ऋषिकेश: लॉकडाउन के चलते राजाजी पार्क में नवंबर से जून तक जंगल-सफारी करने वाली 6 दर्जन से ज्यादा जिप्सियों के पहिये थम गए हैं. जिससे लगभग 200 परिवार प्रभावित हुए हैं. जंगल सफारी के व्यवसाय से जुड़े जिप्सी स्वामी, जिप्सी चालक और गाइडों के सामने रोजी-रोटी का संकट मंडराने लगा है. हालांकि, मामले को संज्ञान में लेते हुए सरकार ने 3 माह के लिए जिप्सी के टैक्स माफ कर दिया है. वहीं जिप्सी यूनियन के पदाधिकारियों ने इसे नाकाफी बताया है.
राजाजी नेशनल पार्क में नवंबर से जून माह तक चलने वाली जंगल सफारी कोरोना महामारी के कारण हुए लॉकडाउन से बंद हैं. नवंबर से जून के बीच का सीजन जंगल सफारी से जुड़े व्यवसायियों के लिए साल भर की कमाई का साधन होता हैं. लेकिन, लॉकडाउन होने के कारण न तो पर्यटक आ पाए और न ही जंगल सफारी चल पाई. जिसके बाद राजाजी पार्क में चलने वाली लगभग 75 जिप्सियों के पहिये थम गए. जिप्सी के पहिये थमने के बाद जंगल सफारी का व्यवसाय ठप पड़ गया हैं. व्यवसाय से जुड़े जिप्सी स्वामी, जिप्सी चालक और गाइडों को मिलाकर लगभग 200 परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट मंडराने लगा है.
दरअसल, जंगल सफारी के पूरे सीजन में 75 जिप्सियों का लगभग 1 करोड़ 50 लाख का व्यापार हुआ करता है. लेकिन, इस बार व्यवसायियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है. जिसको लेकर विधानसभा अध्यक्ष के पास जिप्सी यूनियन के पदाधिकारी अपनी समस्या को लेकर पहुंचे. जहां सरकार द्वारा जिप्सियों के 3 माह की टैक्स छूट को जिप्सी यूनियन के पदाधिकारियों ने नाकाफी बताया. जिसको लेकर सरकार से और राहत की मांग की है.
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वहीं जिप्सी वेलफेयर सोसायटी के पदाधिकारियों का कहना हैं कि नवंबर से जून तक ही सीजन चलता है. ऐसे में सरकार द्वारा 3 माह के टैक्स में ही छूट दी है. जो कि अप्रैल, मई और जून माह की है. जबकि, इस सीजन के अलावा आने वाले सीजन में संभावना अच्छी नहीं दिख रही है.