टिहरी/नैनीताल/देहरादून/पौड़ी: उत्तराखंड वासियों के लिए रविवार और सोमवार का दिन मुसीबत भरा रहा. उत्तरकाशी के मोरी क्षेत्र में रविवार को बादल फटने से भारी तबाही हुई तो वहीं प्रदेश के अन्य हिस्सों में भारी बारिश की वजह से जनजीवन अस्त व्यस्त रहा. भारी बारिश के चलते जहां मैदानी जिलों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं, वहीं पहाड़ों में बारिश की वजह से भूस्खलन हो रहा है. जिसका मलबा राष्ट्रीय और राज्यमार्गों पर आ रहा है. जिस कारण कई हाई-वे बंद पड़े हैं.
पौड़ी
जिले की बात करें तो यहां गांवों को शहर से जोड़ने वाली करीब 22 सड़कें बंद पड़ी हैं. जिन्हें जिला प्रशासन खोलने का प्रयास कर रहा है. वहीं ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर फरासू के पास लगातार पहाड़ी दरकर रही है. इसके अलावा श्रीनगर में कई और जगहों पर भी हाई-वे पर भूस्खलन हो रहा है. हाई-वे पर गिरे मलबे के हटाने के लिए 14 जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं. श्रीनगर से रुद्रप्रयाग आने-जाने वाले वाहनों को खिर्सू, चमधार और खाखरा होते हुए भेजा रहा है.
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अलकनंदा का जल स्तर बढ़ा
पहाड़ों पर बीते कई दिनों हो रही बारिश के कारण अलकनंदा नदी का जल स्तर भी बढ़ गया है. श्रीनगर, कीर्तिनगर और देवप्रयाग में सभी घाट डूब चुके हैं. इसके साथ-साथ ही नदी धारी देवी मंदिर के बिल्कुल नीचे से बह रही है. जिस कारण मंदिर भी खतरे की जद में है. अलकनंदा खतरे के निशान को पार करके 534 मीटर पर बह रही है.
जौनसार बावर क्षेत्र में 15 सड़कें बंद
जौनसार बावर क्षेत्र में बीते कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. तेज बारिश के कारण लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं. किसान समय पर मंडियों में अपनी फसलें नहीं पहुंचा पा रहे हैं. इस क्षेत्र में भी कई मार्ग बंद पड़े हुए हैं. जिन्हें लोक निर्माण विभाग खोलने का प्रयास कर रहा है. विभाग के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह ने बताया कि मार्गों को खोलने के लिए जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं. मार्गों को खोलने का प्रयास किया जा रहा है. चकराता लोक निर्माण विभाग के अधीन 6 मार्ग बंद हैं, जबकि लोक निर्माण के अधीन 10 मार्ग बंद है.
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हल्द्वानी में जन जीवन अस्त व्यस्त
कुमाऊं में भी बारिश कहर बनकर टूट रही है. कुमाऊं मंडल के कई जिले भारी बारिश से प्रभावित हैं. कुमाऊं के कई जिलों में बीती रात से तेज बारिश हो रही है. जिला प्रशासन बरसात को लेकर पूरी तरह से अलर्ट है. बरसात के चलते जगह-जगह जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है तो वहीं कई नदी और नाले उफान पर हैं. सूखी नदी के उफान पर आने से कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है.
नैनीताल में कई रास्ते बंद
नैनीताल जिलाधिकारी सविन बंसल के मुताबिक अभी तक जिले में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन कई जगह भूस्खलन हुआ है. पहाड़ के दूरस्थ इलाकों में करीब आधा दर्जन से अधिक अंतरिक मार्ग बंद पड़े हैं. नैनीताल जिले के रामनगर में रविवार को पर्यटकों की कार बहने के कारण तीन लोग लापता हो गए थे. जिसमें से एक का शव बरामद हो गया है, जबकि दो लोग अभी भी लापता है.
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मसूरी में भूस्खलन
भारी बारिश के कारण मसूरी और कैम्पटी फॉल इलाके में जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है. जिस कारण कई मार्ग बांधित हैं. कैम्पटी-यमुनोत्री मार्ग भी भूस्खलन की वजह से बंद है. यात्री बीच रास्तों में फंसे हुए हैं. वहीं मसूरी में छावनी परिषद के मलिंगार क्षेत्र में भू-स्खलन की वजह से 9 घर खतरे की जद में आ गए हैं. जिन्हें स्थानीय प्रशासन ने तत्काल खाली कराया. एसडीएम मसूरी और मसूरी कोतवाल भावना कैंथोला ने मौके पर पहुंचे घरों का निरीक्षण किया. लंढौरा में भी कोहिनूर बिल्डिंग का एक हिस्सा गिर गया है.