देहरादूनः उत्तराखंड की राजनीति में इन दिनों हाईकोर्ट का वो फैसला चर्चाओं में है, जिसके चलते ना केवल राज्य सरकार बल्कि सरकार की जांच एजेंसियां भी कटघरे में खड़ी हो गई है. खास बात ये है कि नैनीताल हाईकोर्ट ने केवल 2 महीने में ही तीन मामलों की सीबीआई जांच करने के आदेश दिए हैं. इसमें वे मामले भी शामिल हैं जिनकी पहले से ही राज्य की जांच एजेंसियां जांच कर रही थी.
बड़े चेहरों पर कार्रवाई नहीं: हाईकोर्ट ने इन जांच को पर्याप्त ना पाते हुए इनपर सीबीआई जांच के निर्देश दिए हैं. हालांकि, इनमें से दो मामले ऐसे हैं जो काफी लंबे समय से चर्चाओं में बने हुए थे और इनमें बड़े अधिकारियों के द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने की बात सामने आ रही थी. लेकिन बड़े चेहरों पर कार्रवाई नहीं होने की बात याचिकाकर्ता की तरफ से रखी गई. हाईकोर्ट ने भी इसे स्वीकारते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए.
भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार: खास बात यह है कि हाईकोर्ट के इन फसलों के बाद उत्तराखंड की राजनीति में भी यह एक मुद्दा बन गया है. कांग्रेस ने राज्य सरकार और सरकार की जांच एजेंसियों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि हाईकोर्ट ने जिस तरह से विभिन्न तीन भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों पर सीबीआई जांच करवाई है. उससे स्पष्ट है कि उत्तराखंड की जांच एजेंसियां इनमें पारदर्शी जांच नहीं कर रही थी. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी कहते हैं कि भाजपा सरकार जीरो टॉलरेंस का जो नारा देती है. हाईकोर्ट के इन फैसलों ने उनकी पोल खोल दी है. हाईकोर्ट की तरफ से भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कड़ा प्रहार किया गया है.
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रिटायरमेंट से पहले चीफ जस्टिस ने दिए CBI जांच के आदेश: हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विपिन सांघी ने अपने रिटायर होने के आखिरी दिन भी एक बेहद महत्वपूर्ण मामले पर सीबीआई जांच के आदेश दिए. दरअसल चीफ जस्टिस रहे विपिन सांघी 26 अक्टूबर को रिटायर हुए हैं. उन्होंने अपने रिटायरमेंट के आखिरी दिन उद्यान विभाग में हुए बड़े भ्रष्टाचार के मामले पर सीबीआई जांच के आदेश दिए.
उत्तराखंड के इन मामलों पर दिए सीबीआई जांच के आदेश: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 6 हजार पेड़ काटे जाने और अवैध रूप से बिना स्वीकृति के निर्माण कार्य किए जाने के मामले में सीबीआई जांच के आदेश हुए हैं. नैनीताल हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता द्वारा बड़े अफसर और नेताओं पर कार्रवाई नहीं होने की बात कहकर हाईकोर्ट में अपील की थी, जिसको स्वीकारते हुए कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए. यह मामला हालांकि सुप्रीम कोर्ट में भी फिलहाल पेंडिंग है. प्रकरण में दो रिटायर्ड अधिकारियों को जेल की हवा खानी पड़ी है. साथ ही एक और आईएफएस अधिकारी को भी निलंबित किया गया था. इतना ही नहीं, तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत भी इसमें जांच के दायरे में हैं.
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दूसरा मामला हरिद्वार का है. जहां पंतदीप पार्किंग ठेकेदार को सरकार की तरफ से कोविड के दौरान ठेका विस्तार किया गया. इसमें हाईकोर्ट ने ठेकेदार को दिए गए काम के एक्सटेंशन को गलत माना है. लिहाजा व्यक्ति विशेष को फायदा देने के मकसद से ठेके के विस्तार को गलत मानते हुए इसे घोर अनियमितता के रूप में मानते हुए सीबीआई जांच के आदेश सरकार को दिए हैं.
तीसरे मामले में हाईकोर्ट ने उद्यान विभाग में हुए भ्रष्टाचार को गंभीर मानते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. बड़ी बात यह है कि इस प्रकरण में पहले ही तत्कालीन उद्यान निदेशक हरमिंदर सिंह बवेजा को सरकार की तरफ से निलंबित किया गया था. हरमिंदर सिंह बवेजा हिमाचल प्रदेश के अधिकारी हैं और प्रतिनियुक्ति पर उत्तराखंड में काम कर रहे हैं. बड़ी बात यह है कि उन पर हिमाचल प्रदेश में भी जांच हुई थी. लेकिन इसके बावजूद भी उत्तराखंड में उनकी प्रतिनियुक्ति के बाद उन्हें उद्यान के निदेशक की अहम जिम्मेदारी दी गई.
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हरमिंदर सिंह बावेजा के खिलाफ कीवी फल के पौधे वितरण के लिए कीमतों में बढ़ोतरी करने, हल्दी, अदरक बीज वितरण में देरी करने खराब गुणवत्ता के पौधे उपलब्ध कराने और अंतरराष्ट्रीय महोत्सव के लिए स्वीकृति से अधिक धन खर्च करने समेत कुछ दूसरे आरोप भी हैं. इतना ही नहीं, फर्जी नर्सरी अनिका ट्रेडर्स को पूरे राज्य में करोड़ों की पौध खरीद का कार्य देकर बड़े घोटाले के भी आरोप उन पर लगाए गए हैं.
भाजपा ने किया बचाव: महज दो महीने में ही तीन मामलों पर सीबीआई जांच के आदेश से सरकार भी सकते में है और तमाम जांच एजेंसियों में भी हड़कंप मचा हुआ है. उधर इस मामले को कांग्रेस ने हाथों-हाथ लेते हुए सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है, जिसके बाद इन प्रकरण पर आने वाले दिनों में राजनीति और भी तेज होने की उम्मीद है. हालांकि कांग्रेस के विरोध का जवाब देते हुए भाजपा भी सरकार के बचाव में उतर आई है. भाजपा के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान कहते हैं कि सरकार जीरो टॉलरेंस के जो नारे को देती है, उस पर कायम है. लगातार यह कोशिश की जा रही है कि जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं और भ्रष्टाचार के मामले आ रहे हैं उन पर निष्पक्ष जांच करवाई जाए.
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