देहरादून: डीआईजी अरुण मोहन जोशी के आदेश पर सोमवार को रानी पोखरी थाना पुलिस ने नाबालिग लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में मुकदमा दर्ज किया. पीड़ित परिवार का आरोप है कि मुकदमा दर्ज कराने के लिए कई दिनों से रानी पोखरी थाने के चक्कर काट रहे थे, लेकिन पुलिस उन पर समझौते का दबाव बना रही थी. आखिर में पीड़ित परिवार देहरादून डीआईजी के पास पहुंचा, जिसके बाद डीआईजी के आदेश पर रानी पोखरी पुलिस ने दुष्कर्म का मामला दर्ज किया.
इतना ही नहीं डीआईजी जोशी ने मामले की जांच का जिम्मा एसपी क्राइम को दिया है. इसके अलावा उन्होंने जांच के बाद सम्बंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है. वहीं इस मामले में उत्तराखंड बाल आयोग संरक्षण ने भी देहरादून एसएसपी को पत्र लिखकर जवाब तलब किया है.
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पीड़िता ने देहरादून डीआईजी को जो शिकायत पत्र लिखा था, उसके मुताबिक पीड़िता तीन नवंबर देर शाम को बाजार से सामान लेकर घर जा रही थी, तभी बीच रास्ते में नशे में चूर अखिलेश बिष्ट ने उसके साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता के मुताबिक वो जैसे-कैसे आरोपी के चुगल से छुटकर जंगल के रास्ते घर पहुंची और परिजनों को मामले की जानकारी दी. इसके बाद परिजन आरोपी के खिलाफ तहरीर लेकर रानी पोखरी थाने पहुंचे. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने तहरीर लेने के बचाए उन पर समझौते का दबाव बनाने की कौशिश की.
थाना प्रभारी रानी पोखरी ने कहा कि आरोपित अखिलेश बिष्ट के खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 354 और पॉक्सो अधिनियम 7/8 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. पीड़िता का मेडिकल कराया जा रहा है. रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के खिलाफ धाराए बढ़ाई जा सकती है. जल्द ही आरोपी की गिरफ्तार की जाएगी. मंगलवार को पीड़िता के 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराएगी. डीआईजी ने कहा कि मामला गंभीर होने के बावजूद अगर मुकदमा लिखने में देरी की गई है तो इस बात की जांच पड़ताल कर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.