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ऋषिकेश में गंगा में विसर्जित हुआ रावण का पुतला, कोरोना के कारण नहीं किया दहन

आम तौर पर दशहरे पर रावण के पुतले को आग लगाई जाती है. ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर इस साल कोरोना महामारी के कारण दशहरे पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों का दहन न करके गंगा में विसर्जित किया गया. कोरोना गाइडलाइन के अनुसार गंगा समिति द्वारा इस साल छोटे पुतले बनाए गए.

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ऋषिकेश
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Published : Oct 15, 2021, 5:21 PM IST

Updated : Oct 15, 2021, 6:32 PM IST

ऋषिकेश: विजयदशमी के अवसर पर ऋषिकेश की हृदय स्थली त्रिवेणी घाट पर रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के छोटे पुतले बनाए गए थे. इन पुतलों को विधिवत पूजा-अर्चना के बाद सुभाष क्लब दशहरा कमेटी ने गंगा में विसर्जित कर दिया. मौके पर सीमित संख्या में ही श्रद्धालु रावण की पूजा के लिए पहुंचे. हर साल होने वाले रावण दहन का कार्यक्रम त्रिवेणी घाट पर नहीं होने से श्रद्धालुओं में काफी मायूसी भी देखने को मिली.

ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर कोरोना के कारण इस साल भी विजयदशमी के दिन रावण दहन का कार्यक्रम नहीं हुआ. इस साल सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक सीमित श्रद्धालुओं की उपस्थिति में रावण दहन का कार्यक्रम त्रिवेणी घाट पर होना संभव नहीं था. इसलिए सुभाष क्लब दशहरा कमेटी ने परंपरा को बरकरार रखने के लिए रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के छोटे पुतले बनाकर उनकी पूजा-अर्चना की. पूजा-अर्चना में पहुंची श्रद्धालु रूबी ने बताया कि कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक कार्यक्रम तो बहुत अच्छा रहा, लेकिन आस्था को ठेस भी पहुंची है.

ऋषिकेश में गंगा में विसर्जित हुआ रावण का पुतला

ये भी पढ़ेंः विजय दशमी : जानिए क्या है शुभ मुहूर्त, कैसे करें पूजा

कार्यक्रम आयोजक राहुल शर्मा ने बताया कि कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार ही छोटे रूप में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. वहीं, पुतलों को बनाने के लिए यूपी के मुजफ्फरनगर से पहुंचे कारीगर शफीक अहमद के अनुसार कोरोना की वजह से पहली बार उन्हें इतने छोटे पुतले बनाने पड़े हैं. हालांकि पिछले 35 सालों से वह त्रिवेणी घाट पर हर साल 50 से 60 फीट लंबे पुतले बनाकर लोगों को आकर्षित करते आए हैं.

गौरतलब है कि इस साल ऋषिकेश में कोरोना महामारी के कारण इस साल रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों का दहन नहीं किया गया. बल्कि परंपरा निभाते और लोगों की आस्था को ठेस न पहुंचाते हुए तीनों के छोटे पुतले बनाकर उन्हें गंगा में विसर्जित किया गया.

ऋषिकेश: विजयदशमी के अवसर पर ऋषिकेश की हृदय स्थली त्रिवेणी घाट पर रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के छोटे पुतले बनाए गए थे. इन पुतलों को विधिवत पूजा-अर्चना के बाद सुभाष क्लब दशहरा कमेटी ने गंगा में विसर्जित कर दिया. मौके पर सीमित संख्या में ही श्रद्धालु रावण की पूजा के लिए पहुंचे. हर साल होने वाले रावण दहन का कार्यक्रम त्रिवेणी घाट पर नहीं होने से श्रद्धालुओं में काफी मायूसी भी देखने को मिली.

ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर कोरोना के कारण इस साल भी विजयदशमी के दिन रावण दहन का कार्यक्रम नहीं हुआ. इस साल सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक सीमित श्रद्धालुओं की उपस्थिति में रावण दहन का कार्यक्रम त्रिवेणी घाट पर होना संभव नहीं था. इसलिए सुभाष क्लब दशहरा कमेटी ने परंपरा को बरकरार रखने के लिए रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के छोटे पुतले बनाकर उनकी पूजा-अर्चना की. पूजा-अर्चना में पहुंची श्रद्धालु रूबी ने बताया कि कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक कार्यक्रम तो बहुत अच्छा रहा, लेकिन आस्था को ठेस भी पहुंची है.

ऋषिकेश में गंगा में विसर्जित हुआ रावण का पुतला

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कार्यक्रम आयोजक राहुल शर्मा ने बताया कि कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार ही छोटे रूप में कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. वहीं, पुतलों को बनाने के लिए यूपी के मुजफ्फरनगर से पहुंचे कारीगर शफीक अहमद के अनुसार कोरोना की वजह से पहली बार उन्हें इतने छोटे पुतले बनाने पड़े हैं. हालांकि पिछले 35 सालों से वह त्रिवेणी घाट पर हर साल 50 से 60 फीट लंबे पुतले बनाकर लोगों को आकर्षित करते आए हैं.

गौरतलब है कि इस साल ऋषिकेश में कोरोना महामारी के कारण इस साल रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों का दहन नहीं किया गया. बल्कि परंपरा निभाते और लोगों की आस्था को ठेस न पहुंचाते हुए तीनों के छोटे पुतले बनाकर उन्हें गंगा में विसर्जित किया गया.

Last Updated : Oct 15, 2021, 6:32 PM IST
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