देहरादून/हल्द्वानीः मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पहला बजट पेश किया. पहले से महंगाई की मार झेल रहे जनता को एक बार फिर मोदी सरकार ने बड़ा झटका दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए पेट्रोल और डीजल की कीमतों में ₹2 की बढ़ोतरी का ऐलान किया है. जिस पर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से उपभोक्ताओं की अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है.
डीजल-पेट्रोल के दामों में वृद्धि के बाद लोगों में मायूसी देखने को मिल रही है. राजधानी देहरादून में भी पेट्रोल-डीजल पर 1-1 प्रतिशत अतिरिक्त सेस पर लोगों का कहना कि कीमतें बढ़ने से आने वाले समय में जेब ढीली करनी पड़ेगी. साथ ही कहा कि पेट्रोल और डीजल को भी जीएसटी में शामिल करना चाहिए.
कुछ ग्राहकों का कहना है कि जिस तरह भारत के इराक के साथ संबंध बिगड़ रहे हैं. उस हिसाब से 1% सेस का बनना जायज है. वहीं, कुछ उपभोक्ताओं का कहना है कि पेट्रोल की कीमतें बढ़ने से गरीब जनता की जेब ढीली होगी. इस बजट में पेट्रोल डीजल की कीमत घटाने की बजाय सेस लगातार बढ़ाई गई है. जिससे महंगाई बढ़ रही है.
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उधर, Etv Bharat से बातचीत करते हुए हल्द्वानी के उपभोक्ताओं ने बताया कि अच्छे दिन की बात करने वाली मोदी सरकार ने जनता के ऊपर और बोझ डाल दिया है. पहले से ही डीजल और पेट्रोल की रेट में बढ़ोतरी होने से महंगाई आसमान छू रही हैं. इससे दैनिक जीवन में इस्तेमाल की जाने वस्तुएं भी महंगी हो जाएंगी.
उनका कहना है कि किसानों की आय को दोगुनी करने वाली सरकार डीजल के रेट में वृद्धि करती है, तो काश्तकारों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा. लोगों की उम्मीद थी कि मोदी सरकार महंगाई पर लगाम लगाने का काम करेगी, लेकिन डीजल और पेट्रोल के दामों में वृद्धि की गई है. जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोबारा से मौका दिया था, लेकिन बजट में ₹2 से ज्यादा की तेल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी कर आम जनता के जेब पर डाका डालने का काम किया है.