ऋषिकेश: देश भर में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ रहा है तो लोग खौफजदा भी हैं. ऐसे में कुछ असामाजिक तत्व फर्जी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं. ऋषिकेश में भी ऐसा ही मामला सामने आया. पुलिस तुरंत एक्शन में आई और फर्जी वीडियो वायरल करने वाले 7 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. सातों आरोपियों को जेल भी भेज दिया गया.
बता दें कि सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो वायरल हो रहे हैं. एक वीडियो में ऋषिकेश बस अड्डे पर कुछ लोगों के फंसे होने और प्रशासन की ओर से मदद नहीं करने की फर्जी बात कही गई. इस वीडियो का संज्ञान लेते हुए प्रभारी निरीक्षक ने फर्जी वीडियो वायरल करने वाले आरोपियों की तलाश शुरू कर दी. पुलिस को वीडियो में दिखा कि 7 लोग ऋषिकेश बस अड्डे के पास कोरोना को लेकर अफवाह फैला रहे हैं. पुलिस ने लॉक डाउन का उल्लंघन करने और अफवाह फैलाने का मुकदमा दर्ज कर सातों आरोपियों को जेल भेज दिया.
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जेल भेजे गए आरोपी ऋषिकेश का रहने वाला जगमोहन पुत्र चंदन सिंह (56 साल) जो रोडवेज में चौकीदार है. दूसरा पंजाब निवासी रघुवीर पुत्र बाबू सिंह (42 साल) जो वॉल्वो गाड़ी में हेल्पर का काम करता है. तीसरा अमरोहा (यूपी) के रहने वाला धर्म सिंह पुत्र वीर सिंह (35 साल) वॉल्वो गाड़ी में हेल्पर का काम करता है. चौथा आरोपी मुजफ्फरनगर (यूपी) का रहने वाला काला पुत्र जयपाल (24 साल) रोडवेज बस अड्डे में चाय की ठेली लगाता है. पांचवा अंकुश पुत्र सैंदर कुमार मुजफ्फरनगर (20 साल) रोडवेज बस अड्डे में चाय की ठेली लगाता है. छठवां दुष्यंत शर्मा पुत्र घनश्याम सिंह, मेरठ (38 साल) वॉल्वो गाड़ी में हेल्पर का कार्य करता है. सातवां दीपक पुत्र मुकेश, ऋषिकेश का रहने वाला है और नगर निगम ऋषिकेश में सफाई का कार्य करता है.