ऋषिकेश: मानव वन्यजीव संघर्ष की आपात स्थिति से निपटने के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व की गठित रैपिड रिस्पॉस टीम (आरआरटी) लगातार तैयारियां कर रही है. जिसके लिए वनकर्मियों को विभिन्न स्तरों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. मानव वन्यजीव संघर्ष पर विराम लगाने के लिए पार्क प्रशासन द्वारा लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं. जिसमें रैपिड रिस्पॉस टीम (आरआरटी) अहम भूमिका निभाएगी.
पार्क के अधिकारियों का कहना है कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद रैपिड रिस्पांस टीम एक घंटे के भीतर मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू शुरू कर देगी. बता दें कि गुरूवार को मोतीचूर रेंज में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर लगाया गया था. जिसमें राजाजी पार्क, हरिद्वार और देहरादून डिविजन के चुनिंदा 60 वनकर्मियों को शामिल किया गया. इस दौरान वनकर्मियों, वन दरोगा और रेंज अधिकारियों को एनिमल रेस्क्यू ऑपरेशन और लोगों के बचाव की ट्रेनिंग दी गई.
इस दौरान वनकर्मियों को रेस्क्यू उपकरणों के इस्तेमाल और आपात स्थिती से निपटने के तौर-तरीके सीखाए गए. टीम को 67 प्रकार के उपकरण वाली किट का प्रशिक्षण दिया गया. इस किट में रात और दिन में कार्य करने वाले आधुनिक कैमरे, दूरबीन, एनिमल रेस्क्यू ऑपरेशन के टूल्स शामिल हैं.
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वन्य जीव प्रतिपालक राजाजी टाइगर रिजर्व दिनेश प्रसाद उनियाल ने बताया कि उत्तराखंड, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल में लिव विद लैपर्ड प्रोग्राम चलाया जा रहा है. वनकर्मियों को ट्रेनिंग देने के साथ-साथ मानव वन्यजीव संघर्ष को लेकर लोगों को जागरूक करने की भी ट्रेनिंग दी जा रही है.