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एसडीसी फाउंडेशन रिपोर्ट: अक्टूबर में उत्तराखंड में चार हादसों में गई 74 लोगों की जान - उत्तराखंड एक्सीडेंट

हादसों की दृष्टि से अक्टूबर का महीना उत्तराखंड पर भारी पड़ा था. इस महीने चार बड़े हादसों में 74 लोगों ने अपनी जान गंवाई. एसडीसी फाउंडेशन ने अक्टूबर माह की दुर्घटनाओं और प्राकृतिक आपदाओं की रिपोर्ट जारी की है. एसडीसी की ये पहले मंथली रिपोर्ट है.

Uttarakhand Accident
उत्तराखंड एक्सीडेंट
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Published : Nov 2, 2022, 2:13 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में अक्टूबर माह में चार बड़ी दुर्घटनाओं और आपदाओं की वजह से 74 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. दरअसल एसडीसी फाउंडेशन ने अक्टूबर 2022 की पहली उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट सिनॉप्सिस यानी उदास की मंथली रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार राज्य में इस साल अक्टूबर में चार बड़ी दुर्घटनाओं और आपदाओं में 74 लोगों की जान चली गई.

चार हादसों में गई 74 लोगों की जान: 4 अक्टूबर का दिन राज्य के लिए सबसे बुरा साबित हुआ था. उत्तरकाशी जिले के द्रौपदी का डांडा-2 चोटी पर हिमस्खलन के कारण पर्वतारोहण कर रहे निम के 29 पर्वतारोहियों की मौत हो गई. वहीं 4 अक्टूबर को पौड़ी जिले के बीरोंखाल के पास बारातियों को ले जा रही बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस हादसे में 34 लोगों की मौत हो गई थी. 18 अक्टूबर को केदारनाथ के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 7 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं चमोली जिले के पैनगढ़ में भूस्खलन के कारण मकान दबने से 4 लोगों की जान चली गई थी.

एसडीसी फाउंडेशन की पहली रिपोर्ट: एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल के अनुसार यह रिपोर्ट राज्य में प्रमुख आपदाओं और दुर्घटनाओं को एक स्थान पर संग्रहित करके तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि फाउंडेशन की इस मासिक रिपोर्ट में इस वर्ष अक्टूबर के महीने की दो ऐसे ही आपदाओं को भी शामिल किया गया है जिसमें जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन इस तरह की आपदाएं जानलेवा साबित हो सकती हैं. ऐसी आपदाओं पर लगातार नजर रखे जाने की जरूरत है.

एसडीसी ने प्राकृतिक आपदाओं की रिपोर्ट भी जारी की: वहीं रिपोर्ट के अनुसार 1 अक्टूबर को केदारनाथ और चौराबाड़ी के आस पास एक बड़ा हिमस्खलन हुआ. हालांकि हिमस्खलन केदारनाथ तक नहीं पहुंचा, लेकिन ऐसे हिमस्खलन कई बार बड़े हादसे का कारण बनते हैं. इसके अलावा 2 अक्टूबर को राज्य में 2.5 मैग्नीट्यूट की तीव्रता से भूकंप दर्ज किया गया. इसका केंद्र उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी तहसील के बाराहाट रेंज में था.
ये भी पढ़ें: केदारनाथ में निर्माण पर वैज्ञानिकों ने फिर चेताया, बताया तेजी से बर्फ पिघलने का कारण

फाउंडेशन का यह भी कहना है कि उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है और अपने अध्ययनों के आधार पर वैज्ञानिक यहां भूस्खलन व भूकंप आने की आशंका लगातार जताते रहे हैं. ऐसे में राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा तंत्र को मजबूत करने की जरूरत है.

देहरादून: उत्तराखंड में अक्टूबर माह में चार बड़ी दुर्घटनाओं और आपदाओं की वजह से 74 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. दरअसल एसडीसी फाउंडेशन ने अक्टूबर 2022 की पहली उत्तराखंड डिजास्टर एंड एक्सीडेंट सिनॉप्सिस यानी उदास की मंथली रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के अनुसार राज्य में इस साल अक्टूबर में चार बड़ी दुर्घटनाओं और आपदाओं में 74 लोगों की जान चली गई.

चार हादसों में गई 74 लोगों की जान: 4 अक्टूबर का दिन राज्य के लिए सबसे बुरा साबित हुआ था. उत्तरकाशी जिले के द्रौपदी का डांडा-2 चोटी पर हिमस्खलन के कारण पर्वतारोहण कर रहे निम के 29 पर्वतारोहियों की मौत हो गई. वहीं 4 अक्टूबर को पौड़ी जिले के बीरोंखाल के पास बारातियों को ले जा रही बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस हादसे में 34 लोगों की मौत हो गई थी. 18 अक्टूबर को केदारनाथ के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 7 लोगों की मौत हो गई थी. वहीं चमोली जिले के पैनगढ़ में भूस्खलन के कारण मकान दबने से 4 लोगों की जान चली गई थी.

एसडीसी फाउंडेशन की पहली रिपोर्ट: एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल के अनुसार यह रिपोर्ट राज्य में प्रमुख आपदाओं और दुर्घटनाओं को एक स्थान पर संग्रहित करके तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि फाउंडेशन की इस मासिक रिपोर्ट में इस वर्ष अक्टूबर के महीने की दो ऐसे ही आपदाओं को भी शामिल किया गया है जिसमें जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन इस तरह की आपदाएं जानलेवा साबित हो सकती हैं. ऐसी आपदाओं पर लगातार नजर रखे जाने की जरूरत है.

एसडीसी ने प्राकृतिक आपदाओं की रिपोर्ट भी जारी की: वहीं रिपोर्ट के अनुसार 1 अक्टूबर को केदारनाथ और चौराबाड़ी के आस पास एक बड़ा हिमस्खलन हुआ. हालांकि हिमस्खलन केदारनाथ तक नहीं पहुंचा, लेकिन ऐसे हिमस्खलन कई बार बड़े हादसे का कारण बनते हैं. इसके अलावा 2 अक्टूबर को राज्य में 2.5 मैग्नीट्यूट की तीव्रता से भूकंप दर्ज किया गया. इसका केंद्र उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी तहसील के बाराहाट रेंज में था.
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फाउंडेशन का यह भी कहना है कि उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है और अपने अध्ययनों के आधार पर वैज्ञानिक यहां भूस्खलन व भूकंप आने की आशंका लगातार जताते रहे हैं. ऐसे में राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा तंत्र को मजबूत करने की जरूरत है.

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