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राजाजी टाइगर रिजर्व सीमा के पास ईको सेंसटिव जोन बनाने का विरोध - विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल को एक ज्ञापन सौंपा

ईको सेंसेटिव जोन घोषित करने के विरोध में बुधवार को रायवाला क्षेत्र की विभिन्न ग्राम पंचायतों के पूर्व प्रधान और इको विकास समिति प्रतीत नगर के जनप्रतिनिधियों ने विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल को एक ज्ञापन सौंपा.

ईको सेंसेटिव जोन घोषित का विरोध विरोध
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Published : Aug 28, 2019, 1:38 PM IST

ऋषिकेशः राजाजी टाइगर रिजर्व सीमा के आसपास ईको सेंसेटिव जोन घोषित करने के विरोध में बुधवार को रायवाला क्षेत्र की विभिन्न ग्राम पंचायतों के पूर्व प्रधान और इको विकास समिति प्रतीत नगर के जनप्रतिनिधियों ने विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल को एक ज्ञापन सौंपा.

ईको सेंसेटिव जोन घोषित करने का विरोध

इस मामले में प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा है कि जिस कानून से स्थानीय जनता को हानि हो उसकी समीक्षा की जानी चाहिए एवं स्थायी निवासियों के अनुरूप नीति निर्धारण होना चाहिए. वहीं बीते 2 वर्षों में 26 लोग इस क्षेत्र में बाघ का शिकार हो गए हैं. वन्य जीव एवं मानव संघर्ष की घटनाएं आए दिन होती रहती हैं. ऐसे में पार्क प्रशासन को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए ताकि स्थानीय लोगों के जान माल का नुकसान न हो.

विधानसभा अध्यक्ष को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि रायवाला क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी नहीं है कि इसे ईको सेंसेटिव जोन घोषित किया जाए. हरिपुर कलां के पूर्व प्रधान सतेंद्र धर्मादा का कहना है कि इस क्षेत्र में 50-60 हजार से अधिक आबादी निवास करती है. इसके साथ ही देश की उत्तरी सीमा की सुरक्षा के लिए रायवाला में मिलिट्री स्टेशन भी स्थापित है. ईको सेंसेटिव जोन के दायरे में आने से ग्रामीणों को मुसीबतें होगी जिसका स्थानीय ग्रामीण विरोध कर रहे हैं.

उधर, ईको विकास समिति प्रतीक नगर के अध्यक्ष राजेश जुगलान का कहना है कि रायवाला क्षेत्र जंगली जानवरों से ज्यादा प्रभावित है.ऐसे में सर्वप्रथम क्षेत्र की सुरक्षा की जाए. इस मामले को लेकर विभिन्न प्रतिनिधियों ने ज्ञापन में सुझाव दिए हैं कि पार्क एक्ट में संशोधन व व्यापक सर्वे कर पार्क क्षेत्र को नए सिरे से सीमांकन कराया जाए.

ऋषिकेशः राजाजी टाइगर रिजर्व सीमा के आसपास ईको सेंसेटिव जोन घोषित करने के विरोध में बुधवार को रायवाला क्षेत्र की विभिन्न ग्राम पंचायतों के पूर्व प्रधान और इको विकास समिति प्रतीत नगर के जनप्रतिनिधियों ने विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल को एक ज्ञापन सौंपा.

ईको सेंसेटिव जोन घोषित करने का विरोध

इस मामले में प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा है कि जिस कानून से स्थानीय जनता को हानि हो उसकी समीक्षा की जानी चाहिए एवं स्थायी निवासियों के अनुरूप नीति निर्धारण होना चाहिए. वहीं बीते 2 वर्षों में 26 लोग इस क्षेत्र में बाघ का शिकार हो गए हैं. वन्य जीव एवं मानव संघर्ष की घटनाएं आए दिन होती रहती हैं. ऐसे में पार्क प्रशासन को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए ताकि स्थानीय लोगों के जान माल का नुकसान न हो.

विधानसभा अध्यक्ष को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि रायवाला क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी नहीं है कि इसे ईको सेंसेटिव जोन घोषित किया जाए. हरिपुर कलां के पूर्व प्रधान सतेंद्र धर्मादा का कहना है कि इस क्षेत्र में 50-60 हजार से अधिक आबादी निवास करती है. इसके साथ ही देश की उत्तरी सीमा की सुरक्षा के लिए रायवाला में मिलिट्री स्टेशन भी स्थापित है. ईको सेंसेटिव जोन के दायरे में आने से ग्रामीणों को मुसीबतें होगी जिसका स्थानीय ग्रामीण विरोध कर रहे हैं.

उधर, ईको विकास समिति प्रतीक नगर के अध्यक्ष राजेश जुगलान का कहना है कि रायवाला क्षेत्र जंगली जानवरों से ज्यादा प्रभावित है.ऐसे में सर्वप्रथम क्षेत्र की सुरक्षा की जाए. इस मामले को लेकर विभिन्न प्रतिनिधियों ने ज्ञापन में सुझाव दिए हैं कि पार्क एक्ट में संशोधन व व्यापक सर्वे कर पार्क क्षेत्र को नए सिरे से सीमांकन कराया जाए.

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ऋषिकेश--राजाजी टाइगर रिजर्व सीमा के आसपास इको सेंसेटिव जोन घोषित करने के विरोध में आज रायवाला क्षेत्र की विभिन्न ग्राम पंचायतों के पूर्व प्रधान एवं इको विकास समिति प्रतीत नगर के जनप्रतिनिधियों ने विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल को बैराज रोड स्थित कैंप कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपा इस अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा है कि रायवाला के आसपास के क्षेत्र को इको सेंसेटिव जोन का स्थानीय स्तर पर लोग विरोध कर रहे हैं इस संबंध में पार्क प्रशासन के साथ जल्दी ही एक बैठक कर इसका समाधान निकाला जाएगा l


Body:वी/ओ--प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा है कि जिस कानून से स्थानीय जनता को  हानी हो उसकी समीक्षा की जानी चाहिए एवं स्थाई निवासियों के अनुरूप  नीति निर्धारण होना चाहिए lउन्होंने कहा है कि  विगत  2 वर्षों में 26 लोग इस क्षेत्र में बाघ का शिकार हो गए हैं l वन्य जीव एवं मानव संघर्ष की घटनाएं आए दिन होती रहती है l पार्क प्रशासन को  इस ओर भी ध्यान देना चाहिए  ताकि स्थानीय लोगों के जान माल का नुकसान न हो, विधानसभा अध्यक्ष को  दिए गए ज्ञापन में  कहा गया है कि रायवाला क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियां इस प्रकार की नहीं है कि इसे इको सेंसेटिव जोन घोषित किया जाए, हरिपुर कला के  पूर्व प्रधान सतेंद्र धर्मादा का कहना है कि  इस क्षेत्र में 50 - 60 हजार से अधिक आबादी निवास करती है  एवं देश की  उत्तरी सीमा की सुरक्षा के लिए रायवाला में मिलिट्री स्टेशन भी स्थापित है ।  इको सेंसेटिव जोन के दायरे में आने से ग्रामीणों को  मुसीबतें होगी जिसका स्थानीय ग्रामीण विरोध कर रहे हैं ।इको विकास समिति प्रतीक नगर के अध्यक्ष  राजेश जुगलान का कहना है कि रायवाला क्षेत्र  जंगली जानवर से खासकर  प्रभावित है  ऐसे में  सर्वप्रथम क्षेत्र की सुरक्षा की जाए।




Conclusion:वी/ओ--इस अवसर पर विभिन्न प्रतिनिधियों ने  ज्ञापन में सुझाव दिए हैं कि पाक एक्ट में संशोधन किया जाए तथा व्यापक सर्वे कर पार्क क्षेत्र को नए सिरे से सीमांकन कराया जाए । जंगल से सटे हुए गांव  के बीच स्पष्ट सीमांकन किया जाए l 

बाईट--प्रेमचंद अग्रवाल(विधानसभा अध्यक्ष)

    

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