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ऋषि गंगा झील पर क्विक डिप्लॉयेबल एंटेना सिस्टम स्थापित, रियल टाइम होगी मॉनिटरिंग

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Published : Feb 22, 2021, 8:08 PM IST

एसडीआरएफ ने चमोली के रैणी में बनी झील की निगरानी के लिए क्विक डिप्लॉयेबल एंटेना सिस्टम लगाया है, ताकि उस स्थान से लाइव ऑडियो और वीडियो कॉल की जा सके और हालात की पूरी जानकारी रहे. सिस्टम के जरिए अब झील पर लगातार नजर रखी जा रही है.

QDA installed by SDRF
QDA installed by SDRF

देहरादून: तपोवन में त्रासदी के बाद उच्च हिमालयी क्षेत्र में ऋषीगंगा नदी में बनी झील पर सोमवार को SDRF ने क्विक डेप्लॉयमेंट एंटिना (QDA) स्थापित कर दिया है. तो वहीं, SDRF के जरिए लगातार झील की निकासी को लेकर काम किया जा रहा है. क्यूडीए लगाने के बाद अब ऋषीगंगा झील की मॉनिटरिंग लगातार देहरादून सचिवालय स्थित कंट्रोल रूम से की जा रहा है.

एसडीआरएफ के 7 सदस्यों के साथ 17 सदस्यीय दल जलभराव क्षेत्र में पहुंचा हुआ है, जिनके द्वारा विगत 3 दिनों से झील के करीब ही कैंपिंग की गई है. जिनमें वैज्ञानिक दल का मूल उद्देश्य झील से उत्पन्न खतरे का आकलन करना है. आकलन के बाद इसके निराकरण के लिए तकनीकी परामर्श दिया जाना है. वैज्ञानिकों के साथ एसडीआरएफ के जाने का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिकों को सुरक्षा प्रदान करना है. साथ ही निर्धारित स्थान तक सभी को सुरक्षित पहुंचाना और सर्वेक्षण के लिए आवश्यक संसाधनों को जुटाना है.

  • #Chamoli के रैंणी क्षेत्र में बनी झील की निगरानी के लिए #SDRF ने क्विक डिप्लॉयेबल एंटेना सिस्टम लगाया है। इस टेक्नोलॉजी के जरिए सैटेलाइट से सम्पर्क स्थापित कर लाइव ऑडियो ओर वीडियो कॉल की सुविधा मिलती है। अब सवेंदनशील इलाके में रखी जा सकेगी नजर।@ANI @PIB_India @DDNewslive pic.twitter.com/JIR9T6Be5a

    — Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) February 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बीते 21 फरवरी को डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल, उपमहानिरीक्षक SDRF और अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आपदा प्रबंधन पियूष रौतेला के आदेश पर एसडीआरएफ के क्यूडीए को सोमवार को झील के पास ही स्थापित कर दिया गया है, जिसके द्वारा आज संबंधित क्षेत्र से लाइव वीडियो प्रसारण आरंभ कर दिया है.

पढ़ें- चमोली रेस्क्यू LIVE: रैणी में बनी झील पर लगाया गया क्विक डिप्लॉयेबल एंटेना सिस्टम

सेनानायक नवनीत सिंह भुल्लर ने एसडीआरएफ जवानों से झील के मुहाने को ओर अधिक खोलने एवं झील का प्रेशर समाप्त कर सामान्य स्थिति बनाने के निर्देश दिए गए है. इससे पहले भी सेनानायक नवनीत भुल्लर के नेतृत्व में एक टीम झील का मुआयना कर लौटी थी, जिनके द्वारा संबंधित क्षेत्र की वास्तविक स्थिति से सभी को अवगत कराया था.

साथ ही टीम के द्वारा झील के प्रेशर को कम करने के लिए उसके मुहाने को लगभग 6 फिट खोला गया था. सोमवार को फिर से एसडीआरएफ की टीम ने झील के मुहाने को 20 फिट से चौड़ा कर लगभग 30 से 35 फिट तक खोल दिया है, जिससे झील का पानी काफी मात्रा में डिस्चार्ज हो रहा है. सेटेलाइट फोन के माध्यम से एसडीआरएफ कंट्रोल रूम रूम का टीम से संपर्क लगातार बना हुआ है.

क्या होता है QDA?

क्यूडीए एक प्रकार से नो सिंगल एरिया से संचार स्थापित करने की टेक्नोलॉजी है. इस प्रणाली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और डेटा को भेजने के लिए 1.2mtr QDA (V SAT) एंटीना टर्मिनलों और 1.2mtr स्टेटिक (V-SAT very small aperture terminal) एंटीना टर्मिनल का उपयोग होता है. यह विभिन्न वीसैट टर्मिनल के साथ उपग्रह आधारित संचार स्थापित करने में मदद करता है. वॉयस और वीडियो संचार को दूरस्थ से दूरस्थ वीसैट टर्मिनलों तक संप्रेषित किया जाता है. 1.2 mtr क्यूडीए वीएसएटी एक पोर्टेबल सिस्टम है, जो अलग-अलग रिमोट एरियाज में तुरंत स्थापित किया जा सकता है और किसी भी इलाके में स्थापित हो सकता है.

क्यूडीए स्थापित करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड

पिछले साल अक्टूबर माह में उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य के शेडो एरिया यानी जिन क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या रहती है. वहां पर संचार की नवीनतम प्रणाली क्विक डिप्लॉयबल एंटीना की शुरुआत की गई. इस तकनीकी का उपयोग करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है. एसडीआरएफ द्वारा स्थापित इस टेक्नोलॉजी के बाद उत्तराखंड के सीमांत गांव जिसमें अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़े हुए सुदूरवर्ती गांव भी शामिल हैं, वहां पर टेलिफोनिक कनेक्टिविटी बढ़ गई और संचार तंत्र मजबूत हुआ है.

देहरादून: तपोवन में त्रासदी के बाद उच्च हिमालयी क्षेत्र में ऋषीगंगा नदी में बनी झील पर सोमवार को SDRF ने क्विक डेप्लॉयमेंट एंटिना (QDA) स्थापित कर दिया है. तो वहीं, SDRF के जरिए लगातार झील की निकासी को लेकर काम किया जा रहा है. क्यूडीए लगाने के बाद अब ऋषीगंगा झील की मॉनिटरिंग लगातार देहरादून सचिवालय स्थित कंट्रोल रूम से की जा रहा है.

एसडीआरएफ के 7 सदस्यों के साथ 17 सदस्यीय दल जलभराव क्षेत्र में पहुंचा हुआ है, जिनके द्वारा विगत 3 दिनों से झील के करीब ही कैंपिंग की गई है. जिनमें वैज्ञानिक दल का मूल उद्देश्य झील से उत्पन्न खतरे का आकलन करना है. आकलन के बाद इसके निराकरण के लिए तकनीकी परामर्श दिया जाना है. वैज्ञानिकों के साथ एसडीआरएफ के जाने का मुख्य उद्देश्य वैज्ञानिकों को सुरक्षा प्रदान करना है. साथ ही निर्धारित स्थान तक सभी को सुरक्षित पहुंचाना और सर्वेक्षण के लिए आवश्यक संसाधनों को जुटाना है.

  • #Chamoli के रैंणी क्षेत्र में बनी झील की निगरानी के लिए #SDRF ने क्विक डिप्लॉयेबल एंटेना सिस्टम लगाया है। इस टेक्नोलॉजी के जरिए सैटेलाइट से सम्पर्क स्थापित कर लाइव ऑडियो ओर वीडियो कॉल की सुविधा मिलती है। अब सवेंदनशील इलाके में रखी जा सकेगी नजर।@ANI @PIB_India @DDNewslive pic.twitter.com/JIR9T6Be5a

    — Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) February 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बीते 21 फरवरी को डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल, उपमहानिरीक्षक SDRF और अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आपदा प्रबंधन पियूष रौतेला के आदेश पर एसडीआरएफ के क्यूडीए को सोमवार को झील के पास ही स्थापित कर दिया गया है, जिसके द्वारा आज संबंधित क्षेत्र से लाइव वीडियो प्रसारण आरंभ कर दिया है.

पढ़ें- चमोली रेस्क्यू LIVE: रैणी में बनी झील पर लगाया गया क्विक डिप्लॉयेबल एंटेना सिस्टम

सेनानायक नवनीत सिंह भुल्लर ने एसडीआरएफ जवानों से झील के मुहाने को ओर अधिक खोलने एवं झील का प्रेशर समाप्त कर सामान्य स्थिति बनाने के निर्देश दिए गए है. इससे पहले भी सेनानायक नवनीत भुल्लर के नेतृत्व में एक टीम झील का मुआयना कर लौटी थी, जिनके द्वारा संबंधित क्षेत्र की वास्तविक स्थिति से सभी को अवगत कराया था.

साथ ही टीम के द्वारा झील के प्रेशर को कम करने के लिए उसके मुहाने को लगभग 6 फिट खोला गया था. सोमवार को फिर से एसडीआरएफ की टीम ने झील के मुहाने को 20 फिट से चौड़ा कर लगभग 30 से 35 फिट तक खोल दिया है, जिससे झील का पानी काफी मात्रा में डिस्चार्ज हो रहा है. सेटेलाइट फोन के माध्यम से एसडीआरएफ कंट्रोल रूम रूम का टीम से संपर्क लगातार बना हुआ है.

क्या होता है QDA?

क्यूडीए एक प्रकार से नो सिंगल एरिया से संचार स्थापित करने की टेक्नोलॉजी है. इस प्रणाली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और डेटा को भेजने के लिए 1.2mtr QDA (V SAT) एंटीना टर्मिनलों और 1.2mtr स्टेटिक (V-SAT very small aperture terminal) एंटीना टर्मिनल का उपयोग होता है. यह विभिन्न वीसैट टर्मिनल के साथ उपग्रह आधारित संचार स्थापित करने में मदद करता है. वॉयस और वीडियो संचार को दूरस्थ से दूरस्थ वीसैट टर्मिनलों तक संप्रेषित किया जाता है. 1.2 mtr क्यूडीए वीएसएटी एक पोर्टेबल सिस्टम है, जो अलग-अलग रिमोट एरियाज में तुरंत स्थापित किया जा सकता है और किसी भी इलाके में स्थापित हो सकता है.

क्यूडीए स्थापित करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड

पिछले साल अक्टूबर माह में उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य के शेडो एरिया यानी जिन क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या रहती है. वहां पर संचार की नवीनतम प्रणाली क्विक डिप्लॉयबल एंटीना की शुरुआत की गई. इस तकनीकी का उपयोग करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है. एसडीआरएफ द्वारा स्थापित इस टेक्नोलॉजी के बाद उत्तराखंड के सीमांत गांव जिसमें अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से जुड़े हुए सुदूरवर्ती गांव भी शामिल हैं, वहां पर टेलिफोनिक कनेक्टिविटी बढ़ गई और संचार तंत्र मजबूत हुआ है.

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