ऋषिकेश: शहरी विकास विभाग की फाइलों में दबी सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियमावली 2016 (Solid Waste Management Rules 2016) को लेकर राज्य का शासन-प्रशासन हरकत में आया है. छह साल से नियमावली के तहत कूड़े-कचरे का निस्तारण नहीं कराया जा रहा था. अब प्रशासन ने जमीनी क्रियान्वयन की कवायद शुरू की है. कूड़ा निस्तारण में लापरवाहों पर कार्रवाई के लिए देहरादून डीएम ने छापेमारी टीम गठित की हैं.
ऋषिकेश में एसडीएम और नगर आयुक्त की अगुवाई में टीम गठित हुई है, जिनमें तहसील, जीएसटी और परिवहन विभाग आदि महकमों के अधिकारियों को शामिल किया गया है. कार्रवाई से पहले निगम प्रशासन ने इस बाबत लोगों को विभिन्न माध्यमों से जागरूक करने की योजना बनाई है. पॉलिसी के तहत 100 किलोग्राम से ज्यादा गीला कूड़ा उत्पादित करने वाले होटल, वेडिंग प्वाइंट, धर्मशाला व अन्य संस्थानों को खुद की काम्पोस्ट मशीन लगानी है. कूड़ा का निस्तारण कर उससे खाद बनाई बनानी है. प्लास्टिक को प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड में पंजीकृत एजेंसी को दिया जाना है. इसका ब्योरा भी हर महीने निकाय को उपलब्ध कराना है. दिलचस्प यह है कि अभीतक नियमावाली के अनुरूप कूड़ा निस्तारण नहीं किया जा रहा था.
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जागरूकता के लिए निगम में होगी बैठक: कूड़ा निस्तारण के तहत होटल, वेडिंग प्वाइंट, धर्मशालाओं व अन्य संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ जल्द नगर निगम प्रशासन बैठक करने जा रहा है. जिसमें उन्हें सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी से जुड़े नियमों से अवगत कराया जाएगा. सहायक नगर आयुक्त रमेश सिंह रावत के मुताबिक इसके बाद नगर क्षेत्र में व्यापक छापेमारी अभियान चलाया जाएगा. जिसमें लापरवाही मिलने पर संबंधित पर जुर्माना लगाया जाएगा.
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1122 एजेंसियों के लाइसेंस निरस्त: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में प्लास्टिक कचरे के कलेक्शन को लेकर पंजीकृत करीब 1122 एजेंसियों का लाइसेंस निरस्त किया गया है. संस्थाओं पर यह कार्रवाई कलेक्शन में लापरवाही बरतने पर किया गया है. दावा है कि रजिस्ट्रेशन के बावजूद इन एजेंसियों ने प्लास्टिक वेस्ट इकट्ठा नहीं किया. जिसके चलते बोर्ड को कड़ा फैसला लेते हुए लाइसेंस ही निरस्त करने पड़े.
100 से 5 लाख तक चालान: सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियमावली के उल्लंघन पर जुर्माने का प्रावधान भी किया गया, जिसमें सामान्य यूजर पर 100 रुपए अर्थदंड, ट्रेडर पर एक लाख और ट्रांसपोर्टर पर दो लाख रुपए के जुर्माना लगाया है. प्रतिबंधित प्लास्टिक के इस्तेमाल पर जुर्माने की यह राशि पांच लाख रुपए तक हो सकती है.
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नगर निगम के अधिकारी क्या बोले: शहरी क्षेत्र में संचालित होटल, वेडिंग प्वाइंट, धर्मशालाओं व अन्य संस्थानों को नियामवली के प्रति जागरूक करने के लिए सप्ताहभर में बैठक की जाएगी. छापेमारी टीम गठित हो चुकी है. जागरूकता कार्यक्रम के बाद सघन छापेमारी अभियान चलाया जाएगा. लापरवाही मिलने पर जुर्माना की कार्रवाई होगी.