ऋषिकेश: एम्स ऋषिकेश में ट्रॉमा और इमरजेंसी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए सरकार का सहयोग लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की साउथ ईस्ट एशियन रीजन समिट में प्रतिभाग करेगा. ये समिट खोनकान के थाईलैंड में 24 नवंबर से 29 नवंबर तक आयोजित होगी. इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के संरक्षण और एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रविकांत की अगुवाई में एक संयुक्त टीम का गठन किया गया है. टीम में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और एम्स के ट्रामा एंड इमरजेंसी के एक्सपर्ट शामिल हैं.
एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रविकांत ने बताया कि एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए कटिबद्ध है. उत्तराखंड की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों और कई तरह की आपदाओं का केंद्र होने के कारण प्रदेश की ट्रॉमा एवं इमरजेंसी सेवाओं पर ध्यान देने से प्रदेश में चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति लाई जा सकती है.
निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रविकांत ने बताया कि आपदा का असली प्रबंधन ऐसी घटनाओं से पहले कर लिया जाना चाहिए. उन्होंने इस महत्वपूर्ण कार्य में दूरदर्शिता के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को धन्यवाद दिया. टीम में राज्य सरकार की ओर से संयुक्त सचिव स्वास्थ्य अरुणेंद्र चौहान, निदेशक मेडिकल हेल्थ डॉ. एसके गुप्ता और एम्स की ओर से ट्रामा एवं इमरजेंसी विशेषज्ञ डॉ. मधुर उनियाल शामिल हैं.
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एम्स के ट्रॉमा एंड इमरजेंसी विशेषज्ञ डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि थाईलैंड के खोनकान में डब्ल्यूएचओ के सहयोग से एक मजबूत और कम खर्च वाला सेंटर बना हुआ है. उन्होंने बताया कि वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन द्वारा साउथ ईस्ट एशिया के देशों को ध्यान में रखते हुए इसे खासतौर पर स्थापित किया है. जिसमें प्री-हॉस्पिटल, हॉस्पिटल और शारीरिक पुनर्स्थापना का बेहतर समन्वय है. 24 से 29 नवंबर तक थाईलैंड में आयोजित होने वाले साउथ ईस्ट एशिया में ट्रॉमा एवं इमरजेंसी केयर कार्यशाला में शामिल होने के लिए टीम शनिवार को उत्तराखंड से रवाना हो गई है.