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ऋषिकेश के राजेश ओसियन यूथ समिट में लेंगे हिस्सा

अंतरराष्ट्रीय कला पुरस्कार जीतने वाले ऋषिकेश के राजेश चंद्र ओसियन यूथ समिट में भी हिस्सा लेंगे. राजेश ने ओसियन डे पर केले के पत्तों को प्लास्टिक डिस्पोजल का सटीक विकल्प बताया था. उनके चित्र को पर्यावरण संरक्षण ऑर्गनाइजेशन हेयर्स टू अवर ओसियन ने अपनी साइट पर स्थान दिया था.

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Published : Jun 12, 2020, 2:30 PM IST

ऋषिकेश: कैलिफोर्निया स्थित पर्यावरण संरक्षण ऑर्गनाइजेशन हेयर्स टू अवर ओसियन ने एक कला प्रतियोगिता का आयोजन किया. इसमें विश्वभर से चित्रकारों ने भाग लिया था. सभी ने अपनी कला के जरिए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया था. इस दौरान तीर्थनगरी के कलाकार राजेश चंद्र ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कला पुरस्कार जीता. इसके साथ ही राजेश को ओसियन यूथ समिट में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा. भारत से राजेश के साथ-साथ इस प्रतियोगिता में न्यूजीलैंड, यूनाइटेड स्टेट्स और जर्मनी के विजेता भी हैं.

बता दें, राजेश ने अपने चित्र "हर दिन-भूमि दिवस" से कुछ उपाय बताते हुए कहा कि हम प्लास्टिक के बने डिस्पोजल ग्लास, कोल्ड ड्रिंक स्ट्रॉ और डिस्पोजल आइसक्रीम कप का बहिष्कार कर उनकी जगह इको फ्रेंडली तरीके से पर्यावरण को बचा सकते हैं. उन्होंने अपनी पेंटिंग में दिखाया कि एक बुजुर्ग नारियल पानी को धान के पौधे से बने स्ट्रॉ से पी रहा है. वहीं एक बच्चा उस खाली नारियल में पौधा लगा रहा है.

पढ़ें: संरक्षित पार्कों को अनलॉक करने की तैयारी, एनटीसीए से पार्क खोलने की मिली मंजूरी

अपनी पेंटिंग में उन्होंने ये भी बताया कि कैसे हम उत्तराखंड में शादियों में पत्ते से बनी कटोरी और प्लेट का इस्तेमाल कर पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने में लगे हैं. इन सब उपायों की विदेशी ऑर्गनाइजेशन ने बहुत सराहना की है. भारतीय दिनचर्या में पर्यावरण को हमेशा से पूजा गया है.

ऋषिकेश: कैलिफोर्निया स्थित पर्यावरण संरक्षण ऑर्गनाइजेशन हेयर्स टू अवर ओसियन ने एक कला प्रतियोगिता का आयोजन किया. इसमें विश्वभर से चित्रकारों ने भाग लिया था. सभी ने अपनी कला के जरिए पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया था. इस दौरान तीर्थनगरी के कलाकार राजेश चंद्र ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कला पुरस्कार जीता. इसके साथ ही राजेश को ओसियन यूथ समिट में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा. भारत से राजेश के साथ-साथ इस प्रतियोगिता में न्यूजीलैंड, यूनाइटेड स्टेट्स और जर्मनी के विजेता भी हैं.

बता दें, राजेश ने अपने चित्र "हर दिन-भूमि दिवस" से कुछ उपाय बताते हुए कहा कि हम प्लास्टिक के बने डिस्पोजल ग्लास, कोल्ड ड्रिंक स्ट्रॉ और डिस्पोजल आइसक्रीम कप का बहिष्कार कर उनकी जगह इको फ्रेंडली तरीके से पर्यावरण को बचा सकते हैं. उन्होंने अपनी पेंटिंग में दिखाया कि एक बुजुर्ग नारियल पानी को धान के पौधे से बने स्ट्रॉ से पी रहा है. वहीं एक बच्चा उस खाली नारियल में पौधा लगा रहा है.

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अपनी पेंटिंग में उन्होंने ये भी बताया कि कैसे हम उत्तराखंड में शादियों में पत्ते से बनी कटोरी और प्लेट का इस्तेमाल कर पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने में लगे हैं. इन सब उपायों की विदेशी ऑर्गनाइजेशन ने बहुत सराहना की है. भारतीय दिनचर्या में पर्यावरण को हमेशा से पूजा गया है.

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