देहरादूनः केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले हाल ही में उत्तराखंड दौरे पर आए थे. केंद्रीय मंत्री आठवले ने उत्तराखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर एक आंकड़ा मीडिया के सामने रखा था. लेकिन उन आंकड़ों को लेकर कई संशय बने रहे. विपक्ष ने आंकड़ों पर अचंभा जताया. लेकिन बयानों और धरातल की सच्चाई किसी के सामने नहीं आ सकी. अब ईटीवी भारत रियलिटी चेक के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना की धरातलीय हकीकत सबसे सामने लाया है.
सिर्फ 464 लोगों को मिला आवासः ईटीवी भारत की टीम ने शहरी विकास विभाग में प्रधानमंत्री आवास योजना का पूरा जिम्मा संभाल रहे असिस्टेंट डायरेक्टर राजीव पांडे से बातचीत की और आम जनता के साथ-साथ विपक्ष के सवालों के जवाब पूछे. इस पर असिस्टेंट डायरेक्टर राजीव पांडे ने बताया कि प्रदेश में अब तक ईडब्ल्यूएस यानी इकोनॉमिक वीकर सेक्शन के तहत 29,900 लोगों के आवेदन स्वीकृत किए गए हैं. इनमें से केवल 464 गरीब लोगों को ही मकान बनाकर दिए गए हैं. इन मकानों पर गरीब यानी ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के लोगों को कब्जा दिया जा चुका है. वहीं, इसके अलावा 5,064 नए आवास बनाने का काम चल रहा है. ऐसे में बाकी बचे तकरीबन 24,372 लोगों को आवास कब मिलेगा, यह कोई नहीं जानता.
14 हजार से ज्यादा को पैसा अलॉटः शहरी विकास विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर राजीव पांडे ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि उत्तराखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 14,500 लोगों को मकान बनाने के लिए 2 लाख 50 हजार रुपए अलॉट किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए पैसा अलॉट किए गए इस सेक्शन में तकरीबन 14,253 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें से 5,319 लोगों को पैसा अलॉट हो चुका है और बाकी लोगों की प्रक्रिया जारी है. ये सभी लोग भी इकोनॉमिक वीकर सेक्शन कैटेगरी में आते हैं.
ये भी पढ़ेंः Uniform Civil Code: केंद्र भी जल्द ला सकता है कानून, आठवले ने उत्तराखंड में UCC का किया समर्थन
बैंक लोन के माध्यम से हर वर्ग के 17,152 लोगों को लाभः शहरी विकास विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर राजीव पांडे ने बताया कि इसी साल के मार्च महीने तक बैंक लोन के अनुदान के माध्यम से 17,152 लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है. इस स्कीम के तहत इन लोगों को 2.67 लाख का अनुदान दिया जा रहा था. यह लोग ईडब्ल्यूएस यानी इकोनॉमिक वीकर सेक्शन के नहीं, बल्कि किसी भी आय वर्ग के लोग हैं. इन्हें बैंक लोन के माध्यम से लाभ दिया गया है. हालांकि, यह जानकारी दी गई है कि अब इस तरह के प्रावधान को मार्च 2022 के बाद बंद कर दिया गया है. अब बैंक लोन के माध्यम से किसी को लाभ नहीं दिया जा रहा है.
क्या केंद्रीय मंत्री का दावा सच है? अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 24 हजार आवास दिए जाने का दावा किया गया था. लेकिन वास्तविक धरातल पर जो आंकड़े सामने आए वह सबसे सामने हैं. शहरी विकास विभाग द्वारा आवास बनाकर EwS यानी इकोनॉमिक वीकर सेक्शन को जो आवास आवंटित किए गए हैं, उनकी संख्या केवल 464 है. ऐसे में यह आंकड़ा केंद्रीय मंत्री के दावे से कितना वास्ता रखता है, इसे आसानी से समझा जा सकता है.