देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा भर्तियां रद्द किए जाने के खिलाफ चयनित वीपीडीओ और वीडीओ अभ्यर्थियों ने देहरादून परेड ग्राउंड में विरोध (Protest at Dehradun Parade Ground) प्रदर्शन किया. इस दौरान आक्रोशित अभ्यर्थियों ने सरकार और आयोग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मेरिट से पास अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने की मांग की. वहीं, अभ्यर्थियों ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से शासन को ज्ञापन सौंपा और 10 जनवरी को दिल्ली कूच करने की बात कही.
यूकेएसएसएससी द्वारा भर्तियां रद्द किए जाने को लेकर प्रदर्शनकारियों ने परेड ग्राउंड से सचिवालय तक रैली निकालने का निर्णय लिया, लेकिन पुलिस के समझाने पर अभ्यर्थियों ने सर्वे चौक, लैंसडाउन चौक से होते हुए परेड ग्राउंड तक जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार और आयोग के अध्यक्ष के खिलाफ अपना विरोध जताया.
चयनित अभ्यर्थी सुभाष ने कहा कि यूकेएसएसएससी ने स्नातक स्तरीय परीक्षा 4 और 5 दिसंबर 2021 को संपन्न कराया गया था और 7 अप्रैल 2022 को परीक्षा परिणाम घोषित किया गया. जबकि 17 मई से 27 मई 2022 तक सफल अभ्यर्थियों का अभिलेख सत्यापन किया गया, लेकिन उसके बाद भर्ती में गड़बड़ी का मामला संज्ञान में आने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के निर्देश पर जांच की गई.
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सुभाष ने कहा कि सीएम धामी ने तमाम मंच पर कहा था कि मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होगा, जो अभ्यर्थी अपनी मेहनत से पास हुए उनको नियुक्ति दी जाएगी और जो अनुचित साधनों का प्रयोग कर पास हुए हैं, उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन 29 दिसंबर को यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष बीएस मार्तोलिया ने स्नातक स्तरीय परीक्षा और अन्य दो परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला लिया.
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हमने रैली निकालकर मुख्यमंत्री और उत्तराखंड सरकार को उनका वादा याद दिलाने का काम किया है. प्रदर्शनकारियों ने भर्ती रद्द किए जाने के फैसले को अन्यायपूर्ण बताया. उन्होंने सरकार से मामले में पुनर्विचार किए जाने का आग्रह किया. वही अपनी मांगों को लेकर चयनित अभ्यर्थियों ने परेड ग्राउंड में सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से शासन को ज्ञापन भी सौंपा. साथ ही अभ्यर्थियों ने मांग पूरी नहीं होने पर 10 जनवरी को दिल्ली कूच करने का भी निर्णय लिया.