देहरादूनः लोक निर्माण विभाग में ठेका प्रथा बंद करने और विभिन्न मार्गों पर सालों से विभागीय हैंड रसीद/आउटसोर्स से कार्यरत कर्मचारियों को उपनल में समायोजित किए जाने समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन तेज हो गया है. इसी कड़ी में विभिन्न मांगों को लेकर आज आउटसोर्स जेसीबी चालकों, ऑपरेटर, हेल्पर, इलेक्ट्रिशियनों ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया.
शुक्रवार को तमाम वाहन चालक, ऑपरेटर, हेल्पर विद्युत यांत्रिक संयुक्त कर्मचारी संघ, लोक निर्माण विभाग के बैनर तले तमाम आउटसोर्स कर्मियों ने गांधी पार्क पैदल मार्च निकालते हुए मुख्यमंत्री आवास कूच किया, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को न्यू कैंट रोड स्थित हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. इसके बाद प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और एक सभा का आयोजन किया. पीडब्ल्यूडी विभाग के आउटसोर्स कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने सभी कर्मचारियों से अपनी मांगों को लेकर एकजुट होने का आह्वान किया.
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संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद सिंह ज्याडा का कहना है कि कई महीने से उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र के गरीब बेरोजगार, क्षेत्रीय ग्रामीण, मूल निवासी जिसमें मेट, बेलदार, श्रमिक राज्य निर्माण से ही रोजगार पाने की चाहत में विभाग में आउटसोर्स प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से कार्यरत हैं, लेकिन सरकार विभाग में सालों से इन आउटसोर्स पर कार्यरत कार्मिकों के सुरक्षित भविष्य के लिए उपनल या सरकारी एजेंसी से विभाग में समायोजित नहीं कर रही है.
उन्होंने बताया कि यह कर्मचारी उत्तराखंड के विभिन्न राजमार्गों पर आउटसोर्स प्राइवेट एजेंसी के माध्यम से तैनात हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को लगातार अनसुना कर रही है. उन्होंने कहा कि शासन को बार-बार ज्ञापन देने के बावजूद अभी तक उनकी मांगों पर कोई अमल नहीं किया गया है, इसलिए आज एक बार फिर उन्हें मुख्यमंत्री आवास कूच करने के लिए बाध्य होना पड़ा है.
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लोक निर्माण विभाग आउटसोर्स कर्मियों की मांगें
- कोरोनाकाल में हटाए गए कार्मिकों को पुनः कार्य पर बहाल किया जाए. इसके साथ ही विभाग में सालों से आउटसोर्स के माध्यम से कार्यरत सभी कर्मचारियों का ईपीएफ, बकाया मजदूरी भुगतान साल 2014 से कराया जाए. इसके अलावा गरीब मजदूर श्रमिकों का शोषण, उत्पीड़न करने वाले सभी दोषियों को चिह्नित कर दंडित किया जाए.
- चारधाम यात्रा मार्ग पर कार्यरत कर्मचारियों को माइनस सेल्सियस प्वाइंट पर सुरक्षा उपकरण, रहने खाने की सुविधा और आने जाने का किराया दिया जाए. साथ ही स्थानीय प्रचलित दर के अनुसार मजदूरी भुगतान किया जाए.
- कोरोनाकाल में हताहत हुए या दुर्घटनावश आकस्मिक मृत्यु को प्राप्त हुए कर्मचारियों के परिवारों के आश्रितों को उचित मुआवजा दिया जाए और परिवार के एक सदस्य को सेवा में रखा जाए.