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राजाजी पार्क के रामगढ़ रेंज को इको सेंसिटिव जोन बनाए जाने से नाराज ग्रामीण, दी ये चेतावनी

राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के अधिकारियों ने रामगढ़ रेंज में ग्रामीणों को पार्क में बनाए जा रहे इको सेंसिटिव जोन की जानकारी दी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार पार्क की सीमा से 10 किलोमीटर का एरिया इको सेंसिटिव जोन में रखा जाएगा. जिसके बाद से ग्रामीण आक्रोशित हैं.

राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के इको सेंसेटिव जोन की ग्रामीणों को जानकारी देते अधिकारी.
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Published : Sep 4, 2019, 10:00 PM IST

डोइवाला: सुप्रीम कोर्ट ने राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की सीमा से 10 किलोमीटर तक के क्षेत्र को इको सेंसिटिव जोन घोषित कर दिया है. पार्क के अधिकारियों ने रामगढ़ रेंज के ग्रामीणों को इको सेंसिटिव जोन की जानकारी दी. साथ ही इस दायरे में प्रतिबंधित अन्य चीजों के बारे में भी बताया. जिसे लेकर ग्रामीण आक्रोशित हैं. ग्रामीणों ने पार्क प्रशासन पर अधिकारों के हनन का आरोप लगाया है.

राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के इको सेंसेटिव जोन से गुस्साएं ग्रामीण.

वहीं मामले को लेकर शिमलाश ग्रांट के पूर्व प्रधान उम्मेद बोरा ने बताया कि पहले भी सुविधाएं देने के नाम पर राजाजी पार्क के अधिकारियों ने ग्रामीणों से कागज पर साइन करवाए थे. लेकिन किसी भी सुविधा का लाभ ग्रामीणों को नहीं दिया गया. वहीं अब पार्क में इको सेंसेटिव जोन बनाकर 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले ग्रामीणों पर नियम कानून थोपे जा रहे हैं, जो कि ग्रामीणों के अधिकारों का हनन है.

वहीं मारखम ग्रांट के पूर्व प्रधान परमंदिर सिंह ने बताया कि राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क सीमा से 10 किलोमीटर का एरिया इको सेंसिटिव जोन घोषित करने की तैयारी की जा रही है. जिससे ग्रामीणों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. साथ ही परमिंदर सिंह ने बताया कि 10 किलोमीटर के दायरे में एक दर्जन से अधिक गांवों और 8 ग्राम सभाएं प्रभावित हो रही हैं. जिसका ग्रामीण पुर जोर विरोध करेंगे.

ये भी पढ़े: रुद्रपुरः बहला फुसलाकर मासूम से कुकर्म का प्रयास, दोनों आरोपी भी नाबालिग

राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के वार्डन अजय शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार इको सेंसिटिव जोन को बनाने के लिए ग्रामीणों की बैठक बुलाई थी. जिसमें ग्रामीणों से सुझाव मांगे भी गए. वहीं पार्क के वार्डन अजय वर्मा ने कहा कि इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत कुछ चीजों को प्रतिबंधित किया गया है.

डोइवाला: सुप्रीम कोर्ट ने राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की सीमा से 10 किलोमीटर तक के क्षेत्र को इको सेंसिटिव जोन घोषित कर दिया है. पार्क के अधिकारियों ने रामगढ़ रेंज के ग्रामीणों को इको सेंसिटिव जोन की जानकारी दी. साथ ही इस दायरे में प्रतिबंधित अन्य चीजों के बारे में भी बताया. जिसे लेकर ग्रामीण आक्रोशित हैं. ग्रामीणों ने पार्क प्रशासन पर अधिकारों के हनन का आरोप लगाया है.

राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के इको सेंसेटिव जोन से गुस्साएं ग्रामीण.

वहीं मामले को लेकर शिमलाश ग्रांट के पूर्व प्रधान उम्मेद बोरा ने बताया कि पहले भी सुविधाएं देने के नाम पर राजाजी पार्क के अधिकारियों ने ग्रामीणों से कागज पर साइन करवाए थे. लेकिन किसी भी सुविधा का लाभ ग्रामीणों को नहीं दिया गया. वहीं अब पार्क में इको सेंसेटिव जोन बनाकर 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले ग्रामीणों पर नियम कानून थोपे जा रहे हैं, जो कि ग्रामीणों के अधिकारों का हनन है.

वहीं मारखम ग्रांट के पूर्व प्रधान परमंदिर सिंह ने बताया कि राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क सीमा से 10 किलोमीटर का एरिया इको सेंसिटिव जोन घोषित करने की तैयारी की जा रही है. जिससे ग्रामीणों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा. साथ ही परमिंदर सिंह ने बताया कि 10 किलोमीटर के दायरे में एक दर्जन से अधिक गांवों और 8 ग्राम सभाएं प्रभावित हो रही हैं. जिसका ग्रामीण पुर जोर विरोध करेंगे.

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राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के वार्डन अजय शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार इको सेंसिटिव जोन को बनाने के लिए ग्रामीणों की बैठक बुलाई थी. जिसमें ग्रामीणों से सुझाव मांगे भी गए. वहीं पार्क के वार्डन अजय वर्मा ने कहा कि इको सेंसिटिव जोन के अंतर्गत कुछ चीजों को प्रतिबंधित किया गया है.

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डोईवाला
राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के इको सेंसेटिव जोन का ग्रामीण करेंगे विरोध
ग्रामीणों का कहना पार्क प्रशासन द्वारा नियम कानून थोपकर ग्रामीणों के अधिकारो का किया जा रहा हनन।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश और राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के अधिकारियों के फरमान से ग्रामीणों की नींद उड़ गई है राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के रामगढ़ रेंज में पार्क के अधिकारियों ने ग्रामीणों को बुलाकर इको सेंसेटिव जोन के बारे में बताया पार्क के अधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की सीमा से 10 किलोमीटर तक इको सेंसेटिव जोन घोषित किया गया है और इस दायरे में कई चीजों को प्रतिबंधित किया गया है इस फरमान से ग्रामीण आक्रोशित हैं और ग्रामीणों ने इसका विरोध किया है ग्रामीणों ने कहा कि पार्क प्रशासन ग्रामीणों के अधिकारों का हनन कर रहा है और इको सेंसेटिव जोन के बनने से ग्रामीणों को आने वाले दिनों में अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा ।


Body:शिमलाश ग्रांट के पूर्व प्रधान उम्मेद बोरा ने कहा कि पहले भी सुविधाएं देने के नाम पर राजाजी पार्क के अधिकारियों ने ग्रामीणों से साइन करवाए थे और किसी भी सुविधा का लाभ ग्रामीणों को नहीं दिया गया लेकिन अब पार्क द्वारा इको सेंसेटिव जोन बनाकर 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले ग्रामीणों पर नियम कानून थोपे जा रहे हैं जो कि ग्रामीणों के अधिकारों का हनन है और इस इको सेंसेटिव जोन का ग्रामीण पुरजोर तरीके से विरोध करेंगे ।

मारखम ग्रांट के पूर्व प्रधान परमंदिर सिंह ने कहा कि राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क सीमा से 10 किलोमीटर का एरिया इको सेंसेटिव जोन घोषित करने की तैयारी है जिससे ग्रामीणों को अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा वही मकान बनाने पेड़ काटने , व्यवसायिक कार्य करने, फैक्ट्री लगाने में परेशानी आएगी और ग्रामीण अपना रोजगार नहीं कर पाएंगे परमिंदर सिंह ने कहा कि 10 किलोमीटर के दायरे में एक दर्जन से अधिक गांवों और 8 ग्राम सभाएं प्रभावित हो रही हैं । और यह नियम जनविरोधी नियम है और इसका ग्रामीण विरोध करेंगे ।


Conclusion:राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के वार्डन अजय शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार इको सेंसेटिव जोन को बनाने के लिए ग्रामीणों की बैठक बुलाई गई है और ग्रामीणों से सुझाव मांगे गए हैं वही पार्क के वार्डन अजय वर्मा ने कहा कि इको सेंसेटिव जोन के अंतर्गत कुछ चीजों को प्रतिबंधित किया गया है और ग्रामीणों की और से शिकायत दर्ज होने के बाद इको सेंसेटिव जोन को बनाया जाएगा ।

बाईट उम्मेद बोरा पूर्व ग्राम प्रधान
बाईट परमिंदर पुर ग्राम प्रधान
बाइट अजय वर्मा वार्डन राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क
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