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अब हिमालय की बर्फबारी में दुर्घटना का शिकार नहीं होंगे ट्रैकर्स, उत्तराखंड पुलिस ने बनाया खास प्लान

उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय एसडीआरएफ रेस्क्यू टीम की तर्ज पर सिविल पुलिस की विशेष ऑपरेशन टीम तैयार करने जा रही है. साथ ही बर्फबारी वाले क्षेत्रों की पुलिस चौकियों को भी अपग्रेड किया जाएगा. जिससे ट्रैकर्स व सैलानियों को खराब मौसम में आसानी से रेस्क्यू किया जा सके.

rescue team will expand
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Published : Dec 23, 2019, 10:15 PM IST

Updated : Jan 3, 2020, 12:57 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के हाई एल्टीट्यूड 9000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सर्द मौसम के दौरान पर्यटकों की आवाजाही बढ़ गई है. उनकी सुरक्षा को देखते हुए एसडीआरएफ की तर्ज पर सिविल पुलिस अतिरिक्त चौकियां बनाने जा रही है. उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने इसकी कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए पुलिस मुख्यालय टीम तैयार करने जा रही है.

SDRF की तर्ज पर सिविल पुलिस को किया जाएगा अपग्रेड

एसडीआरएफ रेस्क्यू टीम की तर्ज पर इस टीम को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके लिए इनको अतिरिक्त भत्ता, अत्याधुनिक उपकरण व अन्य संसाधनों से लैस किया जाएगा. इसके साथ ही हिमालयी क्षेत्र के उन क्षेत्रों को चिह्नित किया जा रहा है, जिन क्षेत्रों में पूरे साल बर्फबारी होती है और मानव सुरक्षा को तत्काल रिस्पांस देने के लिए नई पुलिस चौकियों को स्थापित किया जा सके. इस मामले में पुलिस मुख्यालय जल्द ही नई चौकियों और फोर्स की तैनाती के लिए प्रस्ताव देने जा रही है.

पढ़ें- कुमाऊं विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह 4 मार्च को, तीन हस्तियों को दी जाएगी मानध उपाधि

इस मामले में डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार की माने तो अब राज्य में चारधाम यात्रा के बाद विंटर सीजन में सैलानियों की आवाजाही हाई एल्टीट्यूड वाले क्षेत्रों में भी तेजी से बढ़ रही है. इसी के दृष्टिगत जब वह पिछले दिनों माइनस 10 डिग्री वाले हर्षिल जैसे पर्यटन क्षेत्र में पहुंचे तो वहां सैलानियों की सुरक्षा को लेकर जरूरत महसूस की गई. ऐसे में हाई एल्टीट्यूड वाले इन स्थानों पर तैनात रहने वाले सिविल पुलिस के जवानों को एसडीआरएफ की तर्ज पर प्रशिक्षण दिया जाएगा. साथ ही राहत बचाव उपकरणों और संसाधनों से लैस किए जाने की आवश्यकता है, ताकि हाई एल्टीट्यूड में रहने वाली सिविल पुलिस आपातकाल स्थिति में रेस्क्यू ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे सके.

हाई एल्टीट्यूड पर पुलिस को अपग्रेड करने की तैयारी

एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल का कहना है कि राज्य में विंटर सीजन के दौरान पर्यटक व ट्रैक्टर्स की सुरक्षा की दृष्टि से हाई एल्टीट्यूड संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है. जहां एसडीआरएफ की तर्ज पर सिविल पुलिस की चौकियां और पोस्ट बैरियर बनाए जा सकते हैं. इस एक्सरसाइज के बाद जरूरी उपकरण संसाधनों के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा.

देहरादून: उत्तराखंड के हाई एल्टीट्यूड 9000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सर्द मौसम के दौरान पर्यटकों की आवाजाही बढ़ गई है. उनकी सुरक्षा को देखते हुए एसडीआरएफ की तर्ज पर सिविल पुलिस अतिरिक्त चौकियां बनाने जा रही है. उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने इसकी कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए पुलिस मुख्यालय टीम तैयार करने जा रही है.

SDRF की तर्ज पर सिविल पुलिस को किया जाएगा अपग्रेड

एसडीआरएफ रेस्क्यू टीम की तर्ज पर इस टीम को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके लिए इनको अतिरिक्त भत्ता, अत्याधुनिक उपकरण व अन्य संसाधनों से लैस किया जाएगा. इसके साथ ही हिमालयी क्षेत्र के उन क्षेत्रों को चिह्नित किया जा रहा है, जिन क्षेत्रों में पूरे साल बर्फबारी होती है और मानव सुरक्षा को तत्काल रिस्पांस देने के लिए नई पुलिस चौकियों को स्थापित किया जा सके. इस मामले में पुलिस मुख्यालय जल्द ही नई चौकियों और फोर्स की तैनाती के लिए प्रस्ताव देने जा रही है.

पढ़ें- कुमाऊं विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह 4 मार्च को, तीन हस्तियों को दी जाएगी मानध उपाधि

इस मामले में डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार की माने तो अब राज्य में चारधाम यात्रा के बाद विंटर सीजन में सैलानियों की आवाजाही हाई एल्टीट्यूड वाले क्षेत्रों में भी तेजी से बढ़ रही है. इसी के दृष्टिगत जब वह पिछले दिनों माइनस 10 डिग्री वाले हर्षिल जैसे पर्यटन क्षेत्र में पहुंचे तो वहां सैलानियों की सुरक्षा को लेकर जरूरत महसूस की गई. ऐसे में हाई एल्टीट्यूड वाले इन स्थानों पर तैनात रहने वाले सिविल पुलिस के जवानों को एसडीआरएफ की तर्ज पर प्रशिक्षण दिया जाएगा. साथ ही राहत बचाव उपकरणों और संसाधनों से लैस किए जाने की आवश्यकता है, ताकि हाई एल्टीट्यूड में रहने वाली सिविल पुलिस आपातकाल स्थिति में रेस्क्यू ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे सके.

हाई एल्टीट्यूड पर पुलिस को अपग्रेड करने की तैयारी

एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल का कहना है कि राज्य में विंटर सीजन के दौरान पर्यटक व ट्रैक्टर्स की सुरक्षा की दृष्टि से हाई एल्टीट्यूड संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है. जहां एसडीआरएफ की तर्ज पर सिविल पुलिस की चौकियां और पोस्ट बैरियर बनाए जा सकते हैं. इस एक्सरसाइज के बाद जरूरी उपकरण संसाधनों के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा.

Intro:pls note- महोदय इस स्टोरी से संबंधित हाई एटीट्यूड बर्फबारी वाले क्षेत्र के विजुअल ईमेल से भेजे गए हैं कृपया उठाने का कष्ट करें।


summary-एसडीआरएफ रेस्क्यू टीम की तर्ज पर तैयार होगी सिविल पुलिस की विशेष ऑपरेशन टीम, दुर्गम बर्फबारी वाले क्षेत्रों में तैनात होंगे नई सिविल चौकियां, एसडीआरएफ की तर्ज पर ट्रेनिंग लेने के साथ उपकरणों और संसाधनों से लैस होगी high-altitude पुलिस।

उत्तराखंड के हिमालय क्षेत्र से जुड़े दुर्गम बर्फबारी वाली पहाड़ियों क्षेत्रों में हर वर्ष देश-विदेश से आने वाले ट्रैकर्स व सैलानियों खराब मौसम के कारण दुर्घटना का शिकार होते रहते हैं ऐसे में उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने संकटमोचक एसडीआरएफ रेस्क्यू टीम की तर्ज पर हाई एल्टीट्यूड में तैनात सिविल पुलिस को भी एसडीआरएफ की तर्ज पर अपग्रेड ट्रेनिंग देने के साथ ही उपकरण और संसाधनों के साथ लैस कर आपातकाल के समय मुसीबत में फंसे सैलानियों और ट्रैकर्स को रेस्क्यू कर रहा देने का कार्य करेंगे। इतना ही नहीं पुलिस मुख्यालय 9000 फिट से अधिक ऊंचाई वाले ऐसे हाई एल्टीट्यूड अनु को भी चिन्हित कराने जा रहा है जहां किसी तरह की कोई राहत बचाव रेस्क्यू टीम उपलब्ध नहीं है। ताकि उन स्थानों पर नई चौकियों को रेस्क्यू टीम के तौर पर तैनात किया जा सके। इस नई कवायद के लिए पुलिस मुख्यालय जल्द ही शासन को प्रस्ताव बना कर भेजेगा।

इन स्थानों में होगा राहत बचाव फ़ोर्स का विस्तार

चोपता, हरसिल, बागेश्वर,औली पिथौरागढ़ और नीलांग के अलावा नए स्थानों चिन्हित करने की कवायद।






Body:विंटर सीजन के दौरान सैलानियों की आवाजाही बढ़ने के चलते रेस्क्यू टीम का विस्तार

उत्तराखंड के हाई एल्टीट्यूड 9000 फिट से अधिक ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में सर्द मौसम के दौरान पर्यटकों की आवाजाही बढ़ने के चलते उनकी सुरक्षा के दृष्टिगत अब एसडीआरएफ की तर्ज पर सिविल पुलिस की भी अतिरिक्त चौकियों को स्थापित करने की कवायद पुलिस मुख्यालय द्वारा शुरू कर दी गई है।
इस कार्य के लिए पुलिस मुख्यालय हाई एल्टीट्यूड स्थानों पर रेस की ओर सर्च टीम के तौर पर सिविल पुलिस को एसडीआरएफ रेस्क्यू टीम की तर्ज पर स्पेशल ट्रेनिंग मुहैया कराने के साथ ही अतिरिक्त भत्ता उपकरण और अन्य संसाधनों से लैस करने की तैयारी में जुटा हुआ है।

इतना ही नहीं हिमालय क्षेत्र के दुर्गम और लगातार 365 दिन अत्यधिक बर्फबारी होने वाले क्षेत्रों में कई बार देश विदेश के ट्रैकर्स टीम के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने की संभावनाओं को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ऐसे दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों को चिन्हित करने जा रहा है, जहां मानव सुरक्षा को तत्काल रिस्पांस देने के लिए नई पुलिस चौकियों को स्थापित किया जा सके इस मामले में पुलिस मुख्यालय एसडीआरएफ विंग से जानकारियां एकत्र कर शासन को बहुत जल्द ही इस मामले में नए चौकियों और फोर्स की तैनाती के लिए प्रस्ताव देने जा रहा है।


Conclusion:इस मामले में महानिदेशक अशोक कुमार की माने तो अब राज्य में चार धाम यात्रा के बाद विंटर सीजन में सैलानियों की आवाजाही हाई एल्टीट्यूड वाले क्षेत्रों में भी तेजी से बढ़ रही है। इसी के दृष्टिगत जब वह पिछले दिनों माइनस 10 डिग्री वाले हरसिल जैसे पर्यटन क्षेत्र में पहुंचे तो वहां सैलानियों की सुरक्षा को लेकर जरूरत महसूस की गई। ऐसे में हाई एल्टीट्यूड वाले इन स्थानों पर तैनात रहने वाले थाना चौकी पुलिस को एसडीआरएफ रेस्क्यू टीम की तर्ज पर प्रशिक्षण देने के साथ ही राहत बचाव उपकरणों और संसाधनों से लैस किए जाने की आवश्यकता है। ताकि हाई एल्टीट्यूड में रहने वाली सिविल पुलिस भारी बर्फबारी वाले क्षेत्रों में आपातकाल स्थिति में राहत बचाव ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे सके। डीजी अशोक कुमार के मुताबिक ऐसे दुर्गम और पर्यटन वाले स्थानों को चिन्हित कराया जा रहा है ताकि हाई एल्टीट्यूड में रेस्क्यू टीम का विस्तार हो सके।
इतना ही नहीं उत्तराखंड शासन द्वारा 2 साल पहले हाई एल्टीट्यूड वाले इलाकों में अतिरिक्त भत्ता देने जैसे आदेश के मुताबिक ऐसे उत्तम पहाड़ी वाले क्षेत्रों को भी चिन्हित किया जा रहा है जहां किसी तरह की कोई राहत बचाव की चौकी नहीं है। ऐसे में इस योजना के तहत नई चौकियों को भी हाई एल्टीट्यूड एरिया में स्थापित किए जाने का प्रस्ताव है।

बाइट- अशोक कुमार, महानिदेशक अपराध व कानून व्यवस्था

हाई एल्टीट्यूड कब संवेदनशील स्थानों पर सिविल पुलिस को अपग्रेड करने की तैयारी: एसडीआरएफ आईजी

इस मामले में एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल की माने तो राज्य में विंटर सीजन के दौरान कई तरह के पर्यटक व ट्रैक्टर्स की सुरक्षा की दृष्टि से हाई एल्टीट्यूड संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है जहां एसडीआरएफ की तर्ज पर सिविल पुलिस की चौकियां पोस्ट बैरियर बनाए जा सकते। इस एक्साइज के बाद जरूरी उपकरणों संसाधनों के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

बाइट- संजय गुंज्याल,आईजी, एसडीआरएफ
Last Updated : Jan 3, 2020, 12:57 PM IST
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