देहरादून: केदारनाथ धाम में इस बार श्रद्धालुओं की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर दर्शन के लिए पहुंची. चार धाम यात्रा के दौरान केदारनाथ धाम का सफर सबसे ज्यादा कठिन माना जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि केदारनाथ पहुंचने के लिए 21 किलोमीटर का वह पैदल सफर भी करना होता है, जो काफी कठिन है. हालांकि., बड़ी संख्या में श्रद्धालु हेलीकॉप्टर और घोड़े खच्चर के जरिए बाबा केदार के धाम तक पहुंचते हैं. लेकिन केदारनाथ में यात्रियों की भारी संख्या के कारण श्रद्धालुओं को कई बार हेलीकॉप्टर उपलब्ध नहीं हो पाते.
घोड़े खच्चर से भी इस 21 किलोमीटर की यात्रा करना न केवल खतरनाक है बल्कि काफी ज्यादा दिक्कत भरा भी है. लेकिन अब केदारनाथ धाम की यात्रा को दो रोपवे के जरिए आसान करने की तैयारी है. दरअसल, केदारनाथ धाम में 2 रोपवे तैयार किए जाने हैं, जिसमें पहला रोपवे सोनप्रयाग से रामबाड़ा तक होगा, जबकि दूसरा रोपवे रामबाड़ा से केदारनाथ तक श्रद्धालुओं को पहुंचाएगा.
फिलहाल, राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड ने रोपवे के इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है और उम्मीद की जा रही है कि इसके बाद जल्द ही इस पर काम शुरू हो सकेगा. यात्रा रूट की बात करें तो केदारनाथ के पैदल मार्ग पर हेलीकॉप्टर से करीब 10 मिनट केदारनाथ धाम पहुंचने में लगते हैं.
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उधर, घोड़े खच्चर के जरिए 3 से 4 घंटे में श्रद्धालु केदारनाथ पहुंच पाते हैं, जबकि पैदल जाने वाले श्रद्धालुओं को कई घंटों तक कठिन यात्रा करने के बाद केदार के दर्शन हो पाते हैं. लेकिन रोपवे बनने के बाद माना जा रहा है कि करीब 30 मिनट में श्रद्धालु बाबा केदार के धाम तक पहुंच सकेंगे. इस तरह यह पैदल मार्ग श्रद्धालुओं के लिए काफी आसान हो जाएगा. उधर, मार्ग के तमाम खतरों को लेकर भी श्रद्धालुओं को निजात मिल पाएगी और यह रास्ता सुगम और सुरक्षित हो जाएगा.