देहरादून: उत्तराखंड में डॉक्टरों की कमी (doctors shortage in uttarakhand) पूरी हो सके, उसके लिए लिए बोर्ड की तरफ से एलोपैथिक, आयुर्वेदिक और होम्योपैथी चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है. लेकिन 256 आयुर्वेदिक डॉक्टरों के रिक्त पदों के लिए आवेदनों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई है कि अब बोर्ड को छंटनी परीक्षा करानी पड़ रही है. जो आवेदनकर्ता छंटनी परीक्षा में क्वालीफाइ करेंगे, उन चिकित्सकों की रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी. वहीं 1500 से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया है.
आयुर्वेदिक चिकित्सकों की भर्ती (recruitment of ayurvedic doctors) के लिए बोर्ड ने 29 मई को रिटर्न एग्जाम की तिथि निर्धारित की है. इसके अलावा नए और पुराने सरकारी मेडिकल कॉलेजों को जल्द ही असिस्टेंट प्रोफेसर मिलने जा रहे हैं. विभिन्न सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए 339 पदों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर की सेलेक्शन प्रोसेस भी गतिमान है. इसके साथ ही बोर्ड ईएसआई के 33 रिक्त पदों को भरने के लिए डॉक्टर्स की भर्ती करने जा रहा है. उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के चेयरमैन डॉ. डीएस रावत ने बताया कि 30 के करीब होम्योपैथिक चिकित्सकों के पदों पर भी भर्ती की जानी है, इसके लिए प्रोसेस चल रहा है.
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उन्होंने बताया कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ नर्सों के 1383 पदों के लिए सितंबर 2022 में लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी. कोरोना की चौथी लहर की आहट को देखते हुए मेडिकल स्टाफ की कमी को दूर किए जाने पर बोर्ड के चेयरमैन का कहना है कि चयन बोर्ड की तरफ से रेगुलर प्रोसेस के तहत डॉक्टर्स की भर्ती प्रक्रिया की जाती है. जबकि ऐसी परिस्थितियों में कांट्रेक्चुअल बेसिस के तहत संविदा में नियुक्तियां की जाती हैं.