देहरादून: कोरोनेशन अस्पताल परिसर में 42 करोड़ की लागत से बनी नवनिर्मित 4 मंजिला इमारत की छत पहली बारिश में ही टपकने लगी है, जिससे कार्यदाई संस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल, कोरोनेशन अस्पताल परिसर में 100 बेड के भवन की छत टपकने लगी है और दीवारों में सीलन आ गई है. बारिश का पानी फ्लोर पर आ गया है. आनन-फानन में कार्यदाई संस्था पेयजल निगम सीलन को दूर करने में जुट गया है.
कोरोनेशन अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर शिखा जंगपांगी ने कार्यदाई संस्था से जुड़े अधिकारियों के साथ नए भवन का निरीक्षण किया. उन्होंने ऑपरेशन थिएटर, बर्न वार्ड और आईसीयू का निरीक्षण किया. वहां दीवारों पर जगह-जगह बारिश के पानी की वजह से सीलन आ गई है. इस दौरान उन्होंने जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं.
इसपर डॉक्टर शिखा पांगती का कहना है कि कार्यदाई संस्था को भवन की फिनिशिंग के अलावा बाकी अन्य अधूरे निर्माण कार्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि कार्यदाई संस्था को पानी को रोकने वह कहा गया है. उन्होंने बताया कि कार्यदायी संस्था को यह समस्या दूर करने के लिए 6 दिन का समय दिया गया है.
पढ़ें- उत्तराखंड मांगे भू-कानून: त्रिवेंद्र बोले- हवा में नहीं होगा इन्वेस्टमेंट, जमीन चाहिए
बता दें, कोरोनेशन और गांधी शताब्दी अस्पताल को मर्ज करके जिला अस्पताल घोषित किया गया है. इसी क्रम में कोरोनेशन अस्पताल परिसर में 100 बेड का नया भवन तैयार किया गया है. इसका लोकार्पण तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने किया था. इस अस्पताल भवन का शिलान्यास तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया था, मगर अभी तक कार्यदाई संस्था ने लोकार्पण के बाद भी इस भवन को अस्पताल प्रबंधन को हस्तांतरित नहीं किया है. इस कारण अस्पताल आ रहे मरीजों को इलाज की समुचित सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.