगोष्ठी के दौरान सार्वजनिक किया गया. इस दौरान कई विशेषज्ञों ने अपने शोध के बारे में बताते हुए इस पर अब तक हुए कार्यों की भी विस्तृत जानकारी दी. इस मौके पर भारतीय वन्यजीव संस्थान समेत दूसरे विभिन्न संस्थानों के अधिकारियों समेत कई रिसर्चर भी संगोष्ठी में मौजूद रहे.

देहरादून में भारतीय वन्यजीव संस्थान ने दो दिवसीय वार्षिक शोध संगोष्ठी का आयोजन किया. संस्थान की तरफ से 1986 से हर साल इस तरह की संगोष्ठी आयोजित की जाती है, जिसमें भारतीय वन्यजीव संस्थान की तरफ से किए गए रिसर्च के काम को सार्वजनिक किया जाता है. हालांकि, कोविड की वजह से साल 2019 के बाद संस्थान के वैज्ञानिक अपनी रिसर्च को सार्वजनिक नहीं कर पाए थे. ऐसे में अब करीब 3 साल बाद भारतीय वन्य जीव संस्थान की तरफ से एक बार फिर ऐसी ही एक संगोष्ठी को आयोजित कर विभिन्न विषयों पर किए गए रिसर्च को सार्वजनिक किया गया है.

संगोष्ठी के पहले दिन आज डब्ल्यूआईआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर कमर कुरैशी ने देश में टाइगर की स्थिति को लेकर एक प्रेजेंटेशन दिया, इसके अलावा वैज्ञानिक डॉक्टर बिलाल हबीब, डॉक्टर गोपी जी.वी., डॉ सुतीरथ दत्त और डॉ विष्णु प्रिया ने भी वन्य जीव संरक्षण से जुड़े अलग-अलग विषयों पर किए गए शोध की जानकारी दी.
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भारतीय वन्यजीव संस्थान के निदेशक वीरेंद्र आर तिवारी ने बताया कि संस्थान की तरफ से पिछले लंबे समय के बाद इस तरह के शोध सार्वजनिक किए गए हैं. इसके जरिए शोध रिपोर्ट की जानकारी बाकी लोगों तक भी पहुंच पाती है और इसका लाभ उन्हें भी मिल पाता है. उधर नए रिसर्चर भी इसको देख पाते हैं और उन्हें नया सीखने को मिलता है.

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