ऋषिकेश: दुनियाभर में साइकोलॉजी पर रिसर्च के लिए पोलैंड की काजीमिर्ज विलकि यूनिवर्सिटी के लिए विश्वभर से 5 लोगों का चयन हुआ है. वहीं भारत से उत्तराखंड के ऋषिकेश की रहने वाली कनुप्रिया को चुना गया है. कनुप्रिया ने (msc) साइकोलॉजी की पढ़ाई देवसंस्कृति विश्वविद्यालय से की है. जिसके बाद उन्होंने लॉकडाउन के दौरान रिसर्च की पढ़ाई की. आईये जानते हैं आखिर कनुप्रिया ने किस तरीके से लक्ष्य को हासिल किया?
दरअसल, दुनियाभर से क्लीनिकल साइकोलॉजी पर रिसर्च के लिए पोलैंड की काजीमिर्ज विलकि यूनिवर्सिटी के लिए 5 लोगों को चुना गया है. जिसमें भारत से उत्तराखंड राज्य की रहने वाली कनुप्रिया रावत भी एक हैं. मूलरूप से चमोली जिले के बूंगा गांव और हाल में रायवाला निवासी कनुप्रिया पोलैंड की यूनिवर्सिटी में खेल मनोविज्ञान पर रिसर्च करेंगी. 4 साल तक मुफ्त रिसर्च के लिए उन्हें यूनिवर्सिटी ने स्कॉलरशिप दी है. इस शोध से वह खासकर जूडो और हॉकी खिलाड़ियों को उम्दा प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करेंगी.
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यूनिवर्सिटी ने दी मुफ्त स्कॉलरशिप
चमोली जनपद के छोटे से गांव बूंगा के निवासी कनुप्रिया रावत पोलैंड में काजिमिर्ज वीकलि यूनिवर्सिटी में 4 साल तक स्पोर्ट्स फील्ड पर रिसर्च करेंगी. उन्हें यूनिवर्सिटी ने मुफ्त स्कॉलरशिप दी है. खास बात यह है कि कनुप्रिया दुनिया भर के उन पांच लोगों में शामिल हैं. जिन्हें स्कॉलरशिप दी गई है.
मेहनत लाई रंग
कनुप्रिया की इस सफलता से ना सिर्फ उसके परिजन बल्कि पूरा प्रदेश खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है. हाल में रायवाला में रहने वाली कनुप्रिया रावत पहले से ही मनोविज्ञान विषय में काफी और रुचि रखती थी. लेकिन उन्हें खुद भी यह नहीं पता था कि उनकी दिलचस्पी उन्हें एक दिन दुनिया भर में मशहूर कर देगी.
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कनुप्रिया ने मेहनत और जज्बे के बूते यह मुकाम हासिल किया और अब वह नवंबर में पोलैंड के लिए रवाना होंगी. उनके शोध में खास तौर पर जूडो और हॉकी के खिलाड़ियों को शामिल किया गया है. हॉकी देश का राष्ट्रीय खेल होने के बावजूद खिलाड़ियों का प्रदर्शन उम्दा होता नजर नहीं आया है. लिहाजा ऐसे में उनका यह शोध हॉकी खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बेहतर करने में काफी मददगार साबित हो सकता है.
परिवार को दिया सफलता का श्रेय
कनुप्रिया इस सफलता का श्रेय सीधे तौर पर अपने परिजनों और छोटी बहन को दिया है. कनुप्रिया ने कहा कि पौलैंड में 4 साल रिसर्च करने के बाद वे पहाड़ की महिलाओं के उत्थान के लिए एक संस्था बनाकर कार्य करेंगी.