देहरादूनः प्रदेश में एक बार फिर से कोरोना के केसों में तेजी से इजाफा हो रहा है. बावजूद इसके लोग कोरोना को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. लोगों को न तो कोरोना का खौफ है, न ही पुलिस प्रशासन की कार्रवाई का डर. आलम तो ये है कि ज्यादातर लोग तो मास्क ही नहीं पहन रहे हैं. जो लोग मास्क पहने भी नजर आ रहे हैं, वो मास्क ठोड़ी में या फिर नाक के नीचे लटकाए हुए हैं. सोशल डिस्टेंसिंग की बात करना तो बेइमानी सा लगता है. जी हां, ये सब ईटीवी भारत की रियलिटी चेक के दौरान देहरादून शहर में देखने को मिल रहा है.
दरअसल, राजधानी देहरादून में लोग कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच कितने जागरूक हैं? इस बात का जायजा लेने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने राजधानी की मुख्य सड़कों और पलटन बाजार जैसे मुख्य बाजार में एक रियलिटी चेक किया. जिसमें कई इस तरह की तस्वीरें सामने आईं. जो सीधे तौर पर यह दर्शाने के लिए काफी है कि राजधानी के लोग कोरोना महामारी के खतरे को लेकर बेहद लापरवाह रवैया अपनाए हुए हैं. मास्क न पहनने पर जवाब सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे. कोई गर्मी होने का तो कोई नाक दर्द होने का हवाला देते नजर आ रहे हैं.
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रियलिटी चेक में राजधानी की मुख्य सड़कों और पलटन बाजार जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाके में कई ऐसे लोग मिले, जिन्होंने मास्क पहना ही नहीं था. जब उनसे मास्क का इस्तेमाल न करने को लेकर सवाल किया तो वे अलग-अलग बहाने बनाते नजर आए. कई लोग ऐसे भी मिले जो मास्क पहनने की बजाय अपनी जेबों में लेकर घूम रहे थे. इसके अलावा कई लोग ऐसे भी मिले, जिन्होंने मास्क तो जरूर पहने हुए थे, लेकिन उस मास्क से उन्होंने अपने मुंह और नाक को पूरी तरह कवर नहीं किया हुआ था.
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बरहाल, पूरी पड़ताल में देहरादूनवासी कोरोना के नियमों को ठेंगा दिखाते नजर आए. ये स्थिति तब है जब प्रदेश में कोरोना के मामले तेजी बढ़ रहे हैं. बीते रोज भी कोरोना के 547 नए केस मिले. जबकि, 2 मरीजों ने अपनी जान गंवाई. अगर देहरादून की बात करें तो अकेले दून में 224 पॉजिटिव मिले हैं. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि कोरोना की रफ्तार क्या है. ऐसे में सभी को कोरोना को गंभीरता से लेना होगा. कहीं ऐसा न हो कि अस्पताल में इलाज के लिए बेड ही न मिलें. सिर्फ एक लापरवाही से जान गंवानी पड़े.