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बैंक खाता एक और मालिक दो, एक पैसे डालता रहा तो दूसरा मोदी जी के भेजे समझ निकलता रहा

भिंड में एसबीआई बैंक ने एक खाते के दो मालिक बना दिए. जिससे एक पैसे पड़वाता था, वहीं दूसरा मोदी जी के भेज रहे यह समझ निकलता रहा. बैक की गलती के कारण अब दोनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बैंक खाता एक और मालिक दो
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Published : Nov 23, 2019, 8:44 AM IST

भिंड (मध्य प्रदेश): जिले के आलमपुर में स्थित एसबीआई बैंक की गलती से एक शख्स की गाढ़ी कमाई कोई दूसरा उसी खाते से निकालता रहा. वह भी यह समझकर कि पैसा मोदी जी भेज रहे हैं. रूरई गांव के रहने वाले हुकुम सिंह कुशवाहा और रोनी गांव के रहने वाले हुकुम सिंह बघेल. दोनों ने आलमपुर ब्रांच में खाता खुलवाया. लेकिन बैंकर बाबू ने पासबुक में सिर्फ फोटो अलग-अलग लगवाई बाकी दोनों का पता, और खाता नंबर एक ही दे दिया.

एसबीआई बैंक ने एक खाते के दो मालिक बना दिए.

खाता एक और मालिक दो

खाता खुलवाने के बाद रूरई का हुकुम सिंह कुशवाहा रोजी रोटी कमाने हरियाणा चला गया. यहां पैसे बचाकर वो खाते में जमा करवाता रहा, उधर रोनी गांव का हुकुम सिंह बघेल बैंक पहुंचकर पैसे निकालता रहा. हुकुम सिंह बघेल ने 6 महीने में कुल 89 हजार रुपये निकाल लिए.

SBI Bank
खाते से हुई लेनदारी.

ऐसे हुए मामले का खुलासा

मामले का खुलासा तब हुआ जब रूरई गांव वाले हुकुम सिंह कुशवाहा 16 अक्टूबर को रुपए निकालने बैंक पहुंचे. यहां उन्होंने देखा कि उनके खाते में सिर्फ 35 हजार 400 रुपए बचे हैं, जबकि उनके मुताबिक वे अब तक 1 लाख 40 हजार रुपये जमा कर चुके थे.

SBI Bank
बैंक खाता

इसके बाद उन्होंने बैंक कर्मियों से इसकी शिकायत की लेकिन उनका आरोप है कि इस बात को बैंक के अधिकारियों ने दबाने की कोशिश की और बैंक मैनेजर राजेश सोनकर ने उनसे कहा कि पैसा खाताधारक को मिल जाएगा. लेकिन पता लगा पैसे तो रोनी निवासी हुकुम सिंह बघेल के पास हैं.

रोनी निवासी हुकुम सिंह ने इस लापरवाही के लिए बैंक वालों को जिम्मेदार बताया है. हुकुम सिंह बघेल का कहना है कि-

''मेरा खाता था. उसमें पैसा आया. मैं सोच रहा था मोदी जी पैसा दे रहे हैं तो मैंने निकाल लिया. हमारे पास पैसा नहीं था, हमारी मजबूरी थी. हमने घर में काम करवाया है और इसलिये पैसा हमें निकालना पड़ा.''

भिंड (मध्य प्रदेश): जिले के आलमपुर में स्थित एसबीआई बैंक की गलती से एक शख्स की गाढ़ी कमाई कोई दूसरा उसी खाते से निकालता रहा. वह भी यह समझकर कि पैसा मोदी जी भेज रहे हैं. रूरई गांव के रहने वाले हुकुम सिंह कुशवाहा और रोनी गांव के रहने वाले हुकुम सिंह बघेल. दोनों ने आलमपुर ब्रांच में खाता खुलवाया. लेकिन बैंकर बाबू ने पासबुक में सिर्फ फोटो अलग-अलग लगवाई बाकी दोनों का पता, और खाता नंबर एक ही दे दिया.

एसबीआई बैंक ने एक खाते के दो मालिक बना दिए.

खाता एक और मालिक दो

खाता खुलवाने के बाद रूरई का हुकुम सिंह कुशवाहा रोजी रोटी कमाने हरियाणा चला गया. यहां पैसे बचाकर वो खाते में जमा करवाता रहा, उधर रोनी गांव का हुकुम सिंह बघेल बैंक पहुंचकर पैसे निकालता रहा. हुकुम सिंह बघेल ने 6 महीने में कुल 89 हजार रुपये निकाल लिए.

SBI Bank
खाते से हुई लेनदारी.

ऐसे हुए मामले का खुलासा

मामले का खुलासा तब हुआ जब रूरई गांव वाले हुकुम सिंह कुशवाहा 16 अक्टूबर को रुपए निकालने बैंक पहुंचे. यहां उन्होंने देखा कि उनके खाते में सिर्फ 35 हजार 400 रुपए बचे हैं, जबकि उनके मुताबिक वे अब तक 1 लाख 40 हजार रुपये जमा कर चुके थे.

SBI Bank
बैंक खाता

इसके बाद उन्होंने बैंक कर्मियों से इसकी शिकायत की लेकिन उनका आरोप है कि इस बात को बैंक के अधिकारियों ने दबाने की कोशिश की और बैंक मैनेजर राजेश सोनकर ने उनसे कहा कि पैसा खाताधारक को मिल जाएगा. लेकिन पता लगा पैसे तो रोनी निवासी हुकुम सिंह बघेल के पास हैं.

रोनी निवासी हुकुम सिंह ने इस लापरवाही के लिए बैंक वालों को जिम्मेदार बताया है. हुकुम सिंह बघेल का कहना है कि-

''मेरा खाता था. उसमें पैसा आया. मैं सोच रहा था मोदी जी पैसा दे रहे हैं तो मैंने निकाल लिया. हमारे पास पैसा नहीं था, हमारी मजबूरी थी. हमने घर में काम करवाया है और इसलिये पैसा हमें निकालना पड़ा.''

Intro:मध्यप्रदेश के भिंड में एक शख्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी भाषण को कुछ ज्यादा ही गंभीरता से लेता रहा, जिससे अब वो परेशानी में है क्योंकि भिंड ज़िले के आलमपुर में स्थित एसबीआई बैंक की गलती से एक शख्स की गाढ़ी कमाई कोई दूसरा उसी खाते से निकालता रहा, ये समझकर कि पैसा मोदी जी भेज रहे हैं. Body:दरअसल रूरई गांव के रहने वाले हुकुम सिंह कुशवाहा और रोनी गांव के रहने वाले हुकुम सिंह बघेल, दोनों ने आलमपुर ब्रांच में खाता खुलवाया। लेकिन बैंकर बाबू ने क्या किया कि पासबुक में सिर्फ फ़ोटो अलग-अलग लगवाई बाकी दोनों का पता, और खाता नंबर एक ही दे दिया. यानी खाता एक और मालिक दो.

खाता खुलवाने के बाद रूरई का हुकुम सिंह कुशवाहा रोज़ी कमाने हरियाणा चला गया. यहां पैसे बचाकर वो खाते में जमा करवाता रहा उधर रोनी गांव का हुकुम सिंह बैंक पहुंचकर पैसे निकालता रहा. वो भी एक दो नहीं पूरे 6 महीने तक. 6 महीने में कमाने वाले हुकुम सिंह के खाते से खर्च करने वाले हुकुम सिंह ने 89 हज़ार रुपये निकाल लिए.

मामला का खुलासा तब हुआ जब रूरई गांव वाले हुकुम सिंह को ज़मीन खरीदनी थी, जिसके लिए वो 16 अक्टूबर को रुपए निकालने बैंक पहुंचे. यहां उन्होंने देखा कि उनके खाते में सिर्फ 35 हजार 400 रुपए बचे, जबकि उनके मुताबिक वे अब तक 1 लाख 40 हजार रुपये जमा कर चुके थे. इसके बाद उन्होंने बैंक कर्मियों से इसकी शिकायत की लेकिन उनका आरोप है कि इस बात को बैंक के अधिकारियों ने दबाने की कोशिश की और बैंक मैनेजर राजेश सोनकर ने उनसे कहा कि पैसा खाताधारक को मिल जाएगा. लेकिन पता लगा पैसे तो रोनी निवासी हुकुम सिंह के पास हैं हालांकि बैंक प्रबंधन कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नही है।Conclusion:मामले को लेकर जब रोनी निवासी हुकुम सिंह बघेल से सवाल पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा, ''मेरा खाता था. उसमें पैसा आया. मैं सोच रहा था मोदीजी पैसा दे रहे हैं तो मैंने निकाल लिया. हमारे पास पैसा नहीं था, हमारी मजबूरी थी. हमने घर में काम करवाया है और इसलिये पैसा हमें निकालना पड़ा.'' रोनी निवासी हुकुम सिंह ने इस लापरवाही के लिए बैंक वालों को जिम्मेदार बताया है.

बाइट- हुकुम सिंह कुशवाहा, पीड़ित, निवासी रुरई गांव
बाइट- हुकुम सिंह बघेल, निवासी रोनी गांव
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