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मसूरीः पेयजल परियोजना का शिलान्यास करने पहुंचीं सांसद के सामने ग्रामीणों का हंगामा, अधिकारी पर भड़कीं लक्ष्मी शाह

टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह और विधायक गणेश जोशी मसूरी पुनर्गठन पेयजल परियोजना का शिलान्यास करने पहुंचे. जहां ग्रामीणों ने भूमि अधिग्रहण में मुआवजा नहीं मिलने पर जमकर हंगामा किया.

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Published : Feb 29, 2020, 7:14 PM IST

Updated : Feb 29, 2020, 7:23 PM IST

mussoorie
ग्रामीणों का हंगामा

मसूरी: 144 करोड़ रुपए की लागत की मसूरी पुनर्गठन पेयजल परियोजना का शिलान्यास करने पहुंचीं सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह को ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा. दरअसल जब सांसद परियोजना को लेकर भूमि पूजन कार्यक्रम में पहुंचीं तो स्थानीय ग्रामीणों ने कार्यक्रम की सूचना नहीं देने और भूमि अधिग्रहण में मुआवजा नहीं मिलने को लेकर नाराजगी जताते हुए जमकर हंगामा किया.

पुनर्गठन पेयजल परियोजना मसूरी कैंपटी ग्राम भेड़ीयाना में टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह और मसूरी विधायक गणेश जोशी द्वारा संयुक्त रूप से भूमि पूजन कर योजना का शिलान्यास करने पहुंचे थे, लेकिन ग्रामीणों ने मुआवजा की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया. जिसके बाद मसूरी विधायक ने ग्रामीणों को मुश्किल से शांत कराया.

ग्रामीणों का हंगामा

वहीं टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी ने जल निगम के अधिकारियों को परियोजना के कार्यक्रम के बारे में ग्रामीणों को जानकारी नहीं दिए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई. माला राज्य लक्ष्मी शाह ने कहा की कुछ विभाग के अधिकारी उनको नजरअंदाज कर रहे हैं जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत केंद्रीय स्तर पर करेंगी.

ग्रामीणों ने मसूरी विधायक के सामने क्षेत्र की समस्याएं और मुद्दे रखे. जिसमें मसूरी बंगलों की कांडी, सिया, सैजी, कैंप्टी के क्षेत्र में पेयजल की समस्याओं को दूर करने के लिए पेयजल लाइन बिछाने की मांग की गई. मसूरी विधायक ने क्षेत्र की जनता को आश्वासन दिया कि पहले कैंप्टी और यमुना के आसपास के क्षेत्र की पेयजल की समस्याओं को दूर किया जाएगा. तब मसूरी में पेयजल दिया जाएगा.

ये भी पढ़े: केदारघाटी में हेली कंपनियों को अब रखनी होगी एंबुलेंस, जानिए क्यों सख्त हुआ प्रशासन

गणेश जोशी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण को लेकर भूमि स्वामी द्वारा सवाल उठाए गए, जिसको दूर करने के लिए पेयजल के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण को लेकर भूमि स्वामी को चार गुना मुआवजा दिया जाना है. जिसको लेकर शासन स्तर पर कार्यवाही की जा रही है. उन्होंने बताया कि मसूरी पुनर्गठन पेयजल योजना के पूरा होने के बाद आने वाले 40 सालों तक मसूरी में पेयजल की समस्या नहीं आएगी.

पेयजल अधिशासी अभियंता सुभाष चंद्रा ने बताया कि 135 एलपीसीडी के तहत योजना को डिजाइन किया गया है जो यमुना नदी से होते हुए मसूरी के राधा भवन तक आएगी और इसकी कुल दूरी 16 किलोमीटर लंबी होगी. उन्होंने कहा कि योजना को पूरा करने में 2 साल का समय लगेगा. भूमि स्वामी की जमीन अधिग्रहण के साथ मुआवजा देने की प्रक्रिया शासन स्तर पर चल रही है जिसको जल्द पूरा कर लिया जाएगा.

मसूरी: 144 करोड़ रुपए की लागत की मसूरी पुनर्गठन पेयजल परियोजना का शिलान्यास करने पहुंचीं सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह को ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा. दरअसल जब सांसद परियोजना को लेकर भूमि पूजन कार्यक्रम में पहुंचीं तो स्थानीय ग्रामीणों ने कार्यक्रम की सूचना नहीं देने और भूमि अधिग्रहण में मुआवजा नहीं मिलने को लेकर नाराजगी जताते हुए जमकर हंगामा किया.

पुनर्गठन पेयजल परियोजना मसूरी कैंपटी ग्राम भेड़ीयाना में टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह और मसूरी विधायक गणेश जोशी द्वारा संयुक्त रूप से भूमि पूजन कर योजना का शिलान्यास करने पहुंचे थे, लेकिन ग्रामीणों ने मुआवजा की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया. जिसके बाद मसूरी विधायक ने ग्रामीणों को मुश्किल से शांत कराया.

ग्रामीणों का हंगामा

वहीं टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी ने जल निगम के अधिकारियों को परियोजना के कार्यक्रम के बारे में ग्रामीणों को जानकारी नहीं दिए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई. माला राज्य लक्ष्मी शाह ने कहा की कुछ विभाग के अधिकारी उनको नजरअंदाज कर रहे हैं जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत केंद्रीय स्तर पर करेंगी.

ग्रामीणों ने मसूरी विधायक के सामने क्षेत्र की समस्याएं और मुद्दे रखे. जिसमें मसूरी बंगलों की कांडी, सिया, सैजी, कैंप्टी के क्षेत्र में पेयजल की समस्याओं को दूर करने के लिए पेयजल लाइन बिछाने की मांग की गई. मसूरी विधायक ने क्षेत्र की जनता को आश्वासन दिया कि पहले कैंप्टी और यमुना के आसपास के क्षेत्र की पेयजल की समस्याओं को दूर किया जाएगा. तब मसूरी में पेयजल दिया जाएगा.

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गणेश जोशी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण को लेकर भूमि स्वामी द्वारा सवाल उठाए गए, जिसको दूर करने के लिए पेयजल के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण को लेकर भूमि स्वामी को चार गुना मुआवजा दिया जाना है. जिसको लेकर शासन स्तर पर कार्यवाही की जा रही है. उन्होंने बताया कि मसूरी पुनर्गठन पेयजल योजना के पूरा होने के बाद आने वाले 40 सालों तक मसूरी में पेयजल की समस्या नहीं आएगी.

पेयजल अधिशासी अभियंता सुभाष चंद्रा ने बताया कि 135 एलपीसीडी के तहत योजना को डिजाइन किया गया है जो यमुना नदी से होते हुए मसूरी के राधा भवन तक आएगी और इसकी कुल दूरी 16 किलोमीटर लंबी होगी. उन्होंने कहा कि योजना को पूरा करने में 2 साल का समय लगेगा. भूमि स्वामी की जमीन अधिग्रहण के साथ मुआवजा देने की प्रक्रिया शासन स्तर पर चल रही है जिसको जल्द पूरा कर लिया जाएगा.

Last Updated : Feb 29, 2020, 7:23 PM IST
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