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क्षैतिज आरक्षण समाप्त करने पर राज्य आंदोलनकारियों में रोष, सचिवालय कूच की दी चेतावनी

शहर के कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मारक स्थल पर राज्य आंदोलनकारियों की एक बैठक हुई. इस बैठक में राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य सरकार की ओर से मिल रहे दस फीसदी आरक्षण को समाप्त करने की निंदा की है. वहीं, आंन्दोलनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर राजभवन कूच करने की बात कही है.

आरक्षण समाप्त करने पर राज्य आंदोलनकारियों में रोष
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Published : Oct 13, 2019, 6:04 PM IST

देहरादूनः शहर के कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मारक स्थल पर राज्य आंदोलनकारियों की एक बैठक हुई. इस बैठक में राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य सरकार की ओर से मिल रहे दस फीसदी आरक्षण को समाप्त करने की निंदा की है. वहीं, आंन्दोलनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर राजभवन कूच करने की बात कही है.

आरक्षण समाप्त करने पर राज्य आंदोलनकारियों में रोष

बता दें कि रविवार को राज्य आंदोलनकारी मंच ने एक बैठक का आयोजन किया. जिसमें सभी आंदोलनकारियों ने आगामी रणनीति पर विचार किया. इस मौके पर राज्य आदोंलनकारियों ने सरकार द्वारा दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण खत्म करने की घोर निंदा की. उन्होंने कहा कि क्षैतिज आरक्षणका लाभ आंदोलनकारियों को मिलना चाहिए. साथ ही सभी को एक समान पेंशन दी जानी चाहिए.

ये भी पढ़ेंःशिक्षा विभाग में शिक्षकों की नियुक्ति की कवायद तेज, पद्दोन्नति की बंधी उम्मीदें
राज्य आंदोलनकारी पिछले कई सालों से शासनादेश लागू करने, परिवहन निगम की बसों में आंदोलनकारी के आश्रितों को नि:शुल्क यात्रा की सुविधा, उच्च शिक्षा संबंधित शासनादेश में संशोधन कर तकनीकी शिक्षा व व्यवसायिक कोर्स में दो बच्चों के लिए प्रावधान किए जाने की मांग कर रहे हैं.

इस बैठक में जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा की प्रदेश सरकार जिस तरह से आम आंदोलनकारियों से लेकर शहीद परिवारों के साथ अनदेखी कर रही है. वहीं, सरकार गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने के मामले में रुचि नहीं दिखा रही. जबकि, मुजफ्फरनगर कांड के 25 साल बीत जाने के बावजूद भी दोषियों को अबतक सजा नहीं मिली है. ऐसे में इन तमाम मांगों और विषयों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा.

देहरादूनः शहर के कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मारक स्थल पर राज्य आंदोलनकारियों की एक बैठक हुई. इस बैठक में राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य सरकार की ओर से मिल रहे दस फीसदी आरक्षण को समाप्त करने की निंदा की है. वहीं, आंन्दोलनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर राजभवन कूच करने की बात कही है.

आरक्षण समाप्त करने पर राज्य आंदोलनकारियों में रोष

बता दें कि रविवार को राज्य आंदोलनकारी मंच ने एक बैठक का आयोजन किया. जिसमें सभी आंदोलनकारियों ने आगामी रणनीति पर विचार किया. इस मौके पर राज्य आदोंलनकारियों ने सरकार द्वारा दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण खत्म करने की घोर निंदा की. उन्होंने कहा कि क्षैतिज आरक्षणका लाभ आंदोलनकारियों को मिलना चाहिए. साथ ही सभी को एक समान पेंशन दी जानी चाहिए.

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राज्य आंदोलनकारी पिछले कई सालों से शासनादेश लागू करने, परिवहन निगम की बसों में आंदोलनकारी के आश्रितों को नि:शुल्क यात्रा की सुविधा, उच्च शिक्षा संबंधित शासनादेश में संशोधन कर तकनीकी शिक्षा व व्यवसायिक कोर्स में दो बच्चों के लिए प्रावधान किए जाने की मांग कर रहे हैं.

इस बैठक में जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा की प्रदेश सरकार जिस तरह से आम आंदोलनकारियों से लेकर शहीद परिवारों के साथ अनदेखी कर रही है. वहीं, सरकार गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने के मामले में रुचि नहीं दिखा रही. जबकि, मुजफ्फरनगर कांड के 25 साल बीत जाने के बावजूद भी दोषियों को अबतक सजा नहीं मिली है. ऐसे में इन तमाम मांगों और विषयों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा.

Intro:देहरादून के कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मारक स्थल पर आज राज्य आंदोलनकारियों की एक बैठक हुई,इस दौरान राज्य आन्दोलनकरी मंच के पदधिकारियों में निर्णय लिया गया है की राज्य आंदोलनकारियों का 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का मामला सहित आठ मुद्दों को लेकर पहले भी कई बार हम मुख्यमंत्री कुछ कर चुके है लेकिन हर बार अब तक कोई भी नतीजा नहीं निकल पाया!जिसके चलते जिस तरह हमारी मांगो को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है तो हम लोगो को राजभवन कूच न करना पड़ जाए!Body:आगामी रणनीति पर सभी आंदोलनकारियों ने अपने सुझाव दिए,साथ ही राज्य आदोंलनकारियों की मांग रही है की दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ राज्य आंदोलनकारियों/आश्रितों को दिया जाए। सभी को एक समान पेंशन दी जाए। अभी तक के सभी शासनादेश लागू करने, परिवहन निगम की बसों में आंदोलनकारी के आश्रितों को भी निश्शुल्क यात्रा की सुविधा दिए जाने, उच्च शिक्षा संबंधित शासनादेश में संशोधन कर तकनीकी शिक्षा व व्यवसायिक कोर्स में दो बच्चों के लिए प्रावधान किए जाने की मांग को उठाने का काम पिछले कई सालो से कर रहे है लेकिन सरकर हर इनकी मांगो को नज़रअंदाज़ कर रही है!इसलिए इस बार राज्य आन्दोलकारी  कड़े कदम उठाने को तैयार है!    Conclusion:जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा की प्रदेश सरकार जिस तरह से आम आंदोलनकारियों से लेकर शहीद परिवारों के साथ अनदेखी कर रही हैं,सरकार गैरसैण को स्थाई राजधानी बनाने के मामले में रुचि नहीं दिखा रहीं साथ ही 25 साल के बाद भी मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को अब तक सजा नहीं दी गयी हैं,राज्य आंदोलनकारियों का 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का मामला सहित आठ मुद्दों को लेकर पहले भी मुख्यमंत्री आवास कूच कर चुके हैं अब एक बार फिर से इन्ही मांगो को लेकर धरना दिया जाएगा,प्रदीप कुकरेती ने कहा कि पहले भी दो बार मांगो को लेकर राज्यपाल से समय लिया जा चुका हैं,हो सकता हैं कि राजभवन भी कूच करना पड़े,इन्हीं तमाम बिंदुओ को लेकर इस बैठक में चर्चा की जाएगी,वर्तमान मुख्यमंत्री पिछले ढाई सालों से प्रदेश हित मे कोई सकारात्मक काम नहीं कर पाए हैं और राज्य आंदोलनकारियों के हित मे भी कुछ दिखाई नही दे रहा हैं।


बाईट-प्रदीप कुकरेती,जिला अध्यक्ष,उत्तराखंड राज्य आन्दोलनकरी मंच
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