देहरादून: पुष्कर सिंह धामी ने आज उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (रि) ने पुष्कर सिंह धामी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. उत्तराखंड में यह पहली बार हुआ, जब किसी मुख्यमंत्री को लगातार दूसरा बार अवसर दिया गया है. भाजपा विधायक दल की बैठक में धामी को फिर से नेता चुना गया है. वहीं पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत प्राप्त कर भाजपा लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज हुई है. लेकिन सीएम धामी स्वयं खटीमा सीट से चुनाव हार गए, इसके बावजूद भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने धामी पर ही भरोसा जताया है. साथ ही धामी को छह महीने के अंदर विधायकी का चुनाव जीतना होगा.
वहीं, शपथ लेने के बाद पीएम मोदी ने पुष्कर सिंह धामी को बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि 'उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर पुष्कर सिंह धामी को ढेरों बधाई. बीते 5 वर्षों में देवभूमि ने हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है. मुझे विश्वास है कि आप और आपके सभी मंत्री उसे और गति प्रदान करेंगे, जन आकांक्षाओं के अनुरूप विकास का एक नया प्रतिमान स्थापित करेंगे. पुष्कर सिंह धामी के दोबारा सीएम बनने से पार्टी कार्यकर्ताओं मे जबरदस्त उत्साह है.
देहरादून के परेड मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण के कई लोग साक्षी बने. कार्यकर्ता ढोल नगाड़ों के साथ जश्न मनाते दिखाई दिए. वहीं पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत प्राप्त कर भाजपा लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज हुई है. जिसके बाद पार्टी हाईकमान ने भी उन पर भरोसा जताया है. वहीं, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी दूसरी पारी शुरू करने जा रहे पुष्कर सिंह धामी ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद सीएम आवास पहुंचकर अपनी मां बिसना देवी का आशीर्वाद लिया. वहीं, आज शाम को सीएम धामी हरिद्वार में गंगा आरती में शामिल होंगे और साधु-संतों से मुलाकात भी करेंगे.
-
Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami seeks blessings of his mother Vishna Devi as he begins his second consecutive term as the Chief Minister of the state. pic.twitter.com/sfsUe0P2Wz
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 23, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami seeks blessings of his mother Vishna Devi as he begins his second consecutive term as the Chief Minister of the state. pic.twitter.com/sfsUe0P2Wz
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 23, 2022Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami seeks blessings of his mother Vishna Devi as he begins his second consecutive term as the Chief Minister of the state. pic.twitter.com/sfsUe0P2Wz
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 23, 2022
पढ़ें-सरकार गठन से पहले टपकेश्वर मंदिर पहुंचे धामी, वरिष्ठ नेताओं ने भी लगाई हाजिरी
भाजयुमो में निभा चुके अहम जिम्मेदारी: धामी भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. बीजेपी के युवा कार्यकर्ताओं पर उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है. उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाए जाने के पीछे बीजेपी की एक रणनीति युवा वोटरों को साधने की भी हो सकती है. ये रणनीति 2024 के लोकसभा चुनाव में रंग दिखाएगी. वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अगले 6 महीने के अंदर उन्हें विधानसभा का सदस्य बनना होगा. क्योंकि, धामी को इस विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है.
खटीमा से दो बार विधायक, तीसरी बार हारे: धामी ऊधमसिंह नगर जिले की खटीमा विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार विधायक थे. लेकिन इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा. धामी को उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी का करीबी माना जाता है. कोश्यारी अब सक्रिय राजनीति में नहीं हैं और फिलहाल महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं. राजनाथ सिंह के भी धामी करीबी माने जाते हैं.
धामी का राजनीति सफर: पुष्कर सिंह धामी 2012 में पहली बार खटीमा सीट से विधायक बने. उन्होंने तब कांग्रेस के देवेंद्र चंद को करीब 5 हजार वोटों से अंतर से हराया था. 2017 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में धामी ने खटीमा से लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की. इस बार उन्होंने कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी को 3 हजार से कम अंतर से हराया. 2022 के चुनाव में उन्हें कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने छह हजार से ज्यादा वोटों से हराया. उत्तराखंड में भाजपा की बहुमत के साथ जीत हुई. प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगी.
उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा को 11 दिन के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मुख्यमंत्री मिल गया है. सोमवार दोपहर केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में सांसदों और विधायकों के बीच उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा की. बैठक के बाद सिंह ने सीएम के नाम का ऐलान किया है.विधानसभा चुनाव 2022 के लिए उत्तराखंड में 14 मार्च को प्रदेशभर में वोटिंग हुई थी. 10 मार्च को मतगणना के बाद भाजपा ने 47 सीटों जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया था. जबकि, कांग्रेस को 19 और निर्दलीय एवं बसपा को दो-दो सीटों पर ही संतुष्ट होना पड़ा था.
लखनऊ विश्वविद्यालय से की पढ़ाई: पुष्कर सिंह धामी की राजनीति सफरनामा पर एक नजर डालते हैं. पुष्कर सिंह धामी का जन्म पिथौरागढ़ के टुंडी गांव में हुआ. इन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से अपनी उच्च शिक्षा हासिल की. धामी पोस्ट ग्रेजुएट हैं. व्यावसायिक शिक्षा में उन्होंने मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध के मास्टर डिग्री ली है.
ABVP के प्रदेश महामंत्री रहे: लखनऊ विश्वविद्यालय में धामी छात्र समस्याओं को उठाने के लिए जाने जाते थे. 1990 से 1999 तक वो ABVP के विभिन्न पदों पर रहे. उनके खाते में लखनऊ में ABVP के राष्ट्रीय सम्मेलन के संयोजक और संचालक होने की उपलब्धि दर्ज है. पुष्कर सिंह धामी यूपी के जमाने में ABVP के प्रदेश महामंत्री भी रहे.
संघर्षों से रहा नाता: उत्तराखंड के अति सीमांत जनपद पिथौरागढ़ की ग्राम सभा टुंडी, तहसील डीडीहाट में उनका जन्म हुआ. सैनिक पुत्र होने के नाते राष्ट्रीयता, सेवा भाव एवं देशभक्ति को ही उन्होंने धर्म के रूप में अपनाया. आर्थिक अभाव में जीवन यापन कर सरकारी स्कूलों से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की. तीन बहनों के पश्चात अकेला पुत्र होने के नाते परिवार के प्रति जिम्मेदारियां हमेशा बनी रहीं.
कुशल नेतृत्व क्षमता, संघर्षशीलता एवं अदम्य साहस के कारण दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए सन 2002 से 2008 तक छह वर्षों तक लगातार पूरे प्रदेश में जगह-जगह भ्रमण कर युवा बेरोजगारों को संगठित करके अनेकों विशाल रैलियां एवं सम्मेलन आयोजित किए.
संघर्षों के परिणामस्वरूप तत्कालीन प्रदेश सरकार से स्थानीय युवाओं को 70 प्रतिशत आरक्षण राज्य के उद्योगों में दिलाने में सफलता प्राप्त की. इसी क्रम में 2005 में प्रदेश के युवाओं को जोड़कर विधान सभा का घेराव हेतु एक ऐतिहासिक रैली आयोजित की गयी. जिसे युवा शक्ति प्रदर्शन के रूप में उदाहरण स्वरूप आज भी याद किया जाता है.
बता दें कि पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भाजपा को विधानसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत मिला. प्रदेश में भाजपा को 70 सीटों में से 47 सीटें मिलीं है, वहीं, कांग्रेस को 19 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है, जबकि बसपा को दो सीट मिलीं और दो सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी विजयी रहे.