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वर्षों से सेंधा नमक का व्यापार कर रहा गुप्ता परिवार, पाकिस्तान से जुड़े हैं तार

पाकिस्तान से आने वाले सेंधा नमक का कारोबार देहरादून का गुप्ता परिवार आज भी पारिवारिक विरासत के रूप में चला रहा है. 1917 में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान शुरू किये गए इस कारोबार को भारत पाकिस्तान के रिश्तों की खटास भी कम नहीं कर पाई.

पाकिस्तान के सेंधा नमक का राजधानी में व्यापार.
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Published : Jul 25, 2019, 11:25 AM IST

देहरादून: साल 1917 में ब्रिटिश शासन काल के दौरान राजधानी के हनुमान चौक स्थित बाजार में गुप्ता परिवार प्राकृतिक सेंधा नमक का व्यापार करता आ रहा है. वहीं, व्यापार से जुड़ा देहरादून का ये गुप्ता परिवार आज भी इस काम को भारत-पाक नमक वाले रिश्ते के साथ जोड़कर कारोबार कर रहे हैं. 102 साल पहले जब नमक का कारोबार शुरू हुआ था. तब भारत और पाकिस्तान देश का बंटवारा नहीं हुआ था, लेकिन मुल्क का बंटवारा होने के बावजूद भी पाकिस्तान की खानों से प्राकृतिक सेंधा नमक हिंदुस्तान आता रहता है.

पाकिस्तान के सेंधा नमक का राजधानी में व्यापार.

उधर, नमक के इस कारोबार को पूर्वजों की याद के रूप में चलाने वाले गुप्ता परिवार के वर्तमान में बड़े-बड़े व्यापार चल रहे हैं. लेकिन, इसके बावजूद वो अंग्रेजी हुकूमत के दौरान शुरू किए गए सेंधा नमक और पुराने आयुर्वेदिक सामान के व्यापार को जनसेवा के रूप में चलाते आ रहे हैं.

कारोबार से जुड़े तीसरी पीड़ी के रविंद्र गुप्ता ने बताया कि उनके दादा गणपत राय साल 1917 में हरियाणा के करनाल से देहरादून पहुंचे. उन्होंने हनुमान चौक के सबसे पुराने बाजार में आकर पाकिस्तान से आने वाले सेंधा नमक का व्यापार शुरू किया. उसके बाद उनके पिता राजेंद्र प्रकाश 80 साल की उम्र तक सेंधा नमक जैसे पुरानी खाद्य सामग्रियों की व्यापार से जुड़े रहे. आज पिता के दुनिया से जाने के बाद रविंद्र गुप्ता सेंधा नमक जैसे ठोस खाद्य वस्तुओं को सिर्फ अपने पूर्वजों के व्यापारिक रिश्तो को संजोए रखने के लिए प्रतिदिन कुछ समय के लिए चलाते हैं.

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25 पैसे नमक की कीमत आज 25 रुपये से अधिक
आज के दौर में आम नमक की जगह सेंधा नमक अधिक स्वास्थ्यवर्धक होने के कारण काफी चलन में आ गया है. ऐसे में इसकी कीमत भी पहले से काफी बढ़ गई है. नमक के कारोबार को महज विरासत के रूप में आगे ले जाने वाले रविंद्र गुप्ता ने बताया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान की खानों से आने वाले नमक की कीमत जो पहले 25 पैसे प्रति किलो होती थी. उसकी मार्केट डिमांड को देखते हुए आज इसकी कीमत 25 रुपये प्रति किलो से अधिक है.

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पाकिस्तान के सेंधा नमक में नशा तस्करी के चलते बढ़ी कीमत
रविंद्र गुप्ता के अनुसार, पाकिस्तान से आने वाले सेंधा नमक के ठोस टुकड़ों के बीच पाकिस्तान बॉर्डर से अमृतसर के रास्ते हेरोइन जैसे नशीली पदार्थों की तस्करी की जा रही है, जिस कारण भारत सरकार ने पाकिस्तान के सेंधा नमक पर 245 प्रतिशत से अधिक का टैक्स लगा दिया. सेंधा नमक में 84 मिनरल्स और प्राकृतिक नमक होने के चलते ये स्वास्थ्य वर्धक के रूप में काफी चलन में आ रहा है.

व्यापारी रविंद्र गुप्ता ने बताया कि आज सरहद पार से आने वाले हींग की कीमत भी 20 हजार रुपये प्रति किलो हो चुकी है. इसके अलावा सफेद और लाल रंग की फिटकरी सहित अन्य तरह की प्राकृतिक आयुर्वेदिक दवाओं की भी वर्तमान में डिमांड बढ़ चुकी है.

देहरादून: साल 1917 में ब्रिटिश शासन काल के दौरान राजधानी के हनुमान चौक स्थित बाजार में गुप्ता परिवार प्राकृतिक सेंधा नमक का व्यापार करता आ रहा है. वहीं, व्यापार से जुड़ा देहरादून का ये गुप्ता परिवार आज भी इस काम को भारत-पाक नमक वाले रिश्ते के साथ जोड़कर कारोबार कर रहे हैं. 102 साल पहले जब नमक का कारोबार शुरू हुआ था. तब भारत और पाकिस्तान देश का बंटवारा नहीं हुआ था, लेकिन मुल्क का बंटवारा होने के बावजूद भी पाकिस्तान की खानों से प्राकृतिक सेंधा नमक हिंदुस्तान आता रहता है.

पाकिस्तान के सेंधा नमक का राजधानी में व्यापार.

उधर, नमक के इस कारोबार को पूर्वजों की याद के रूप में चलाने वाले गुप्ता परिवार के वर्तमान में बड़े-बड़े व्यापार चल रहे हैं. लेकिन, इसके बावजूद वो अंग्रेजी हुकूमत के दौरान शुरू किए गए सेंधा नमक और पुराने आयुर्वेदिक सामान के व्यापार को जनसेवा के रूप में चलाते आ रहे हैं.

कारोबार से जुड़े तीसरी पीड़ी के रविंद्र गुप्ता ने बताया कि उनके दादा गणपत राय साल 1917 में हरियाणा के करनाल से देहरादून पहुंचे. उन्होंने हनुमान चौक के सबसे पुराने बाजार में आकर पाकिस्तान से आने वाले सेंधा नमक का व्यापार शुरू किया. उसके बाद उनके पिता राजेंद्र प्रकाश 80 साल की उम्र तक सेंधा नमक जैसे पुरानी खाद्य सामग्रियों की व्यापार से जुड़े रहे. आज पिता के दुनिया से जाने के बाद रविंद्र गुप्ता सेंधा नमक जैसे ठोस खाद्य वस्तुओं को सिर्फ अपने पूर्वजों के व्यापारिक रिश्तो को संजोए रखने के लिए प्रतिदिन कुछ समय के लिए चलाते हैं.

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25 पैसे नमक की कीमत आज 25 रुपये से अधिक
आज के दौर में आम नमक की जगह सेंधा नमक अधिक स्वास्थ्यवर्धक होने के कारण काफी चलन में आ गया है. ऐसे में इसकी कीमत भी पहले से काफी बढ़ गई है. नमक के कारोबार को महज विरासत के रूप में आगे ले जाने वाले रविंद्र गुप्ता ने बताया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान की खानों से आने वाले नमक की कीमत जो पहले 25 पैसे प्रति किलो होती थी. उसकी मार्केट डिमांड को देखते हुए आज इसकी कीमत 25 रुपये प्रति किलो से अधिक है.

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पाकिस्तान के सेंधा नमक में नशा तस्करी के चलते बढ़ी कीमत
रविंद्र गुप्ता के अनुसार, पाकिस्तान से आने वाले सेंधा नमक के ठोस टुकड़ों के बीच पाकिस्तान बॉर्डर से अमृतसर के रास्ते हेरोइन जैसे नशीली पदार्थों की तस्करी की जा रही है, जिस कारण भारत सरकार ने पाकिस्तान के सेंधा नमक पर 245 प्रतिशत से अधिक का टैक्स लगा दिया. सेंधा नमक में 84 मिनरल्स और प्राकृतिक नमक होने के चलते ये स्वास्थ्य वर्धक के रूप में काफी चलन में आ रहा है.

व्यापारी रविंद्र गुप्ता ने बताया कि आज सरहद पार से आने वाले हींग की कीमत भी 20 हजार रुपये प्रति किलो हो चुकी है. इसके अलावा सफेद और लाल रंग की फिटकरी सहित अन्य तरह की प्राकृतिक आयुर्वेदिक दवाओं की भी वर्तमान में डिमांड बढ़ चुकी है.

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summary: भारत-पाकिस्तान के खटास वाले वाले रिश्ते को जोड़ता स्वाद वाला नमक का कारोबार

पाकिस्तान से आने वाले सेंधा नमक को 102 साल पुरानी विरासत के रूप में बेच रहे देहरादून के गुप्ता परिवार..
1917 में ब्रिटिश शासनकाल के दौरान शुरू किया गया सेंधा नमक आज भी उसी दुकान पर महज पड़ोसी देशों के आपसी व्यापारिक रिश्ते से बिकता हैं.. 25 पैसे प्रति किलो से शुरू हुआ नमक आज 25 रुपये किलो।

भारत पाक का रिश्ता नमक से आज भी जुड़ा

देहरादून के हनुमान चौक स्थित बाज़ार में वर्ष 1917 में ब्रिटिश शासन काल के दौरान प्राकृतिक सेंधा नमक के व्यापार से जुड़ा एक परिवार आज भी विरासत के रूप इस काम को भारत-पाक नमक वाले रिश्ते के साथ जोड़कर अपना कारोबार महज एक यादों के रूप में चला रहा हैं। हालांकि 102 साल पहले जब नमक का कारोबार शुरू हुआ था तब भारत और पाकिस्तान देश थे। लेकिन मुल्क का बटवारा होने के बावजूद आज भी पाकिस्तान की खानों से प्राकृतिक सेंधा नमक हिंदुस्तान आता है।
उधर नकम के इस कारोबार को पूर्वजों की याद चलाने वाले गुप्ता परिवार का आज वर्तमान में बड़े-बड़े नए व्यापार चल रहे हैं लेकिन इसके बावजूद वह अंग्रेजी हुकूमत के दौरान पाकिस्तान और अफगानिस्तान की खानों से आने वाले सेंधा नमक सहित पुराने आयुर्वेदिक सामान को 102 वर्षो से पड़ोसी देशों के आपसी व्यापार संबंध को संजोय महज एक जनसेवा के रूप प्रतिदिन 4 घण्टों के लिए चला रहे हैं।


पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले सेंधा नमक जैसे अन्य ठोस खाद्यय पदार्थ के कारोबार से जुड़े तीसरी पीड़ी के रविंद्र गुप्ता बताते हैं कि उनके दादा गणपत राय वर्ष 1917 में हरियाणा के करनाल से देहरादून पहुंचे जहां उन्होंने हनुमान चौक के सबसे पुराने बाजार में आकर पाकिस्तान से आने वाले सेंधा नमक का व्यापार शुरू किया। समय बीतता गया उसके बाद उनके पिता राजेंद्र प्रकाश 80 साल की उम्र तक सेंधा नमक जैसे पुरानी खाद्य सामग्रियों की व्यापार से जुड़े रहे। आज पिता के दुनिया से जाने के बाद रविंद्र गुप्ता सेंधा नमक जैसे ठोस खाद्यय वस्तुओं को सिर्फ अपने पूर्वजों के व्यापारिक रिश्तो को संजोए प्रतिदिन कुछ समय के लिए चलाते हैं।








Body:25 पैसे नमक की कीमत आज 25 रुपये से अधिक

आज के दौर में आम नमक की जगह सेंधा नमक अधिक स्वास्थ्यवर्धक होने के चलते काफी चलन में आ गया है। ऐसे में इसकी कीमत भी पहले से काफी बढ़ गई है नमक के कारोबार को महज विरासत के रूप में आगे ले जाने वाले रविंद्र गुप्ता बताते हैं कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान की खानों से आने वाला नमक की कीमत जो पहले 25 पैसे प्रति किलो होती थी उसकी आज डिमांड इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि वर्तमान में वह 25 रुपये प्रति किलो से अधिक की कीमत में बाजार में बिक रहा है।

पाकिस्तान के सेंधा नमक में नशा तस्करी के चलते सेंधा नमक की कीमत बढ़ी

रविंद्र गुप्ता की माने तो पिछले काफी समय से भारी मांग के चलते पाकिस्तान से सबसे अधिक मात्रा में आने वाले सेंधा नमक के ठोस टुकड़ों के बीच पाकिस्तान बॉर्डर से अमृतसर के रास्ते हीरोइन जैसे नशे नशीली तस्करी होने के चलते भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के सेंधा नमक पर 245 प्रतिशत से अधिक टैक्स लगा दिया गया है जिसके चलते सेंधा नमक की कीमत काफी बढ़ चुकी है। सेंधा नमक में 84 मिनरल्स और प्राकृतिक नमक होने के चलते यह आज स्वास्थ्य वर्धक के रूप में काफी चलन में आ रहा है। वहीं एक पड़ोसी मुल्क से आने वाले सेंधा नमक के व्यापारिक रिश्ते के साथ साथ अन्य आयुर्वेदिक वस्तुओं को विक्रय करने वाले रविंद्र गुप्ता बताते हैं


one to one
रविंद्र गुप्ता, सेंधा नमक व्यापारी


Conclusion:सेंधा नमक के साथ साथ पाकिस्तान व अफगानिस्तान के बेहद ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों से आने वाले हींग की कीमत पर भी देहात आशा बढ़ोतरी हुई है व्यापारी रविंद्र गुप्ता के अनुसार आज सरहद पार से आने वाले हींग की कीमत भी आज 20 हज़ार प्रति किलो हो चुकी है, इसके अलावा सफेद और लाल रंग के फिटकरी सहित अन्य तरह के अलग-अलग प्राकृतिक आयुर्वेदिक दवा व वस्तुओं की स्वास्थ्यवर्धक के चलते चलते वर्तमान में डिमांड बढ़ रही हैं।

आज भले ही भारत-पाकिस्तान के रिश्तो में खटास आ गई हो, लेकिन सरहद पार से आने वाला सेंधा नमक हिंदुस्तानियों को इन दिनों काफी रास आ रहा है।



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paramjeet singh
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dehradun
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