देहरादून: उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत अपनी बेबाकी के चलते कभी हरीश रावत से तो कभी त्रिवेंद्र सिंह रावत से उलझते हुए दिखाई देते हैं. लेकिन इस बार उनका आमना-सामना विजय बहुगुणा से हुआ है. आजकल दोनों के बीच बयानबाजी का दौर चल रहा है.
दरअसल, हरक सिंह रावत के बगावती तेवरों के बीच विजय बहुगुणा को बीजेपी ने उत्तराखंड में बागियों को मनाने की जिम्मेदारी दी तो विजय बहुगुणा ही इस राजनीति का शिकार हो गए. हरक सिंह रावत ने विजय बहुगुणा को ही आड़े हाथों ले लिया.
हरक सिंह से जब मीडिया ने बहुगुणा से हुई बैठक के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि 'उन्होंने सिर्फ बहुगुणा से सिर्फ इतना कहा था कि साढ़े चार साल में आप कभी हमारे घर चाय पीने नहीं आए. इसी के बाद से दोनों के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई.
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हरक सिंह के चाय वाले बयान पर विजय बहुगुणा का जवाब आया है. उन्होंने कहा है कि हम चाय पर ज्यादा ध्यान नहीं देते. यदि वह भोजन पर बुलाते तो चले जाते. हरक सिंह रावत के बयान पर विजय बहुगुणा की यह प्रतिक्रिया भले ही जिस भी मकसद से कही गई हो, लेकिन हरक सिंह रावत ने भी विजय बहुगुणा को जवाब देने में देरी नहीं की. हरक सिंह रावत ने कहा कि जो अपने होते हैं, उन्हें बुलाने की जरूरत नहीं पड़ती. नेताओं के दरवाजे कभी किसी के लिए बंद नहीं होते जो भी चाहे उनके घर आ सकता है.