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आरटीआई एक्टिविस्ट अजय बने मिसाल, बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ से दिलाई आजादी

देहरादून के रहने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट अजय ने बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ से आजादी दिलाई है. उनकी इस पहल से अब कोई भी पैकेट बंद खाद्य पदार्थो के भीतर खिलौने नहीं रख सकेगा.

आरटीआई एक्टिविस्ट अजय कुमार, rti activist ajay kumar
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Published : Aug 4, 2019, 8:54 AM IST

देहरादून: आरटीआई एक्टिविस्ट अजय की पहल के चलते FSSAI यानी फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने देश में सभी पैकेट बंद खाद्य सामग्री के अंदर खिलौने न डालने का सर्कुलर जारी कर दिया है और ऐसा करने वाले के खिलाफ कड़ा कानून भी बनाया गया है. इस नए कानून के बाद अब आपके बच्चे सुरक्षित रह पाएंगे, लेकिन कैसे और क्या है पूरा मामला आइये आपको बताते हैं.

देहरादून के अजय ने बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ से दिलाई आजादी

साल 2017 में आंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले के इलूरा नगर में एक 4 साल के बच्चे मौत चिप्स के पैकेट के अंदर निकलने वाले खिलौने को निगलने से हो गयी थी. डॉक्टरों ने बताया था कि बच्चे के गले में खिलौना फंस गया था और दम घुटने पर मौत हो गई, इस हृदय विदारक घटना के बाद देहरादून के आरटीआई एक्टिविस्ट अजय कुमार ने पीएमओ को चिट्ठी लिखी और इस पर तुरंत संज्ञान लेने की बात कही. इस मामले की जांच की गई. जिसमें निकला की बच्चे की मौत चिप्स के पैकेट में निकले पीले रंग के एक रिंग को निगलने से हुई थी और बाकायदा इस मामले में संबंधित दोषियों पर कार्रवाई भी हुई.

पढे़ं- Man Vs Wild: कॉर्बेट के प्रचार-प्रसार से गदगद वन महकमा, पीएम मोदी को बताया अपना ब्रांड एंबेसडर

इसके बावजूद देश में इस तरह के पैकेट बंद खाद्य पदार्थो के भीतर खिलौने रखने में कोई नियंत्रण नहीं हुआ. जिस पर अजय ने पीएमओ से इस मामले में मिली जांच रिपोर्ट को आधार बनाते हुए पीएमओ कार्यालय के संज्ञान में लाया कि आज भी बाजार में इस तरह के प्रोडक्ट्स की भरमार है. इस पर तुरंत काबू पाया जाना चाहिए. आरटीआई एक्टिविस्ट अजय ने 19 जुलाई को पीएमओ साउथ ब्लॉक में जाकर आवेदन किया. इस आवेदन के मात्र 3 दिनों में इस पर बड़ा एक्शन हुआ और पीएमओ के निर्देश पर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पूरे देश में खाद्य सामग्रियों के भीतर खिलौने रखना बंद करवा दिया. साथ ही अगर कोई ऐसा करता है तो उसके लिए भी कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है.

अजय ने ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत करते हुए बताया कि जरूरत केवल सही मुद्दे को सही समय पर, सही तरीके से, सही जगह पर उठाने की है. उन्होंने कहा कि हर इंसान को अपने आस-पास के विषयों को सही तरीके से उठाने की जरूरत है. सभी को जागरूक होने की जरूरत है और ऐसा नहीं है कि कार्रवाई नहीं होती है.

देहरादून: आरटीआई एक्टिविस्ट अजय की पहल के चलते FSSAI यानी फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने देश में सभी पैकेट बंद खाद्य सामग्री के अंदर खिलौने न डालने का सर्कुलर जारी कर दिया है और ऐसा करने वाले के खिलाफ कड़ा कानून भी बनाया गया है. इस नए कानून के बाद अब आपके बच्चे सुरक्षित रह पाएंगे, लेकिन कैसे और क्या है पूरा मामला आइये आपको बताते हैं.

देहरादून के अजय ने बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ से दिलाई आजादी

साल 2017 में आंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले के इलूरा नगर में एक 4 साल के बच्चे मौत चिप्स के पैकेट के अंदर निकलने वाले खिलौने को निगलने से हो गयी थी. डॉक्टरों ने बताया था कि बच्चे के गले में खिलौना फंस गया था और दम घुटने पर मौत हो गई, इस हृदय विदारक घटना के बाद देहरादून के आरटीआई एक्टिविस्ट अजय कुमार ने पीएमओ को चिट्ठी लिखी और इस पर तुरंत संज्ञान लेने की बात कही. इस मामले की जांच की गई. जिसमें निकला की बच्चे की मौत चिप्स के पैकेट में निकले पीले रंग के एक रिंग को निगलने से हुई थी और बाकायदा इस मामले में संबंधित दोषियों पर कार्रवाई भी हुई.

पढे़ं- Man Vs Wild: कॉर्बेट के प्रचार-प्रसार से गदगद वन महकमा, पीएम मोदी को बताया अपना ब्रांड एंबेसडर

इसके बावजूद देश में इस तरह के पैकेट बंद खाद्य पदार्थो के भीतर खिलौने रखने में कोई नियंत्रण नहीं हुआ. जिस पर अजय ने पीएमओ से इस मामले में मिली जांच रिपोर्ट को आधार बनाते हुए पीएमओ कार्यालय के संज्ञान में लाया कि आज भी बाजार में इस तरह के प्रोडक्ट्स की भरमार है. इस पर तुरंत काबू पाया जाना चाहिए. आरटीआई एक्टिविस्ट अजय ने 19 जुलाई को पीएमओ साउथ ब्लॉक में जाकर आवेदन किया. इस आवेदन के मात्र 3 दिनों में इस पर बड़ा एक्शन हुआ और पीएमओ के निर्देश पर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पूरे देश में खाद्य सामग्रियों के भीतर खिलौने रखना बंद करवा दिया. साथ ही अगर कोई ऐसा करता है तो उसके लिए भी कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है.

अजय ने ईटीवी भारत संवाददाता से बातचीत करते हुए बताया कि जरूरत केवल सही मुद्दे को सही समय पर, सही तरीके से, सही जगह पर उठाने की है. उन्होंने कहा कि हर इंसान को अपने आस-पास के विषयों को सही तरीके से उठाने की जरूरत है. सभी को जागरूक होने की जरूरत है और ऐसा नहीं है कि कार्रवाई नहीं होती है.

Intro:summary- अजय की पहल से अब निहि रहेगा चिप्स के पैकेट से निकले खिलौने को आपके बच्चे के निगलने का डर


एंकर- देहरादून के रहने वाले अजय की पहल के चलते fssai यानी फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने देश मे सभी पैकेट बंद खाद्य सामग्री के अंदर खिलोने ना डालने का सर्कुलर जारी कर दिया है और इसका उलंघन होने पर कड़ा कानून भी बनाया गया है। इस नए कानून के बाद आपके बच्चे सुरक्षित रह पाएंगे। लेकिन कैसे और क्या है पूरा मामला आइये आपको बताते हैं।


Body:वीओ- वर्ष 2017 में आंध्र प्रदेश के गोदावरी जिले के इलूरा नगर में एक 4 साल के बच्चे मौत चिप्स के पैकेट के अंदर निकलने वाले खिलौने को निगलने से हो गयी थी और डॉक्टरों ने बताया था कि बच्चे के गले मे खिलौना फस गया था जिस वजह से दम घुटने पर मौत हो गयी। इस हृदय विदारक घटना के विषय मे देहरादून निवासी आरटीआई कार्यकर्ता अजय कुमार ने इस विषय में पीएमओ को चिट्ठी लिखी जिस पर पीएमओ द्वारा भी तुरन्त कार्यवाही करते हुए मामले की जांच की गई जिसमें निकला की बच्चे की मौत चिप्स के पैकेट में निकले पीले रंग के एक रिंग को निगलने से हुई थी और बाकायदा इस मामले में सम्बंधित दोषियों पर कार्यवाही भी हुई थी।

लेकिन इसके बावजूद भी देश मे इस तरह के पैकेट बंद खाद्य पदार्थो के भीतर खिलोने रखने में कोई नियंत्रण नही हुआ जिस पर अजय ने पीएमओ से इस मामले में मिली जांच रिपोर्ट को आधार बनाते हुए पीएमओ कार्यालय के संज्ञान में लाया की आज भी बाजार में इस तरह के प्रोडक्ट्स की भरमार है और इस पर तुरन्त काबू पाया जाना चाहिए जिस पर अजय ने 19 जुलाई को पीएमओ साउथ ब्लॉक में जाकर आवेदन किया गया और मात्र 3 दिनों में इस पर बड़ा एक्शन हुआ और पीएमओ के निर्देश पर फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पूरे देश मे खाद्य सामग्रियों के भीतर खिलौने रखना बंद करवा दिया और साथ ही अगर कोई ऐसा करता है तो उसके लिए भी कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है।

अजय ने etv भारत से बातचीत करते हुए बताया कि जरूरत केवल सही समय पर सही मुद्दे को सही तरीके से सही जगह पर उठाने की है। उन्होंने कहा कि हर इंसान को अपने आस पास के विषयों को सही तरीके से उठाने की जरूरत है, सभी को जागरूक होने की जरूरत है और ऐसा नही है कि कार्यवाही नही होती है। आपको बता दें कि मुश्किल ही ऐसा कोई विषय होगा जिस पर अजय ने पीएमओ को चिट्ठी लिखी हो और पीएमओ से कार्यवाही ना हुई हो।

वन तो वह अजय कुमार आरटीआई एक्टविस्ट


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