देहरादून: अपने खिलाफ एफआईआर निरस्त कराने की मांग को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता दीपक करगेती 1 सितंबर से गांधी पार्क में आमरण अनशन पर बैठे हैं. उनके समर्थन में आरटीआई क्लब के अध्यक्ष डॉ. बीपी मैठाणी भी उतर आए हैं. उन्होंने सरकार से दीपक के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त कराने की मांग उठाई है. उनका कहना है कि सामाजिक कार्यकर्ता दीपक करगेती ने उद्यान निदेशालय उत्तराखंड से अंतरराष्ट्रीय महोत्सवों व अन्य क्रियाकलापों के संबंध में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचना मांगी थी.
ऐसे में लोक सूचना अधिकारी द्वारा अपूर्ण सूचना देने के कारण करगेती ने विभागीय अपीलीय अधिकारी कार्यालय में प्रथम अपील दायर की. अपीलीय अधिकारी उद्यान निदेशक ने 31 अगस्त को अपील की सुनवाई की तिथि तय कर करगेती को सूचित किया. उसके बाद आरटीआई कार्यकर्ता दीपक राजकीय उद्यान सर्किट हाउस पहुंचे, लेकिन अपील की सुनवाई के दौरान वांछित सूचना न दिए जाने को लेकर विभाग के अधिकारियों के साथ उनकी कहासुनी हुई.
ऐसे में डॉक्टर बीपी मैठाणी ने निदेशालय पर करगेती के उत्पीड़न का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कार्यालय से बाहर कर एक महिला कर्मचारी की ओर से उनके ऊपर झूठा आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करवा दी गई है. बीपी मैठाणी का कहना है कि बीते 1 सितंबर से वह आमरण अनशन पर बैठे हैं, लेकिन इतने दिनों बाद भी सरकार के किसी अधिकारी ने उनका पक्ष जानने की परवाह नहीं की.
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मंत्री और सचिव को ज्ञापन सौंपा: बीपी मैठाणी ने इस संबंध में कृषि मंत्री गणेश जोशी और उद्यान सचिव को एक ज्ञापन भी सौंपा है, जिसमें उन्होंने सामाजिक कार्यकर्ता के खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग उठाई है.