देहरादून: लॉकडाउन में जहां लोग अपने घरों में थे. वहीं देहरादून नगर निगम के सफाई कर्मचारी शहर को साफ सुथरा करके कोरोना वायरस के खतरे को कम करने में जुटे हुए थे. नगर निगम प्रशासन भी सभी सफाई कर्मचारियों का ध्यान रख रहा है. इसी क्रम में सफाई कर्मचारियों को मार्च 2020 से लगातार वेतन दिया गया है. स्थायी सफाई कर्मचारी सोनू खैरवाल ने बताया कि वेतन तो समय से आ रहा है. कभी-कभी कुछ दिनों का विलंब हो जाता है. लेकिन, लॉकडाउन से लगातार हर महीने वेतन आ रहा है.
उन्होंने कहा कि अस्थायी कर्मचारियों जैसे नाला गैंग, रात्रि नाला गैंग और स्वच्छता समिति के कर्मचारियों को भी समय से वेतन मिल रहा है. लेकिन जो वर्तमान में स्वच्छता समिति में पांच-पांच कर्मचारी बढ़ाये गए थे तो उनकी शिकायत क्षेत्र से आ रही है कि तीन महीने की सैलरी नहीं मिली है. साथ ही बताया जिन कर्मचारियों की मृत्यु हो गई है, उनके परिवार को भी अभी तक बकाया राशि नहीं दी गई है. जिसके चलते कर्मचारियों की स्थिति बड़ी दयनीय हो रखी है.
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नगर निगम के करीब दो हजार स्थायी और अस्थायी सफाई कर्मचारी शहर में सफाई अभियान और सैनिटाइजर के छिड़काव में लगे हैं. स्थायी-620, स्वच्छता समिति-700, नाला गैंग-120, रात्रि गैंग 75 और रैमकी कंपनी 350 सफाई कर्मचारियों की निगरानी के लिए 12 सफाई इंस्पेक्टर भी लगाए गए थे और करीब 60 सफाई सुपरवाइजरों की नेतृत्व में कर्मचारी जुटे हुए थे.
कर्मचारियों के साथ-साथ अधिकारी भी अपनी अहम भूमिका निभा रहे थे. सड़कों के अलावा अस्पताल, मेडिकल स्टोर, सार्वजनिक स्थलों को भी सैनेटाइज किया गया. सफाई कर्मचारी लॉकडाउन के दौरान प्रतिदिन सुबह सड़कों और नालियों की सफाई कर रहे हैं. गाड़ी में रखी तीन बड़ी स्प्रे मशीनों का इस्तेमाल सैनेटाइजर के छिड़काव के लिए हो रहा था, इसमें एक मशीन एक हजार लीटर और दो मशीनें पांच सौ-पांच सौ लीटर की थी.
नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि सफाई कर्मचारियों का वेतन समय से दिया जा रहा है और जो हमारे सफाई कर्मचारी स्थायी हैं, उनको समय पर वेतन मिलता है. जो समिति में होते है तो उनकी प्रक्रिया पूरी होने के कारण दो-चार दिन का विलंब होता है, लेकिन सभी को वेतन समय और नियमित रूप से मिल रहा है.