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देश की पहली विधानसभा होगी श्रीनगर, जहां पंचायत स्तर पर खुलेगी लाइब्रेरी

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने अपनी विधानसभा श्रीनगर की प्रत्येक ग्राम सभा में सार्वजनिक पुस्तकालय खोलने का अभियान शुरू किया है. इस अभियान के सफल होने के बाद श्रीनगर विधानसभा देश की ऐसी पहली विधानसभा होगी, जहां ग्राम सभा में सार्वजनिक पुस्तकालय खोले जाएंगे.

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Published : Jun 21, 2021, 8:24 PM IST

Updated : Jun 21, 2021, 9:30 PM IST

देहरादून: स्कूलों में ‘चटाई मुक्त अभियान’ के सफल संचालन के बाद प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने अपनी विधानसभा क्षेत्र में एक और नया अभियान शुरू कर दिया है. इस नये मिशन के तहत श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के सभी 205 ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक पुस्तकालयों की स्थापना की जाएगी. इन पुस्तकालयों में वह सभी पुस्तकें होगी, जो विद्यार्थियों से लेकर आम जनमानस के लिए भी लाभकारी होंगी. सभी पुस्तकालयों की स्थापना तीन माह के भीतर करने का लक्ष्य रखा गया है.

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि उन्होंने श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र में ‘चटाई मुक्त अभियान’ चलाया था, जिसके अंतर्गत लगभग 98 फीसदी विद्यालयों में फर्नीचर उपलब्ध करा दिये गये हैं. इस मुहिम के तहत प्राथमिक विद्यालय से लेकर इंटर कॉलेजों में पंजीकृत 25,200 छात्र-छात्राओं में से 24 हजार को फर्नीचर मिल चुका है. हालांकि कोरोना के बढ़ते प्रभाव से 1200 बच्चों को फर्नीचर उपलब्ध नहीं हो पाया है, जिसे शीघ्र उपलब्ध करा दिया जाएगा.

पढ़ें- उत्तराखंड बोर्ड ने तैयार किया 10वीं-12वीं के रिजल्ट का फॉर्मूला, शासन से मंजूरी का इंतजार

मंत्री रावत ने कहा कि ‘चटाई मुक्त अभियान’ की सफलता के बाद अब वह अपनी विधानसभा क्षेत्र के सभी 205 ग्राम सभाओं में सार्वजनिक पुस्तकालयों की स्थापना करने जा रहे हैं, जिसके लिए सभी औचारिकताएं पूरी कर ली गई है. इसके साथ ही अपनी विधायक निधि से आज एक करोड़ रुपए की धनराशि भी जारी कर दी है.

उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर पुस्तकालयों की स्थापना के लिए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है, जिसमें जिला पंचायतीराज अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी को बतौर सदस्य रखा गया है. ग्राम सभा स्तर पर पुस्तकालयों के लिए स्कूल, पंचायत भवन और आंगनबाड़ी केन्द्रों में से किसी एक का चयन किया जायेगा.

इसके अलावा पुस्तकालय संचालन के लिए पंचायत स्तर पर ही एक समिति बनाई जाएगी. जिसमें ग्राम प्रधान, उप प्रधान, महिला मंगल दल और युवक मंगल दल के अध्यक्ष व स्कूल से एक अध्यापक को शामिल किया जाएगा. पुस्तकालयों में ग्राम पंचायत की जनसंख्या के अनुसार विभिन्न विषयों से संबंधित एक हजार से लेकर चार हजार तक पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएगी. प्रत्येक पुस्तकालय में एक कम्प्यूटर भी उपलब्ध कराया जाएगा. जिसका उपयोग ग्राम पंचायत के निवासी अन्य जरूरी कार्यों के लिए भी कर सकेंगे. डॉ रावत ने बताया कि यदि यह अभिनव प्रयोग पूर्ण रूप से सफल रहा तो पूरे देश के लिए यह एक नजीर होगी.

देहरादून: स्कूलों में ‘चटाई मुक्त अभियान’ के सफल संचालन के बाद प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने अपनी विधानसभा क्षेत्र में एक और नया अभियान शुरू कर दिया है. इस नये मिशन के तहत श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के सभी 205 ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक पुस्तकालयों की स्थापना की जाएगी. इन पुस्तकालयों में वह सभी पुस्तकें होगी, जो विद्यार्थियों से लेकर आम जनमानस के लिए भी लाभकारी होंगी. सभी पुस्तकालयों की स्थापना तीन माह के भीतर करने का लक्ष्य रखा गया है.

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि उन्होंने श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र में ‘चटाई मुक्त अभियान’ चलाया था, जिसके अंतर्गत लगभग 98 फीसदी विद्यालयों में फर्नीचर उपलब्ध करा दिये गये हैं. इस मुहिम के तहत प्राथमिक विद्यालय से लेकर इंटर कॉलेजों में पंजीकृत 25,200 छात्र-छात्राओं में से 24 हजार को फर्नीचर मिल चुका है. हालांकि कोरोना के बढ़ते प्रभाव से 1200 बच्चों को फर्नीचर उपलब्ध नहीं हो पाया है, जिसे शीघ्र उपलब्ध करा दिया जाएगा.

पढ़ें- उत्तराखंड बोर्ड ने तैयार किया 10वीं-12वीं के रिजल्ट का फॉर्मूला, शासन से मंजूरी का इंतजार

मंत्री रावत ने कहा कि ‘चटाई मुक्त अभियान’ की सफलता के बाद अब वह अपनी विधानसभा क्षेत्र के सभी 205 ग्राम सभाओं में सार्वजनिक पुस्तकालयों की स्थापना करने जा रहे हैं, जिसके लिए सभी औचारिकताएं पूरी कर ली गई है. इसके साथ ही अपनी विधायक निधि से आज एक करोड़ रुपए की धनराशि भी जारी कर दी है.

उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर पुस्तकालयों की स्थापना के लिए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है, जिसमें जिला पंचायतीराज अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी को बतौर सदस्य रखा गया है. ग्राम सभा स्तर पर पुस्तकालयों के लिए स्कूल, पंचायत भवन और आंगनबाड़ी केन्द्रों में से किसी एक का चयन किया जायेगा.

इसके अलावा पुस्तकालय संचालन के लिए पंचायत स्तर पर ही एक समिति बनाई जाएगी. जिसमें ग्राम प्रधान, उप प्रधान, महिला मंगल दल और युवक मंगल दल के अध्यक्ष व स्कूल से एक अध्यापक को शामिल किया जाएगा. पुस्तकालयों में ग्राम पंचायत की जनसंख्या के अनुसार विभिन्न विषयों से संबंधित एक हजार से लेकर चार हजार तक पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएगी. प्रत्येक पुस्तकालय में एक कम्प्यूटर भी उपलब्ध कराया जाएगा. जिसका उपयोग ग्राम पंचायत के निवासी अन्य जरूरी कार्यों के लिए भी कर सकेंगे. डॉ रावत ने बताया कि यदि यह अभिनव प्रयोग पूर्ण रूप से सफल रहा तो पूरे देश के लिए यह एक नजीर होगी.

Last Updated : Jun 21, 2021, 9:30 PM IST
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