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प्रवासियों को क्वारंटाइन करना उत्तराखंड सरकार के लिए बनी चुनौती, होम क्वारंटाइन मजबूरी - देहरादून पहुंच रहे प्रवासी

उत्तराखंड में दूसरे प्रदेशों से आने वाले प्रवासियों को क्वारंटाइन करना ही सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. प्रवासियों की बड़ी तादाद के चलते सरकार संसाधन नहीं जुटा पा रही है. नतीजतन लोगों को होम क्वारंटाइन करने को सरकार मजबूर है.

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प्रवासियों को क्वारंटाइन करना सरकार के लिए चुनौती
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Published : May 23, 2020, 7:11 PM IST

Updated : May 23, 2020, 9:53 PM IST

देहरादून: प्रवासियों का अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने का सिलसिला जारी है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रवासियों को क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है, लेकिन सरकारी क्वारंटाइन की सीमित व्यवस्था के चलते प्रशासन लोगों को होम क्वारंटाइन करने को मजबूर है. ताजा आंकड़ों के अनुसार उत्तराखंड में अब तक 2 लाख 45 हजार लोगों ने वापस आने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है. जबकि अब तक सरकार 1.5 लाख प्रवासियों के वापस आने का दावा कर रही है.

इसमें सबसे ज्यादा दिल्ली से 55,000 लोग वापस लौटे हैं. जबकि यूपी, हरियाणा और पंजाब समेत दूसरे राज्यों से भी प्रवासी लगातार उत्तराखंड आ रहे हैं. हरिद्वार जिले में करीब 50 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. इसी तरह राज्य के बॉर्डर के जिलों में क्वॉरेंटाइन सेंटर की व्यवस्था की गई है, लेकिन जिस तरह बड़ी तादाद में प्रवासी वापस लौट रहे हैं. ऐसे हालातों में सबको सरकारी क्वारंटाइन में रखना नामुमकिन सा होता जा रहा है. शायद यही कारण है कि अब तक बड़ी संख्या में लोगों को होम क्वारंटाइन भी किया गया है.

प्रवासियों को क्वारंटाइन करना बना चुनौती.

ये भी पढ़ें- रामनगर: दिल्ली से लौटा युवक निकला कोरोना पॉजिटिव, कुल संख्या हुई चार

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि प्रवासियों के बीमार होने पर उन्हें ऐसे सेंटर्स में भेजा जा रहा है, जहां पर ज्यादा व्यवस्थाएं हैं. ताकि कोरोना के इलाज में भी कोई कमी न रहे. कई कोरोना संक्रमित लोगों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भी शिफ्ट किया जा रहा है, जो एक बड़े खतरे को बयां कर रहा है. हालांकि इस पर सरकार मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने का तर्क दे रही हैं. लेकिन प्रवासियों के मामले में क्वारंटाइन सेंटर्स को लेकर राज्य में दिक्कतें बरकरार हैं.

देहरादून: प्रवासियों का अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने का सिलसिला जारी है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रवासियों को क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है, लेकिन सरकारी क्वारंटाइन की सीमित व्यवस्था के चलते प्रशासन लोगों को होम क्वारंटाइन करने को मजबूर है. ताजा आंकड़ों के अनुसार उत्तराखंड में अब तक 2 लाख 45 हजार लोगों ने वापस आने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है. जबकि अब तक सरकार 1.5 लाख प्रवासियों के वापस आने का दावा कर रही है.

इसमें सबसे ज्यादा दिल्ली से 55,000 लोग वापस लौटे हैं. जबकि यूपी, हरियाणा और पंजाब समेत दूसरे राज्यों से भी प्रवासी लगातार उत्तराखंड आ रहे हैं. हरिद्वार जिले में करीब 50 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं. इसी तरह राज्य के बॉर्डर के जिलों में क्वॉरेंटाइन सेंटर की व्यवस्था की गई है, लेकिन जिस तरह बड़ी तादाद में प्रवासी वापस लौट रहे हैं. ऐसे हालातों में सबको सरकारी क्वारंटाइन में रखना नामुमकिन सा होता जा रहा है. शायद यही कारण है कि अब तक बड़ी संख्या में लोगों को होम क्वारंटाइन भी किया गया है.

प्रवासियों को क्वारंटाइन करना बना चुनौती.

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कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि प्रवासियों के बीमार होने पर उन्हें ऐसे सेंटर्स में भेजा जा रहा है, जहां पर ज्यादा व्यवस्थाएं हैं. ताकि कोरोना के इलाज में भी कोई कमी न रहे. कई कोरोना संक्रमित लोगों को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भी शिफ्ट किया जा रहा है, जो एक बड़े खतरे को बयां कर रहा है. हालांकि इस पर सरकार मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने का तर्क दे रही हैं. लेकिन प्रवासियों के मामले में क्वारंटाइन सेंटर्स को लेकर राज्य में दिक्कतें बरकरार हैं.

Last Updated : May 23, 2020, 9:53 PM IST
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