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बजट 2020: रेलवे को लेकर क्या चाहते हैं पहाड़ के लोग, जानें उन्हीं की जुबानी

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Published : Jan 21, 2020, 5:33 PM IST

Updated : Jan 21, 2020, 9:01 PM IST

वित्तिय वर्ष में 2019-20 में रेलवे को 65837 करोड़ दिए गए थे, वहीं इस बार कयास लगाए जा रहे हैं कि रेलवे को इस बार 72000 रुपए मिल सकते हैं.

general budget 2020
रेलवे

देहरादून: मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट एक फरवरी को पेश करेगी. इस बजट से आम जनता का काफी उम्मीद है. भारतीय रेलवे को भी इस बजट से काफी उम्‍मीद है. हो सकता है इस बार बजट में रेलवे के लिए कोई महत्‍वपूर्ण निवेश लाया जाए.

उम्मीद की जा रही है कि इस बार के बजट में सरकार का फोकस रेलवे के विस्तार से लेकर उसे आधुनिक बनाने पर रहेगा. वित्तिय वर्ष में 2019-20 में रेलवे को 65837 करोड़ दिए गए थे, वहीं इस बार कयास लगाए जा रहे हैं कि रेलवे को इस बार 72000 रुपए मिलने की उम्मीद है.

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रेलवे के लिहाज से देहरादून के लोगों को इस बार के बजट से क्या उम्मीदें हैं, इस पर ईटीवी भारत ने लोगों की राय जानी. इस दौरान कुछ लोगों ने कहा कि जिस तरह रेलवे में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाई जा रही है वो गलत है. उनका मानना है कि इससे रेल सेवा और महंगी होगी.

रेलवे को लेकर क्या चाहते हैं पहाड़ के लोग

वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड और अन्य पर्वतीय राज्यों के परिपेक्ष्य में कुछ स्थानीय निवासियों का कहना था कि केंद्र सरकार को इस बार के बजट में पर्वतीय इलाकों में ट्रेनों के संचालन को बढ़ावा देने पर जोर देना चाहिए. ताकि दुरुस्त पहाड़ी इलाकों तक भी विकास आसानी से पहुंच सके. इसके साथ ही देश में बिछी रेलवे लाइनों का दोहरीकरण भी जरूरी है,. जिससे की आम नागरिक के लिए रेल यात्रा और सुखद हो सके.

पढ़ें- मेडिकल स्टोर पर चल रहा था प्रतिबंधित दवाइयों का खेल, छापेमारी में खुली पोल

इसके अलावा कुछ महिलाओं ने रेलवे में सुरक्षा का मुद्दा उठाया है. बजट में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी कुछ कदम उठाने चाहिए. सभी ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था होनी चाहिए.

देहरादून: मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट एक फरवरी को पेश करेगी. इस बजट से आम जनता का काफी उम्मीद है. भारतीय रेलवे को भी इस बजट से काफी उम्‍मीद है. हो सकता है इस बार बजट में रेलवे के लिए कोई महत्‍वपूर्ण निवेश लाया जाए.

उम्मीद की जा रही है कि इस बार के बजट में सरकार का फोकस रेलवे के विस्तार से लेकर उसे आधुनिक बनाने पर रहेगा. वित्तिय वर्ष में 2019-20 में रेलवे को 65837 करोड़ दिए गए थे, वहीं इस बार कयास लगाए जा रहे हैं कि रेलवे को इस बार 72000 रुपए मिलने की उम्मीद है.

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रेलवे के लिहाज से देहरादून के लोगों को इस बार के बजट से क्या उम्मीदें हैं, इस पर ईटीवी भारत ने लोगों की राय जानी. इस दौरान कुछ लोगों ने कहा कि जिस तरह रेलवे में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाई जा रही है वो गलत है. उनका मानना है कि इससे रेल सेवा और महंगी होगी.

रेलवे को लेकर क्या चाहते हैं पहाड़ के लोग

वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड और अन्य पर्वतीय राज्यों के परिपेक्ष्य में कुछ स्थानीय निवासियों का कहना था कि केंद्र सरकार को इस बार के बजट में पर्वतीय इलाकों में ट्रेनों के संचालन को बढ़ावा देने पर जोर देना चाहिए. ताकि दुरुस्त पहाड़ी इलाकों तक भी विकास आसानी से पहुंच सके. इसके साथ ही देश में बिछी रेलवे लाइनों का दोहरीकरण भी जरूरी है,. जिससे की आम नागरिक के लिए रेल यात्रा और सुखद हो सके.

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इसके अलावा कुछ महिलाओं ने रेलवे में सुरक्षा का मुद्दा उठाया है. बजट में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी कुछ कदम उठाने चाहिए. सभी ट्रेनों में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था होनी चाहिए.

Intro:देहरादून- जैसा कि हम सभी जानते हैं कि केंद्र की मोदी सरकार ने साल 2017 से देश के आम बजट के साथ ही रेलवे बजट पेश करने की परंपरा शुरू कर दी है । ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दूसरे आम बजट और रेल बजट से आम जनता की कई उम्मीदें जुड़ी हुई हैं।

आगामी 1 फरवरी को सदन में पेश होने जा रहे रेलवे बजट की बात करें तो देश के हर नागरिक की रेल बजट से कुछ अलग उम्मीदें है । हालांकि ऐसी अटकलें हैं की इस बार पेश होने जा रहे रेल बजट में सरकार का फोकस रेलवे के विस्तार से लेकर उसे आधुनिक बनाने पर रहेगा । जिसके लिए वित्तीय वर्ष 2019- 20 के 65837 करोड़ रुपए के बजट की तुलना में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए संभवतः लगभग 72000 करोड़ का रेलवे बजट सदन में पेश किया जा सकता है ।

रेल बजट 2020-21 को लेकर जब ईटीवी भारत ने राजधानी देहरादून की कुछ आम जनता से उनकी राय जानी तो सभी ने बड़ी ही बेबाकी के साथ अपनी राय रखी । इस दौरान जहां कुछ लोग ट्रेनों के संचालन को IRCTC से हटाकर प्राइवेट प्लेयर को सौंपे जाने के खिलाफ नज़र आए । तो वही कई लोग रेलवे लाइनों के दोहरीकरण और उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में ट्रेनों का संचालन शुरू करने की पैरवी करते नजर आए।

ट्रेनों के संचालन को प्राइवेट प्लेयर के हाथों में सौंपे जाने को लेकर देहरादून के स्थानीय निवासियों का साफ तौर पर कहना था कि इस फैसले से ट्रेन का सफर काफी महंगा हो जाएगा । जिससे बढ़ती महंगाई के इस दौर में आम नागरिक की जेब पर और अधिक बोझ बढ़ेगा ।




Body:वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड और अन्य पर्वतीय राज्यों के परिपेक्ष्य में कुछ स्थानीय निवासियों का कहना था कि केंद्र सरकार को इस बार के रेल बजट में पर्वतीय इलाकों में ट्रेनों के संचालन को बढ़ावा देने पर जोर देना चाहिए । जैसे कि दुरुस्त पहाड़ी इलाकों तक भी विकास आसानी से पहुंच सके । इसके साथ ही देश में बिछी रेलवे लाइनों का दोहरीकरण भी जरूरी है । जिससे की आम नागरिक के लिए रेल यात्रा और सुखद हो सके।

वहीं बात महिलाओं की करें तो आगामी 1 फरवरी को पेश होने जा रहे हैं केंद्रीय रेल बजट 2020- 21 से महिलाओं की अपनी अलग उम्मीदें हैं । देश में बढ़ते अपराधों के ग्राफ को देखते हुए महिलाएं उम्मीद रखती है कि इस बार के रेल बजट में महिलाओं के लिए रेल यात्रा को और सुरक्षित बनाया जाए। इसके लिए ट्रेनों में सीसीटीवी की व्यवस्था होनी चाहिए इसके साथ ही महिलाओं और दिव्यांगों के लिए अलग कुछ भी बनाया जाना चाहिए ।

बहरहाल हर बार की तरह इस बार भी रेल बजट से आम जनता की कई उम्मीदें जुड़ी हुई है अब देखना यह होगा कि केंद्र की मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के दूसरे आम बजट और रेल बजट से आम जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतर पाती है ।







Conclusion:
Last Updated : Jan 21, 2020, 9:01 PM IST
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