ऋषिकेश: राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क (Rajaji Tiger reserve park) क्षेत्र के अंदर घुसकर चंदन के पेड़ों पर आरी चलाना और उसके बाद पेड़ों को लेकर तस्करों के फरार हो जाने के मामले में पार्क प्रशासन सवालों के घेरे में है. वहीं, राजाजी टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर ने इस मामले की जांच एसडीओ चीला रेंज को सौंप दी है. डायरेक्टर ने दावा किया है कि जांच पूरी होने के बाद इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यदि किसी कर्मचारी की इस मामले में संलिप्तता मिलती है तो उन्हें भी नहीं बख्शा जाएगा.
बता दें कि राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के स्वर्गाश्रम क्षेत्र में बाघ खाला के पास जंगल के अंदर घुसकर चंदन के पेड़ों पर आरी चलाने के मामले में अभी जांच बैठा दी गई है. हालांकि, दीपावली से पहले चंदन की पेड़ों को कटाने की वारदात के बाद तस्करों को चुपचाप पार्क से निकल जाना कर्मचारियों की लापरवाही को दर्शा रहा है.
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सबसे बड़ी बात ये है कि बैराज से लक्ष्मण झूला के बीच वन विभाग के दो चेक पोस्ट हैं. फिर भी तस्कर पेड़ों को चोरी कर कैसे बाहर निकल गए, यह बड़ा सवाल है. वहीं, इस घटना के बाद पार्क की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क के डायरेक्टर साकेत बडोला (Director Saket Badola) का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में आने के बाद इसकी जांच एसडीओ चीला रेंज को सौंपी गई है.
ईटीवी भारत से फोन पर हुई बातचीत में साकेत बडोला ने बताया कि इस जांच के पूरी होने के बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, उनका यह भी कहना है कि चंदन के पेड़ ही काटे गए हैं यह कहना जल्दबाजी है. क्योंकि यह पेड़ किसी और प्रजातियों के भी हो सकते हैं. वहीं, इस घटना की जांच की जा रही है और जिस किसी भी कर्मचारी की इसमें संलप्तिता पाई जाएगी, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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वहीं, इस मामले की जांच कर रहे चीला रेंज के एसडीओ प्रशांत हिंदवान (SDO Chila Range Prashant Hindwan) ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि जो पेड़ काटे गए (illegal felling of tree case) हैं. वह चंदन के है या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है. जांच के बाद ही इस बारे में कुछ स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है. फिलहाल, यहां कितने पेड़ काटे गए हैं और किसने इस वारदात को अंजाम दिया है. उसकी जांच चल रही है. जांच पूरी होने के बाद इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी.